उपायुक्त ने अंकुश को भेंट की क्रिकेट किट

अंकुश इंडियन डेफ क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट में लेंगे भाग
ऊना, 17 अक्तूबर। जिला ऊना में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने शुक्रवार को स्थानीय खिलाड़ी अंकुश को एक संपूर्ण क्रिकेट किट भेंट की। इस अवसर पर सीपीओ ऊना संजय संख्यान भी उपस्थित रहे।


उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि अंकुश इंडियन डेफ क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने जा रहे हैं, जो आगामी 3 से 9 नवंबर तक दिल्ली में आयोजित होगा। अंकुश हिमाचल प्रदेश की ओर से चयनित होकर इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि युवाओं में छिपी खेल प्रतिभा को सही दिशा, मार्गदर्शन और सहयोग देना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अंकुश जैसे खिलाड़ी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने में जुटे हुए हैं।


अंकुश ने क्रिकेट किट भेंट करने के लिए उपायुक्त ऊना जतिन लाल का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सहयोग उनके लिए एक बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने संकल्प जताया कि वे पूरी लगन और समर्पण के साथ खेलेंगे ताकि जिला ऊना और हिमाचल प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित कर सकें।


गौरतलब है कि अंकुश उपमंडल ऊना के संतोषगढ़ का निवासी हैं और वे दिल्ली में होने वाली डेफ राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट प्रतियोगिता (3 से 9 नवंबर) में भाग लेंगे।===============================

अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस और समर्थ अभियान पर गगरेट में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
कार्यशाला में जलभराव, भूस्खलन एवं सुरक्षित निर्माण पर हुई चर्चा

ऊना, 17 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन एवं प्राधिकरण, शिमला के दिशा-निर्देशानुसार आज (शुक्रवार) को होटल हेवन हाइट्स, गगरेट में अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस एवं जन जागरूकता अभियान समर्थ 2025 के तहत एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला जिला इंटर एजेंसी ग्रुप एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, ऊना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई।
कार्यशाला की अध्यक्षता तहसीलदार एवं कार्यकारी दंडाधिकारी गगरेट कुलताज सिंह ने की। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिला ऊना में बढ़ती जलभराव की समस्या, उसके कारणों, संभावित समाधानों और नीतिगत हस्तक्षेपों पर विचार-विमर्श करना है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के दौरान भूस्खलन, सुरक्षित निर्माण अभ्यास और आपदा प्रबंधन से जुड़ी अन्य चुनौतियों पर भी चर्चा की गई, ताकि भविष्य में जान-माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2023 और 2025 के दौरान आई प्राकृतिक आपदाओं ने यह स्पष्ट किया है कि आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता और तैयारी ही नुकसान को कम करने का सर्वोत्तम उपाय है।
जिला इंटर एजेंसी ग्रुप, ऊना के कन्वीनर प्रो. जसबीर सिंह ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में जलभराव, भूस्खलन, जंगल की आग जैसी आपदाओं के कारणों और उनसे निपटने की रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, उपायुक्त कार्यालय ऊना के प्रशिक्षण समन्वयक राजन कुमार शर्मा ने जिला ऊना की विभिन्न आपदाओं और हैज़र्ड प्रोफाइल पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (प्प्प्ज्), ऊना के डॉ. प्रिंस शर्मा एवं उनकी टीम ने आपदा प्रबंधन में तकनीकी नवाचारों और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर सत्र संचालित किया। इसी सत्र में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, दौलतपुर चौक के कनिष्ठ अभियंता गौरव ने सुरक्षित निर्माण अभ्यास से संबंधित तकनीकी बिंदुओं पर प्रतिभागियों के साथ संवाद किया।

इस अवसर पर तहसील कार्यालय घनारी से कानूनगो सतीश चौधरी, जिला इंटर एजेंसी ग्रुप के सदस्य, गैर सरकारी संगठन अंकुर, मनीषा, एनजीओ एक मौका, एक उम्मीद के सदस्य और स्थानीय आपदा प्रबंधन के स्वयंसेवी उपस्थित रही।
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खंड परियोजना प्रबंधन इकाई ऊना द्वारा किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित

ऊना, 17 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (जायका) चरण-2 के अंतर्गत खंड परियोजना प्रबंधन इकाई ऊना द्वारा उप परियोजना लोअर भंजाल में अनुदेशन और आवश्यकता मूल्यांकन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण शिविर में कुल 36 किसानों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड परियोजना प्रबंधक अधिकारी डॉ. गुलशन मनकोटिया ने की। उन्होंने किसानों के साथ परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की तथा उन्हें बताया कि यह परियोजना किसानों की खेती-बाड़ी, रोजगार और जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से आरंभ की गई है।

