ग्रामीण स्वाद महोत्सव- पोषण, परंपरा और महिला सशक्तिकरण का जीवंत संगम: उपायुक्त
दाड़ी में फैली पारंपरिक स्वाद के संग महिला सशक्तिकरण की खुशबू
धर्मशाला, 17 अक्टूबर: जिला प्रशासन कांगड़ा द्वारा आज दाड़ी मेला ग्राउंड में ग्रामीण स्वाद महोत्सव का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल पारंपरिक व पोषणयुक्त व्यंजनों का उत्सव रहा, बल्कि ग्रामीण महिला सशक्तिकरण, स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण का सशक्त माध्यम भी सिद्ध हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया, जबकि समापन सत्र में उपायुक्त हेमराज बैरवा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। दोनों अधिकारियों ने स्वयं सहायता समूहों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रतिभागियों से संवाद कर उनके कार्यों की सराहना की।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की धरती जितनी प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है, उतनी ही समृद्ध इसकी पारंपरिक पाक कला, पोषण संस्कृति और महिला शक्ति भी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वाद महोत्सव प्रशासन, समुदाय और स्वयं सहायता समूहों के बीच सहयोग और सहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल स्थानीय खाद्य विविधता के संरक्षण में सहायक हैं, बल्कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होते हैं। उपायुक्त ने कहा कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों को और व्यापक रूप में आयोजित किया जाएगा, ताकि स्वयं सहायता समूहों को स्थायी बाजार और प्रशिक्षण के अधिक अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी से यह महोत्सव एक प्रेरणादायक पहल के रूप में उभरा है। उन्होंने आयोजक टीम को सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अपार प्रतिभा, परंपरा और नवाचार छिपा हुआ है, जिसे सही अवसर और मंच मिलने पर यह प्रतिभा राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बना सकती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वाद महोत्सव केवल व्यंजनों का आयोजन नहीं, बल्कि यह हमारे समाज की आत्मा, संस्कृति और महिला सशक्तिकरण का उत्सव है। इस आयोजन में भाग लेने वाली महिलाओं ने न केवल स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए हैं, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि ग्रामीण भारत में कौशल, परिश्रम और आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है।”
पारंपरिक स्वाद की झलक और पोषण का संदेश
महोत्सव में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए स्वयं सहायता समूहों ने पारंपरिक व्यंजनों और स्थानीय उत्पादों का सुंदर प्रदर्शन किया। मंडुआ (रागी), कांगणी, कुट्टू जैसे पोषक अनाजों से बने व्यंजनों ने स्वाद, स्वास्थ्य और परंपरा का अनोखा संगम प्रस्तुत किया। महिलाओं ने स्वयं व्यंजनों की तैयारी, प्रस्तुति और बिक्री की जिम्मेदारी संभाली। आगंतुकों ने उत्साहपूर्वक खरीदारी की और इससे लोगों मेें स्थानीय उत्पादों के प्रति जनजागरूकता भी बढ़ी।
रेसिपी प्रतियोगिता बनी आकर्षण का केंद्र
महोत्सव में आयोजित रेसिपी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने पारंपरिक व्यंजनों की विविधता को मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया। निर्णायक मंडल में सहायक आयुक्त फूड सप्लाई सविता ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा, तथा तकनीकी सहायक सतिंद्र शामिल रहे। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जय गौरा स्वयं सहायता समूह नगरोटा बगवां को द्वितीय पुरस्कार अकांक्षा स्वयं सहायता समूह धर्मशाला को जबकि तृतीय पुरस्कार जय दुर्गा एसएचजी, धर्मशाला को मिला।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए और सभी प्रतिभागी महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उत्पादों के संवर्धन की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्वयं सहायता समूहों की प्रतिनिधि, स्थानीय नागरिक और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
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दुबई में आईटीवी ट्रेलर ड्राईवर की रिक्तियों हेतु साक्षात्कार 27 को हरोली में
धर्मशाला, 17 अक्तूबरः क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी अक्षय कुमार ने जानकारी दी है कि विदेशों में रोज़गार के इच्छुक युवाओं को हिमाचल प्रदेश सरकार के उपक्रम हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्राॅनिक्स विकास निगम (एचपीएसईडीसी) द्वारा दुबई जेबल अलीपोर्ट में आईटीवी ट्रेलर ड्राईवर की रिक्तियों हेतु ‘‘वि वनञञ (मेसर्स जालंधर कौशल विकास निगम) के माध्यम से भर्तियाँ की जा रही हैं। इन पदों हेतु मासिक वेतन 2,250 संयुक्त अरब अमीरात दिरहम जोकि लगभग 52 हजार रूपये है के साथ ही ओवरटाइम और आवास भत्ता दिया जायेगा। इन पदों हेतु शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 10वीं पास रखी गई है, उम्मीदवार को बेसिक अंग्रेजी आनी चाहिये और आयु सीमा 24 से 41 वर्ष रखी गयी है व आवेदक के पास वैध पासपोर्ट और भारतीय भारी मोटर वाहन लाइसेंस होना जरूरी है। इच्छुक आवेदक 27 अक्तूबर 2025 को कौशल विकास केंद्र, पालकवाह तहसील हरोली, ज़िला ऊना में सुबह 9ः00 बजे अपने मूल दस्तावेजों, बायोडाटा, पासपोर्ट साइज़ फोटो व दस्तावेजों की प्रतिलिपियों के साथ पहुँचकर उक्त कम्पनी के समक्ष उपस्थित होकर साक्षात्कार में भाग ले सकते हैं। सम्बधित आवेदक https://forms.gle/LgkjAcSDFsqBAb927 लिंक पर पर अपना पंजीकरण करना सुनिचित करें, जोकि अनिवार्य है। चयनित उम्मीदवारों को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा अनुमोदित तीस हजार रुपये और इस पर जीएसटी का शुल्क देना होगा। वैध पासपोर्ट व एचएमवी लाइसेंस न रखने वाले उम्मीदवारों को भर्ती में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नंबर 01905-235508 पर संपर्क भी कर सकते हैं। इस साक्षात्कार के सम्बन्ध में यात्रा व अन्य कोई भत्ता देय नहीं होगा।
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नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कलाकारों ने आपदा न्यूनीकरण के बारे में लोगों को दी जानकारी
‘समर्थ–2025’ अभियान के तहत चलाया जा रहा है आपदा जागरूकता कार्यक्रम
भवन निर्माण कार्य में आपदा सुरक्षा को प्राथमिकता देने का किया आह्वान
चम्बा, 17 अक्तूबर-सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के साथ संबद्ध आर्ट एंड कल्चर ग्रुप सराहन ने भरमौर चौरासी और खड़ामुख में, चम्बा रंग दर्शन समूह चम्बा पक्काटाला ने भलेई और ब्रंगाल में जबकि जागृति कला मंच के कलाकारों द्वारा बाथरी और द्रड्डा में नुक्कड़ नाटक एवं गीत-संगीत प्रस्तुत कर लोगों को आपदा न्यूनीकरण के प्रति जागरूक किया।
कलाकारों ने अपने नाटकों के माध्यम से संदेश दिया कि भवन निर्माण हो या कोई भी निर्माण कार्य — सभी कार्य आपदा सुरक्षा को ध्यान में रखकर किए जाने चाहिए ताकि भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं से जान-माल की हानि से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
कलाकारों ने बताया कि ऐसे भवनों का निर्माण किया जाना चाहिए जो आपदा के समय सुरक्षित रहें और संभावित नुकसान को न्यून करने में सक्षम हों। उन्होंने लोगों से अपने आस-पास के खतरों की पहचान करने और उनके प्रभाव को कम करने के लिए सतर्क एवं जागरूक रहने का आह्वान किया।
इस अवसर पर कलाकारों ने “समर्थ–2025” अभियान को आपदा जागरूकता की दिशा में एक सार्थक कदम बताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार को एक आपातकालीन किट तैयार रखनी चाहिए, जिसमें सूखा भोजन, दवाएं, टॉर्च, पीने का पानी जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल हों, ताकि आपदा की स्थिति में न्यूनतम तैयारी बनी रहे।
लोगों को बताया गया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में अधिक जानकारी और सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर 1077 पर संपर्क किया जा सकता है। साथ ही, भवन निर्माण से पूर्व इंजीनियर से परामर्श अवश्य लेने की सलाह दी गई, ताकि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 1 से 31 अक्तूबर तक “समर्थ–2025” अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेशभर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।