मतदाता सूचियों के प्रारूप प्रकाशन संबंधी कार्यक्रम जारी, अंतिम सूची का प्रकाशन 13 नवम्बर या उससे पूर्व किया जाएगा: उपायुक्त
धर्मशाला, 6 अक्तूबर 2025: जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) एवं उपायुक्त हेमराज बैरवा ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग, हिमाचल प्रदेश द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार मतदाता सूचियों का प्रारूप आज दिनांक 06 अक्तूबर 2025 को प्रकाशित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा निर्धारित समय सारणी के अनुसार दावे और आपत्तियां 08 अक्तूबर से 17 अक्तूबर 2025 तक प्रस्तुत की जा सकती हैं।
उन्होंने बताया कि प्राप्त दावे एवं आपत्तियों का निपटारा 27 अक्तूबर 2025 तक संबंधित पुनरीक्षण प्राधिकारी द्वारा किया जाएगा। इसके पश्चात अपील 03 नवम्बर 2025 तक अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष दायर की जा सकेगी तथा इन अपील का निपटारा 10 नवम्बर 2025 तक किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 13 नवम्बर 2025 या उससे पूर्व किया जाएगा।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से पूरा किया जाए। मतदाता सूची से संबंधित सभी दावे-आपत्तियां समयबद्ध ढंग से पूर्ण की जाएं ताकि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन निर्धारित समय में किया जा सके।
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बैंक का योगदान समाज में मानवीय सेवा की भावना को सशक्त बनाने वाला कदम: अतिरिक्त उपायुक्त
मानवता की सेवा में एक और कदम, आईडीबीआई बैंक ने जिला रेडक्रॉस सोसाइटी को प्रदान की एम्बुलेंस

धर्मशाला, 06 अक्तूबर: जिला रेडक्रॉस सोसाइटी को क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला तथा डा0 राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कालेज, अस्पताल टाण्डा के रोगियों की सुविधा के लिए आईडीबीआई बैंक की ओर से आज एक एम्बुलेंस सहयोग स्वरूप प्रदान की गई। अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने इस अवसर पर कहा कि आईडीबीआई बैंक का यह योगदान समाज में मानवीय सेवा की भावना को सशक्त बनाने वाला कदम है।
उन्होंने कहा कि यह एम्बुलेंस जरूरतमंदों, बीमार व्यक्तियों तथा आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से प्रयोग में लाई जाएगी। जिला प्रशासन और रेडक्रॉस सोसाइटी यह सुनिश्चित करेंगे कि इस एम्बुलेंस का उपयोग पूर्ण रूप से मानवता की सेवा और सामाजिक कल्याण कार्यों के लिए किया जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने इस अवसर पर आईडीबीआई बैंक के रिजनल हेड अशोक कुमार सिंघल सहित बैंक की पूरी टीम, स्थानीय शाखा प्रबंधक और सभी स्टाफ सदस्यों का हार्दिक धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा दिया गया यह सहयोग न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करेगा बल्कि अन्य संस्थाओं को भी प्रेरित करेगा कि वे समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएं। आईडीबीआई बैंक द्वारा प्रदान की गई यह एम्बुलेंस इन गतिविधियों में नई ऊर्जा और क्षमता का संचार करेगी।
इस अवसर पर सचिव जिला रेडक्राॅस सोसायटी ओपी शर्मा, निदेशक, खाद्य आपूर्ति विभाग पुनीत मल्ली, एवं जिला अध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी कर्ण पठानिया, शाखा प्रबन्धक आईडीबीआई बैंक पवन कुमार, एजीएम चण्डीगढ़ जोन राहुल कपूर, सहायक प्रबन्धक स्वपन शर्मा, कनिष्ठ सहायक प्रबन्धक अतलाउल्लाह तथा टीएसएम आईडीबीआई बैंक अरूण कुमार उपस्थित रहे।
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विदेशों में रोजगार का अवसर -यूएई में मिस्त्री, कारपेंटर व निर्माण श्रमिकों की भर्ती
09 अक्तूबर, 2025 को गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, बडू (हमीरपुर) में होंगे साक्षात्कार