ओरिएंटेशन सत्र के दौरान किसानों को यह समझाया गया कि यह योजना केवल सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थायी विकास, तकनीकी ज्ञान और सशक्तिकरण के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। डॉ. मनकोटिया ने बताया कि यह परियोजना किसानों की स्थानीय आवश्यकताओं, उपलब्ध संसाधनों और अनुभवों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, ताकि हर किसान की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने प्रशिक्षण शिविर के दौरान किसानों को रबी सीजन के लिए किचन गार्डन किट वितरित की गई, जिससे वे अपने घरों में जैविक सब्जियों की खेती कर सकें और ज़हरमुक्त खेती को बढ़ावा मिले। कृषक विकास संघ के प्रधान श्री बालकृष्ण सहित उपस्थित सभी किसानों ने किचन गार्डन किट एवं उपयोगी जानकारी प्रदान करने के लिए जायका परियोजना टीम का आभार व्यक्त किया। किसानों ने यह भी आश्वासन दिया कि वे किचन गार्डनिंग को अपनाकर स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
इस अवसर पर कृषि विशेषज्ञ मनीष शर्मा एवं कनिष्ठ अभियंता सुनील कुमार उपस्थित रहे।
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पूर्वी कलामंच ने ईसपुर और पंजावर में सुरक्षित भवन निर्माण पर ग्रामीण किए जागरूक
नुक्कड़-नाटकों से दिया भूकंपरोधी भवन निर्माण की तकनीकों का संदेश

ऊना, 17 अक्तूबर - जिला आपदा प्रबंधन एवं प्राधिकरण ऊना के समर्थ 2025 कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को उपमंडल हरोली के अंतर्गत ग्रामीणों को भूकंपरोधी भवन निर्माण की विभिन्न विधियों बारे जागरूक किया गया। इस दौरान सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से संबद्ध ग्रुप पूर्वी कलामंच जलग्रां टब्बा के कलाकारों ने हरोली उपमंडल के ईसपुर और मेन बाजार पंजावर में लोगों को भूकंप के दौरान जान-माल की क्षति के नुकसान को कम करने के लिए भूकंप सुरक्षित मकान में प्रयोग होने वाली विभिन्न विधियों और गुणवत्तायुक्त सामग्री बरतने को लेकर जागरूक किया। उन्होंने बताया कि आपदा से होने वाले नुकसान को न्यून करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। साथ ही, आपदाओं से सुरक्षित रहने के लिए उचित तकनीक होना भी अत्यंत जरुरी है।

पूर्वी कलामंच के कलाकारों ने जागरूकता संदेश देते हुए कहा कि भवनों में किसी भी प्रकार का संरचनात्मक बदलाव करने से पहले अभियंता से परामर्श अवश्य लें ताकि भूकंप से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। साथ ही, उत्तम सीमेंट मोर्टार, क्षैतिज भूकंपरोधी बैंर्ड, इंट की दीवारों का सुदृढ़ीकरण, उद्धघाटनों के जांब्स में खड़ी सुदृढ़ीकरण, पिलर निर्माण, पायलिंग के तरीके, कंक्रीट के मानक और नींव बनाने में प्रयोग होने वाले आवश्यक तत्वों बारे जागरूक किया और भवन निर्माण के समय बरती जाने वाली सावधानियों पर भी बल दिया।

आगामी जागरूकता कार्यक्रमों का शेडयूल
इसी कड़ी में समर्थ 2025 कार्यक्रम के तहत 18 अक्तूबर को ऊना और झलेड़ा, 19 अक्तूबर को संतोषगढ़ और मैहतपुर, तथा 20 अक्तूबर को लठियाणी और थानाकलां में पूर्वी कलामंच जलग्रां टब्बा के कलाकारों द्वारा लोगों को भूकंपरोधी भवन बनाने को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 21 अक्तूबर को बंगाणा और खुरवाईं, 22 अक्तूबर को चिंतपूर्णी और भंजाल, 23 अक्तूबर को अंब और नैहरियां, 24 अक्तूबर को गगरेट और शिवबाड़ी तथा 25 अक्तूबर को कुनेरन और ओईल में आरके कलामंच चिंतपूर्णी के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों को भूकपं सुरक्षित भवन निर्माण के साथ-साथ आपदा जोखिमों और उपायों बारे जागरूक किया जाएगा।
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*दो दिवसीय ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षक एवं प्रमाणन कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न*

ऊना, 17 अक्तूबर। पंजाब नेशनल बैंक द्वारा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) रामपुर जिला ऊना में संचालित दो दिवसीय ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षक एवं प्रमाणन कार्यक्रम का आज शुक्रवार को सफलतापूर्वक समापन्न हुआ। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से कुल 8 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने प्रमाणित ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षक बनने के लिए सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षुओं की योग्यता का आकलन कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीवीटी) और व्यावहारिक मूल्यांकन के माध्यम से किया गया, जो हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्माणाधीन भवन में आयोजित हुआ।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर पीएनबी ऊना के मुख्य प्रबंधक पीयूष बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। उन्होंने प्रशिक्षुओं को बैंकिंग सेवाओं एवं स्वरोजगार के अवसरों के बारे में मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के सहयोग से संचालित किया जा रहा है और भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित है। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में 1,150 उम्मीदवारों को ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

आरसेटी ऊना के निदेशक सुधीर शर्मा ने प्रशिक्षुओं को एक कुशल प्रशिक्षक बनने हेतु आवश्यक शिक्षण तकनीकें एवं व्यवहारिक सुझाव प्रदान किए। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण और प्रमाणन पूर्ण करने के उपरांत, प्रतिभागी ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षक के रूप में कार्य कर सकेंगे तथा देशभर में पीएमएवाई के अंतर्गत कौशल विकास एवं आवास संबंधी पहलों में योगदान दे सकेंगे।

इस अवसर पर पीएनबी आरसेटी ऊना के निदेशक सुधीर शर्मा, राज्य नियंत्रक डॉ. अंबिका साहू एवं अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे।