सुजानपुर में सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर के साक्षात्कार 10 को
हमीरपुर 31 अक्तूबर। एसआईएस इंडिया लिमिटेड आरटीए हमीरपुर द्वारा सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर के 70 पदों पर भर्ती के लिए 10 नवंबर को सुबह 11 बजे उप रोजगार कार्यालय सुजानपुर में साक्षात्कार लिए जाएंगे।
 जिला रोजगार अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि इन पदों के लिए 19 वर्ष से 40 वर्ष तक के पुरुष उम्मीदवार भर्ती किए जाएंगे। दसवीं फेल या दसवीं पास अथवा इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले उम्मीदवार, जिनकी लंबाई कम से कम 168 सेंटीमीटर और वजन 52 से 95 किलोग्राम के बीच हो, इन पदों के लिए पात्र हैं। चयनित उम्मीदवारों को मौके पर ही ऑफर लैटर प्रदान किए जाएंगे तथा उन्हें 17,500 रुपये से लेकर 23 हजार रुपये तक मासिक वेतन एवं अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। 
 जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि अगर कोई युवा उपरोक्त योग्यता रखता है और उसका नाम किसी भी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत है तो वह अपने मूल प्रमाण पत्रों तथा हिमाचली प्रमाण पत्र के साथ साक्षात्कार में भाग ले सकता है।
 भर्ती के संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला रोजगार कार्यालय के दूरभाष नंबर 01972-222318 या कंपनी के मोबाइल नंबर 85580-62252 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
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उप कोषागार सुजानपुर और भोरंज की सफाई की निविदाएं 7 तक
हमीरपुर 31 अक्तूबर। उप कोषागार कार्यालय सुजानपुर और भोरंज में सफाई व्यवस्था का कार्य दो वर्ष के लिए ठेके पर देने हेतु 7 नवंबर शाम 5 बजे तक जिला कोषाधिकारी कार्यालय हमीरपुर में सीलबंद निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।
 जिला कोषाधिकारी अभिषेक कुमार ने बताया कि निर्धारित अवधि में प्राप्त निविदाएं 10 नवंबर को सुबह 11 बजे खोली जाएंगी। उन्होंने बताया कि दो वर्ष के ठेके में प्रतिदिन 3 घंटे के सफाई कार्य का प्रावधान रहेगा। निविदा की सभी शर्तों की विस्तृत जानकारी के लिए जिला कोषाधिकारी कार्यालय में या दूरभाष नंबर 01972-222265 पर संपर्क किया जा सकता है।
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हमीरपुर में 250 पदों के लिए साक्षात्कार 10 को
हमीरपुर 31 अक्तूबर। बद्दी की प्रसिद्ध कंपनी जुपिटर सोलरटैक प्राइवेट लिमिटेड में ट्रेनी के कुल 250 पदों को भरने के लिए 10 नवंबर को सुबह 10 बजे जिला रोजगार अधिकारी कार्यालय हमीरपुर में साक्षात्कार लिए जाएंगे।
 इनमें से 200 पद आईटीआई डिप्लोमाधारक महिला एवं पुरुष उम्मीदवारों के लिए हैं। अभ्यर्थी वर्ष 2023, 2024 या 2025 के पासआउट होने चाहिए। चयनित उम्मीदवारों को 14 हजार रुपये मासिक वेतन मिलेगा।
 इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ईसीई, मैकेनिकल और केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक डिग्रीधारक पुरुष उम्मीदवारों के लिए 50 पद रखे गए हैं। अभ्यर्थी वर्ष 2022, 2023, 2024 या 2025 के पासआउट होने चाहिए। चयनित उम्मीदवारों को 25 हजार रुपये मासिक वेतन मिलेगा।
 जिला रोजगार अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि अगर कोई युवा उपरोक्त योग्यता रखता है और उसका नाम किसी भी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत है तो वह अपने मूल प्रमाण पत्रों तथा हिमाचली प्रमाण पत्र के साथ साक्षात्कार में भाग ले सकता है।
 भर्ती के संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला रोजगार कार्यालय के दूरभाष नंबर 01972-222318 या कंपनी के मोबाइल नंबर 98171-38171 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
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*बल्ह उपमंडल के बैरकोट व लोहारडी में आयोजित हुआ आपदा जोखिम न्यूनीकरण जागरूकता कार्यक्रम*
*नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दी गई सुरक्षा उपायों की जानकारी*
*मंडी, 31 अक्तूबर।*-सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहयोग से सब रंग कला मंच सन्यारड़ के कलाकारों ने शुक्रवार को बल्ह उपमंडल की ग्राम पंचायत बैरकोट और ग्राम पंचायत लोहारडी में नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत के माध्यम से लोगों को आपदाओं से सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी।
कलाकारों ने नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से भूकंप, आगजनी और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अपनाए जाने वाले सावधानियों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भूकंप के झटके महसूस होने पर घबराएं नहीं, शांत रहें, शीशे की खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहें, तथा खुले स्थान में भवनों, पेड़ों, बिजली और टेलीफोन के खंभों से दूर रहें।
नाटक दल ने आगजनी से बचाव पर जोर देते हुए कहा कि छोटी-छोटी लापरवाहियाँ बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं, इसलिए सतर्क रहना आवश्यक है। भूस्खलन के संबंध में कलाकारों ने बताया कि यह भारी वर्षा, भूभागीय हलचलों और अधिक नमी के कारण होता है, जिससे जान-माल और विकास कार्यों को भारी नुकसान होता है।
कलाकारों ने लोगों को यह भी सलाह दी कि नदी-नालों के समीप मकान या गौशालाओं का निर्माण न करें और आपातकालीन स्थिति में तुरंत टोल-फ्री नंबर 1077 पर संपर्क करें।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत प्रधान राम सिंह, सभी वार्ड सदस्य, राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला लेदा के मुख्य अध्यापक राजेश कुमार शर्मा, विद्यालय के समस्त अध्यापक वर्ग एवं स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान युधिष्ठिर उपस्थित रहे।
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बाडू व रोहाड़ा में आयोजित हुआ आपदा जोखिम न्यूनीकरण जागरूकता कार्यक्रम
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दी गई आपदाओं से बचाव की जानकारी
 