धर्मशाला, 6 अक्तूबर: क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी धर्मशाला अक्षय कुमार ने बताया कि विदेशों में रोजगार प्राप्त करने के इच्छुक युवाओं के लिए सुनहरा अवसर उपलब्ध हुआ है। हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में मिस्त्री, कारपेंटर तथा निर्माण श्रमिकों के पदों हेतु एचआर भाटिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों को मासिक वेतन 1500 दिरहम (जिसमें 1200 दिरहम मूल वेतन व 300 दिरहम भोजन भत्ता शामिल है), लगभग 36 हजार रुपये दिया जाएगा। इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 5वीं पास रखी गई है तथा आवेदक के पास वैध पासपोर्ट होना अनिवार्य है। इच्छुक उम्मीदवार 09 अक्तूबर, 2025 को प्रातः 9ः00 बजे अपने मूल प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, बायोडाटा, पासपोर्ट आकार के फोटो व सभी दस्तावेजों की प्रतिलिपियों सहित हिमाचल प्रदेश गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, बडू (हमीरपुर) में उपस्थित होकर साक्षात्कार में भाग ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि साक्षात्कार में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को पूर्व में ही निम्नलिखित लिंक https://forms-gle/9ysKjwCB9rzpaq3H7 पर जाकर अपना पंजीकरण अनिवार्य रूप पूर्ण करना होगा। चयनित अभ्यर्थियों को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा अनुमोदित 30 हजार रुपये और जीएसटी शुल्क देना होगा। जिन अभ्यर्थियों के पास वैध पासपोर्ट नहीं है, उन्हें साक्षात्कार में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस साक्षात्कार के लिए किसी भी प्रकार का यात्रा भत्ता या अन्य देय राशि प्रदान नहीं की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक उम्मीदवार दूरभाष नंबर 01892-224892 पर संपर्क कर सकते हैं।
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बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज की रोकथाम को आरपीजीएमसी टांडा में लगे इंसुलिन पंप

प्रत्येक पंप की कीमत लगभग तीन लाख रुपये बच्चों की जीवन-गुणवत्ता भी होगी बेहतर

पीडियाट्रिक एंडोक्राइन क्लिनिक में अब तक 140 ऐसे मरीज पंजीकृत

धर्मशाला, 06 अक्टूबर । हिमाचल प्रदेश में बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज (आरपीजीएमसी) टांडा के बाल रोग विभाग के पीडियाट्रिक एंडोक्राइन क्लिनिक में अब तक 140 ऐसे मरीज पंजीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से आठ बच्चों को उन्नत इलाज के तहत इंसुलिन पंप लगाए गए हैं। प्रत्येक पंप की कीमत लगभग तीन लाख रुपये है और संस्थान में इन्हें सफलतापूर्वक इंस्टॉल किया गया।

आरपीजीएमसी के प्राचार्य व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मिलाप शर्मा ने बताया कि टाइप-1 डायबिटीज बच्चों में होने वाला एक ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय की इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाओं पर हमला कर देती है। इससे शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है और यदि समय पर इलाज न मिले तो गंभीर जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. सीमा शर्मा ने जानकारी दी कि चंबा, कुल्लू, मंडी, हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा और यहां तक कि पंजाब के पठानकोट से भी 140 बच्चे इस बीमारी के इलाज के लिए टांडा में पंजीकृत हैं।

बाल एंडोक्राइन विशेषज्ञ डॉ. अतुल गुप्ता, जो देश के पहले डीएम इन पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी हैं (पीजीआईएमईआर चंडीगढ़), ने बताया कि टाइप-1 डायबिटीज बच्चों में छह माह की उम्र से लेकर 18 वर्ष तक हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसका इलाज न किया जाए तो डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (क्ज्ञ।) जैसी जानलेवा स्थिति हो सकती है। उन्होंने कहा कि अब तक इसका इलाज केवल इंसुलिन इंजेक्शन पर आधारित था, लेकिन इंसुलिन पंप की सुविधा मिलने से बच्चों को बार-बार इंजेक्शन लगाने से राहत मिलेगी और रोग नियंत्रण बेहतर होगा।

डॉ. गुप्ता ने आगे बताया कि वर्ष 2022 तक गंभीर मरीजों को हिमाचल से बाहर बड़े संस्थानों में रेफर करना पड़ता था। मगर पिछले तीन वर्षों में आरपीजीएमसी टांडा में पीडियाट्रिक एंडोक्राइन क्लिनिक स्थापित होने के बाद समय पर हस्तक्षेप से बच्चों की जानलेवा जटिलताओं में काफी कमी आई है।

इंसुलिन पंप की व्यवस्था भारत सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) शिमला के समन्वय से संभव हुई है। बच्चों और उनके माता-पिता को प्रशिक्षण देने के बाद ही यह पंप लगाए गए।

