30 अक्तूबर से लेकर 02 नवंबर के बीच किया जाएगा फिल्म महोत्सव का आयोजन: शिल्पी बेक्टा
धर्मशाला 24 अक्तूबर: एडीएम शिल्पी बेक्टा ने आज धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के आयोजकों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ से फिल्म फेस्टिवल को लेकर एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि 30 अक्तूबर से 02 नवम्बर, 2025 तक धर्मशाला में फिल्म फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के आयोजन से जिले में पर्यटन को मजबूती मिलेगी। फिल्म फेस्टिवल में देश ही नहीं अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फिल्में भी शामिल की जाएंगी तथा इसमें देश-विदेश से कई लोग फेस्टिवल में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में फिल्म फेस्टिवल के आयोजन से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि फिल्म मेकिंग और इससे जुड़े कार्यों में रूचि रखने वाले युवा इस आयोजन से बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म फेस्टिवल में बहुत से जाने-माने फिल्मकार धर्मशाला आएंगे।
फिल्म फेस्टिवल की प्रबंधक ऋतु सरीन और तेंजिंग सोनम ने कहा कि धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने देशभर में एक अग्रणी इंडीपेंडेंट फिल्म फेस्टिवल के रूप में अपनी एक अलग पहचान कायम की है। इस महोत्सव की पहचान सिर्फ फिल्मों के क्यूरेशन की गुणवत्ता के लिए ही नहीं, बल्कि फिल्मकारों व दर्शकों के लिए मुख्यधारा के दबाव से हटकर एक दुर्लभ व अर्थपूर्ण स्थान प्रदान करने के लिए भी होती है। उन्होंने कहा कि डीआईएफएफ हर साल हिमायल की पहाड़ियों में आयोजित किये जाने वाले इस महोत्सव के लिए दुनियाभर की अनूठी और लीक से हटकर फिल्मों का चयन करता है। यहां दर्शकों को दुनियाभर की चर्चित फिल्मों को पहले ही देखने, उन्हें प्रतिष्ठित फिल्मकारों के साथ आयोजित होने वाले मास्टरक्लास का हिस्सा बनने और इंडिपेंडेंट सिनेमा को गढ़ने वाले विचार-विमर्श में भाग लेने का भरपूर अवसर मिलता है। उन्होंने बताया कि इस साल महोत्सव की ओपनिंग फिल्म होगी नीरज घेवान द्वारा निर्देशित और भारत की ओर से साल 2026 के ऑस्कर में नामांकन के लिए भेजी गई फिल्म होमबाउंड, फिल्म में उत्तर भारत के एक गांव में रहने वाले बचपन के दो दोस्तों की कहानी को दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल की सफल साझेदारियों को देखते हुए डीआईएफएफ ने इस साल भी सिडनी फिल्म महोत्सव के साथ साझेदारी की है। इतना ही नहीं, इस साल डीआईएफएफ में दो चर्चित ऑस्ट्रेलियाई फिल्मों और उनके फिल्मकारों का भी जोरदार तरीके से स्वागत किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि फिल्म महोत्सव में जानी-मानी फिल्मकार किरण राव अपने सिनेमा सफर, इंडिपेंडेंट सिनेमा की बदलती तस्वीर और बोल्ड व अर्थपूर्ण किस्म की कहानियों को पेश करने को लेकर अपनी बात रखेंगी। इसके अलावा, जाने-माने अभिनेता आदिल हुसैन के साथ एक मास्टर क्लास का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें वे विविध सांस्कृतिक परिदृश्य में प्रामाणिक तरह से विभिन्न तरह के चरित्रों को निभाने को लेकर चर्चा करेंगे। महान रूसी निर्देशक आंद्रे तारकोवस्की के बेटे आंद्रे ए. तारकोवस्की भी अपने पिता की सिनेमाई विरासत पर चर्चा करने के लिए यहां विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि डीआईएफएफ को क्यूरेट करने का श्रेय बीना पाॅल को जाता है जो इस महोत्सव की प्रोग्रामिंग डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने बताया कि महोत्सव में इस बार भूटान, नार्वे, भारत, कनाडा, यूके, आयरलैंड, अमेरिका, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी के अलावा अन्य देशों की फिल्में प्रदर्शित की जायेंगी।
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विदेशों में नौकरी के इच्छुक समय से बनवायें अपना पासपोर्ट: अक्षय कुमार
धर्मशाला, 24 अक्तूबरः क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी धर्मशाला अक्षय कुमार ने आज यहां को जानकारी देते हुए बताया कि विदेशों में नौकरी करने के इच्छुक आवेदकों की सुविधा हेतु श्रम, रोज़गार एवं विदेशी नियोजन विभाग व हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्राॅनिक्स विकास निगम शिमला के द्वारा मिल-जुल कर युवाओं को विदेशों में नौकरी देने हेतु साक्षात्कारों के आयोजन समय-समय पर किए जा रहे हैं तथा उन्होंने आवेदकों को यह सुझाव भी दिया है कि विदेशों में नौकरी पाने हेतु सबसे पहली जरूरत पासपोर्ट की होती है। परंतु यह देखने में आ रहा है कि आवेदकों के पास वैध पासपोर्ट न होने के कारण वे, इन मौकों से वंचित रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों में नौकरी पाने के इच्छुक आवेदक अपना पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज तैयार रखें ताकि साक्षात्कार में भाग ले कर वे अपना विदेश में नौकरी करने का सपना पूरा कर सकंे। उन्होंने कहा कि अभी तक यह साक्षात्कार संयुक्त अरब अमीरात में नौकरी हेतु किये जा रहे हैं।
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आपदा में राहत कार्यों में उत्कृष्ट योगदान करने वालों को मिला सम्मान
मटौर महाविद्यालय में जिला स्तरीय समर्थ मेला आयोजित
धर्मशाला, 24 अक्तूबर। कांगड़ा के मटौर में आयोजित “जिला स्तरीय समर्थ मेला-2025” में मुख्यातिथि एडीएम शिल्पी बेक्टा ने कांगड़ा जिला में आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं राहत कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले अधिकारी-कर्मचारियों और स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही एसडीआरएफ, होम गार्ड्स एवं फायर सर्विसेज, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा मित्र टीमों को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए गए।
समर्थ अभियान के तहत आपदा-रोधी निर्माण एवं भवन मॉडल प्रदर्शनी वाद-विवाद प्रश्नोत्तरी पोस्टर-निर्माण एवं चित्रकला प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं। इस अवसर पर मुख्यातिथि एडीएम शिल्पी बेक्टा ने विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की सक्रिय भागीदारी तथा विभिन्न एजेंसियों के उत्कृष्ट समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि “समर्थ मेला जिला-स्तर पर आपदा प्रबंधन, शिक्षा संस्थानों और समुदाय के बीच एक सशक्त समन्वय का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आपदा से प्रबंधन के लिए तैयारी, सहयोग और सामुदायिक सजगता अत्यंत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जिला में आपदा प्रबंधन को लेकर स्कूल स्तर तथा पंचायत स्तर तक जागरूकता अभियान आरंभ किए गए हैं।
एडीएम ने कहा कि आपदाओं से बचने के लिए सुरक्षित भवन निर्माण भी अत्यंत जरूरी है तथा इस के लिए कांगड़ा जिला में पंचायत स्तर के मिस्त्रियों को भूंकपरोधी निर्माण के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय के प्रिंसिपल संदीप कुमार, प्रो. अजय कुमार, नोडल अधिकारी, राजकीय महाविद्यालय मटौर तथा रॉबिन कुमार, डीईओसी समन्वयक, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण उपस्थित थे।
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आपदा में राहत कार्यों में उत्कृष्ट योगदान करने वालों को मिला सम्मान
मटौर महाविद्यालय में जिला स्तरीय समर्थ मेला आयोजित
धर्मशाला, 24 अक्तूबर। कांगड़ा के मटौर में आयोजित “जिला स्तरीय समर्थ मेला-2025” में मुख्यातिथि एडीएम शिल्पी बेक्टा ने कांगड़ा जिला में आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं राहत कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले अधिकारी-कर्मचारियों और स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही एसडीआरएफ, होम गार्ड्स एवं फायर सर्विसेज, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा मित्र टीमों को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए गए।
समर्थ अभियान के तहत आपदा-रोधी निर्माण एवं भवन मॉडल प्रदर्शनी वाद-विवाद प्रश्नोत्तरी पोस्टर-निर्माण एवं चित्रकला प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं। इस अवसर पर मुख्यातिथि एडीएम शिल्पी बेक्टा ने विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की सक्रिय भागीदारी तथा विभिन्न एजेंसियों के उत्कृष्ट समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि “समर्थ मेला जिला-स्तर पर आपदा प्रबंधन, शिक्षा संस्थानों और समुदाय के बीच एक सशक्त समन्वय का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आपदा से प्रबंधन के लिए तैयारी, सहयोग और सामुदायिक सजगता अत्यंत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जिला में आपदा प्रबंधन को लेकर स्कूल स्तर तथा पंचायत स्तर तक जागरूकता अभियान आरंभ किए गए हैं।
एडीएम ने कहा कि आपदाओं से बचने के लिए सुरक्षित भवन निर्माण भी अत्यंत जरूरी है तथा इस के लिए कांगड़ा जिला में पंचायत स्तर के मिस्त्रियों को भूंकपरोधी निर्माण के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय के प्रिंसिपल संदीप कुमार, प्रो. अजय कुमार, नोडल अधिकारी, राजकीय महाविद्यालय मटौर तथा रॉबिन कुमार, डीईओसी समन्वयक, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण उपस्थित थे।