सुंदरनगर, 31 अक्तूबर-जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मंडी के सौजन्य से तथा सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सहयोग से समर्थ-2025 अभियान के अंतर्गत निहरी तहसील के ग्राम पंचायत बाडू और ग्राम पंचायत रोहाड़ा में आपदा जोखिम न्यूनीकरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
 
इस अवसर पर सूचना एवं जन संपर्क विभाग से संबद्ध सरस्वती कला मंच अलसिडी के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत के माध्यम से ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की आपदाओं के प्रति जागरूक किया। कलाकारों ने नाट्य प्रस्तुति के जरिये सुरक्षित भवन निर्माण, प्राकृतिक आपदाओं से बचाव, आग लगने की स्थिति में सावधानी बरतने तथा भूकंप जैसी आपदाओं के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों की जानकारी दी।
 
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह संदेश भी दिया गया कि नदी-नालों के समीप भवन निर्माण से बचना चाहिए तथा आपदा की स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
 
कार्यक्रम में ग्राम पंचायत कांडी बाड़ी (बाडू) के प्रधान श्री नेत्र सिंह, स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती अनीता वर्मा तथा ग्राम पंचायत रोहाड़ा के प्रधान विशेष रूप से उपस्थित रहे।
 
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नदीय मत्स्य पालन कार्यक्रम के तीसरे चरण में ब्यास व सहायक नदियों में डाले 2.20 लाख मछली बीज- नीतू सिंह*
*मंडी, 31 अक्टूबर।* मत्स्य पालन विभाग के मत्स्य मण्डल मण्डी की उपनिदेशक नीतू सिंह ने आज यहां बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत नदीय मत्स्य पालन कार्यक्रम का तीसरा चरण पूरा कर लिया गया है। इस दौरान ब्यास व इसकी सहायक नदियों में लगभग 2.20 लाख मछली बीज डाले गए।
उन्होंने बताया कि मंडी जिला में 15 अक्तूबर, 2025 से शुरू हुए इस कार्यक्रम के तीसरे चरण में 30 अक्तूबर, 2025 को मंडी के गुरुद्वारा श्री गोविंद सिंह जी के समीप ब्यास नदी में 45 हजार तथा बाखली बाज़ार के निकट बाखली खड्ड में एक लाख और सियांज क्षेत्र के समीप ज्यूणी खड्ड में 75 हजार भारतीय मेजर कार्प प्रजाति जैसे की कतला, रोहू और मृगल मछलियों का बड़े आकार का बीज (अंगुलिकाएं) डाला गया। 
नीतू सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम की सफलता में स्थानीय मछुआरों का विशेष योगदान रहा, जिसके लिए उन्होंने सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने, मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने, जैव विविधता के संरक्षण तथा सामाजिक-आर्थिक लाभों की प्राप्ति के उद्देश्य से नदीय मत्स्य पालन कार्यक्रम की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस अवसर पर जागरूकता शिविर भी आयोजित किए गए, जिनमें जिले के आम नागरिकों एवं मछुआरों को विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न मत्स्य योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। साथ ही नदीय मत्स्य पालन कार्यक्रम के महत्व के बारे में विशेष जानकारी दी गई। विभाग की ओर से यह अपील भी की गई कि मछुआरे छोटी मछलियों का शिकार न करें, क्योंकि यह अवैध मत्स्य शिकार की श्रेणी में आता है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश मत्स्य अधिनियम, 1976 एवं नियम 2020 के अंतर्गत अभियुक्त से हरजाना वसूल कर दंडित किया जाता है। 
इस अवसर पर मत्स्य निदेशालय बिलासपुर द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक एवं सहायक निदेशक मत्स्य, बिलासपुर पंकज ठाकुर तथा मंडी में सहायक निदेशक मत्स्य नीतू सिंह, विभागीय कर्मचारी तथा जिले के स्थानीय मछुआरे उपस्थित रहे। 
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*एचपी शिवा परियोजना से धर्मपुर में बागवानों की किस्मत चमकी, अमरूद की फसल से बढ़ी आय*
*मंडी, 31 अक्टूबर।* प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी एचपी शिवा परियोजना अब किसानों और बागवानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। धर्मपुर उपमंडल के ग्राम पंचायत बांग (बरोटा क्लस्टर) क्षेत्र के किसानों को परियोजना के अंतर्गत उगाई गई अमरूद की खेती से अच्छा मुनाफा मिल रहा है। 
जीवन कुमार धर्मपुर उपमंडल के ग्राम पंचायत बांग के रहने वाले किसान हैं। जीवन कुमार बताते हैं कि अभी तक वह 30 हजार रुपए तक की अमरूद की फसल भेज चुके हैं। जैसे-जैसे फसल पक रही है वह उन फलों को बेच रहे हैं। इन अमरूदों में ललित श्वेता और वीएनआर अलग-अलग किस्मों के फल शामिल हैं। 
जीवन कुमार का कहना है कि एचपी शिवा परियोजना ने पारंपरिक खेती से हटकर उन्हें व्यावसायिक फल उत्पादन की दिशा में प्रेरित किया है। इससे उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है और बाजार से सीधा जुड़ाव बना है। उनका कहना है कि विभागीय अधिकारियों ने उनका उचित मार्गदर्शन किया और उनके कहे अनुसार खाद्य सामग्री फ्रूट बैग का उपयोग किया। साथ ही परियोजना के फील्ड इंजीनियर व फैसिलिटेटर का भी भरपूर सहयोग मिला।
बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि  परियोजना के तहत किसानों को आधुनिक तकनीक, बेहतर सिंचाई व्यवस्था और उच्च गुणवत्ता वाले पौधों की सुविधा दी जा रही है। इसका सीधा असर उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा पर पड़ रहा है।
धर्मपुर क्षेत्र के किसानों की यह सफलता अब अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है। एचपी शिवा परियोजना ने यह सिद्ध किया है कि अगर खेती को वैज्ञानिक ढंग से की जाए तो पहाड़ी क्षेत्र के किसान भी आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम कर सकते हैं और हिमाचल को फल राज्य के रूप में और सुदृढ़ कर सकते हैं।
 
 
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