लाभान्वित बच्चों के अभिभावकों ने हिमाचल प्रदेश सरकार और आरपीजीएमसी टांडा की टीमकृडॉ. मिलाप शर्मा, डॉ. सीमा शर्मा और डॉ. अतुल गुप्ताकृका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा कांगड़ा में मिलने से न केवल जटिलताओं में कमी आएगी बल्कि बच्चों की जीवन-गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
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कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक सीमित धर्मशाला में प्रैस वार्ता:
DHARAMSHALAS,06.10.25- बैंक के प्रबंध निदेशक श्री जफर इकबाल, बैंक के प्रबंध निदेशक जफर इकबाल ने बैंक के वितीय स्वास्थ्य को स्पष्ट करते हुए जमाकर्ताओं और हितधारकों को बैंक की मूलभूत मजबूती और विश्वसनीयता का आश्वासन दिया । प्रबंध निदेशक ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर बोर्ड को निलंबित किए जाने के बाद, बैंक को सहकारी बैंकों में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए कठोर सुधार लागू किए जा रहे हैं ।
प्रबंध निदेशक ने पिछले चार वर्षों में बैंक के प्रदर्शन की तुलनात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जो यह दर्शाती है कि बैंक सही दिशामें आगे बढ़ रहा है । बैंक का शुद्ध एनपीए जो कि 31 मार्च 2022 को 15 प्रतिशत था अब घटकर 4.38 प्रतिशत पर आ गया है । यह प्रदर्शन नाबार्ड के 5 प्रतिशत से नीचे शुद्ध एनपीए रखने के दिशानिर्देश का सफलतापूर्वक पालन करता है । सकल एनपीए में गिरावट दर्ज की गई है जो कि 31 मार्च 2022 को लगभग 30 प्रतिशत था जो अब घटकर 19 प्रतिशत हो गया है । बैक ने 31 मार्च 2026 तक सकल एनपीए को नाबार्ड के मानक यानी 10 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखा है । बैंक ने 809 करोड रू0 के कुल एनपीए के विरूद्ध 651 करोड रू का प्रावधान पहले ही किया हुआ है जो भविष्य की किसी भी संभावित हानि को अवशोषित करने की बैंक की क्षमता को दर्शाता है । बैक की जमा राशि 31 मार्च 2022 को रू 12647 करोड़ से बढ़कर 30 सितंबर 2025 तक 15433 करोड़ हो गई है जिससे यह आंकड़े बैंक में जनता के मजबूत विश्वास को दर्शाते हैं । जमा राशि में रू0 9841 करोड़ का बड़ा हिस्सा खुदरा निवेशकों का है जो बैंक के व्यापक आधार को रेखांकित करता है
प्रबंध निदेशक ने सभी खाताधारकों, कर्मचारियों और हितधारकों को स्पष्ट संदेश दिया कि यह बैंक मौलिक रूप से मजबूत सिद्धांतों पर सौ वर्षों से चल रहा है । किसी भी भ्रामक बयान पर घबराहट करने की कोई जरूरत नहीं है । आपके पैसे सुरक्षित हैं और हम इस विश्वसनीयता को बनाए रखते हुए देश के सहकारी बैंकों में सर्वश्रेष्ठ बनकर उभरेंगें ।
प्रबंध निदेशक ने भविष्य की रणनीति और प्रशासनिक सुधार के बारे में भी बताया । उन्होंने बताया कि 2017 के बाद से लंबित पड़ी प्रमुख पदोन्नति और भर्ती प्रक्रियाओं को अगले दो तिमाहियों में पेशेवर तरीके से शुरू किया जाएगा ताकि बैंक में कर्मचारियों की कमी को दूर किया जा सके । बैंक में नई एचआर नीति तैयार की जाएगी जो नियमों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट करेगी और हर अधिकारी के लिए भूमिका और जबावदेही तय करेगी । मुख्यायालय में एक नामित सेल स्थापित किया जाएगा ताकि हितधारकों के साथ दो तरफा और पारदर्शी संचार सुनिश्चित किया जा सके । संचालन को मजबूत करने के लिए जोनल हेड और शाखा प्रबंधकों के लिए एसओपी और जांच एवं संतुलन की व्यवस्था सीीपित की जाएगी । प्रबंध निदेशक ने स्वीकार किया कि एनपीए की अधिकता डिजिटल सेवाओं को शुरू करने में बाधा डालती है । एनपीए वसूली को तेज करने के लिए लंबित मुकदमेबाजी के मामलों को सक्रिय रूप से हल करने और प्रक्रियाओं को स्पष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ।

प्रबंध निदेशक ने विश्वास व्यक्त किया कि इन व्यापक सुधारों और सरकार के समर्थन के साथ, केसीसीबी जल्द ही वितीय स्थिरता और विश्वसनीयता के मामले में एक मानक स्थापित करेगा । सभी खाताधारकों से अनुरोध है कि वे किसी भ्रम या अफवाह पर ध्यान न दें और सीधे बैंक के नामित सेल से संपर्क करें इस अवसर पर महाप्रबंधक श्री अमित गुप्ता और श्री राकेश शर्मा उपस्थित रहे ।