ज्वालामुखी, 01 नवंबर। स्वास्थ्य एवं सामाजिक कल्याण न्याय अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि लुथान में 85 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन सुखाश्रय परिसर में 400 के करीब निराश्रित महिलाओं, बच्चों तथा वृद्वजनों के रहने की सुविधा उपलब्ध होगी इसके साथ ही लुथान में सुखाश्रय परिसर में 8 करोड़ 50 लाख की राशि सखी निवास के निर्माण पर भी खर्च की जा रही है जिसमें 50 के करीब कामकाजी महिलाओं को रहने की सुविधा मिली है। शनिवार को लुथान में सुखाश्रय परिसर में निर्माण कार्यों का जायजा लेने के उपरांत सामाजिक कल्याण न्याय अधिकरिता मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को सुखाश्रय परिसर के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। प्रारंभिक चरण में निर्माण कार्यों पर 25 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को संवारने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि अनाथ बच्चे भी समाज के अन्य बच्चों की तरह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्य के नामी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिलाने की पहल की है। इस पहल के माध्यम से यह बच्चे जिन्होंने कम उम्र में अपने माता.पिता को खो दिया और कभी अच्छी शिक्षा का सपना भी नहीं देख पाए थे। अब प्रतिष्ठित विद्यालयों में पढ़कर अपने सपनों को साकार करने का अवसर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार बेहतर शैक्षणिक अवसर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिष्ठित विद्यालयों से भी संपर्क स्थापित कर रही है। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को रोजगारपरक उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की दूरदर्शी नेतृत्व के परिणामस्वरूप प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना भी शुरू की है। यह योजना प्रदेश के अनाथ बच्चों को शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने पदभार संभालने के उपरांत प्रदेश के सभी अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा प्रदान किया है। इसके तहत उनकी देखभाल सुरक्षा और शिक्षा की जिम्मेदारी 27 वर्ष की आयु तक राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि आईटीआई पॉलिटेक्निक इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों सहित सभी सरकारी सरकारी सहायता प्राप्त और निजी तकनीकी शिक्षा संस्थानों में अनाथ बच्चों के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक सीट आरक्षित की गई है जिससे उन्हें अन्य विद्यार्थियों के समान व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों के लिए देशभर के ऐतिहासिक स्थलों और प्रमुख नगरों का भ्रमण करवाने के लिए एक्सपोजर विजिट भी आयोजित कर रही हैए जिसमें हवाई यात्रा और तीन सितारा होटलों में आवास सहित सभी खर्च सरकार द्वारा उठाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक संजय रतन ने कहा की सुखासरे परिषद ज्वालामुखी विधानसभा के लिए एक ऐतिहासिक दिन वर्तमान सरकार की है। उन्होंने कहा कि वंचित वर्ग का उत्थान प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए विशेष कानून बनाकर उनके सम्मानजनक जीवन देखभाल और शिक्षा के अधिकार सुनिश्चित किए हैं। इसके उपरांत सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री ने शक्तिपीठ ज्वालामुखी में शीश नवाया तथा प्रदेश तथा समाज के कल्याण के लिए मंगल कामना की।
इस अवसर पर एसडीएम संजीव शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा, सीएमओ विवेक, अधीक्षण अभियंता श्री विवेक शर्मा भी उपस्थित रहे