ऊना जिले में भारी बारिश के चलते पहली सितम्बर को शिक्षकों-स्टाफ को भी विद्यालय आने से छूट, ऑनलाइन माध्यम से संचालित होंगी कक्षाएं

ऊना, 1 सितम्बर. जिला दंडाधिकारी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना के अध्यक्ष जतिन लाल ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि 1 सितम्बर को शिक्षकों और स्टाफ को विद्यालयों, संस्थानों में उपस्थिति से छूट दी गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं संचालित करेंगे ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।

गौरतलब है कि 1 सितम्बर को जिले के सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों के लिए पहले ही बंद रखने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसमें स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर और आंगनवाड़ी केंद्र शामिल हैं।

उपायुक्त ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग, शिमला द्वारा ऊना जिले में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण जिले के कई क्षेत्रों में जलभराव, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो गई हैं, जिससे विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्टाफ का आवागमन असुरक्षित हो सकता है। उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

उन्होंने जिलावासियों से अपील की है कि ऐसी आपदा जैसी परिस्थितियों में वे अपने घरों में सुरक्षित और सतर्क रहें तथा प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी की जा रही सूचनाओं का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत 1077 पर कॉल कर सहायता प्राप्त की जा सकती है।

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ऊना में भारी बारिश से उत्पन्न हालात को लेकर प्रशासन मुस्तैद, युद्धस्तर पर जारी राहत-बचाव व बहाली कार्य

ऊना, 01 सितंबर. उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने बताया कि ऊना जिले में भारी बारिश से उत्पन्न हालात के बीच प्रशासन पूरी तत्परता के साथ राहत-बचाव और बहाली कार्यों में जुटा हुआ है। सड़कों को खोलने, जलभराव व मलबा हटाने और प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने का कार्य लगातार जारी है।
उन्होंने कहा कि सभी विभाग अलर्ट मोड पर हैं और जन सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रशासन हर परिस्थिति में जनता के साथ खड़ा है। भूस्खलन से बंद अधिकतर मार्गों को बहाल किया जा चुका है।

गौरतलब है कि लगातार मूसलाधार बारिश से ऊना ज़िले में जनजीवन प्रभावित हुआ है। नदी-नाले उफान पर हैं और कई स्थानों पर घरों में पानी घुसने तथा संपत्तियों को नुक़सान पहुंचने की सूचनाएं मिली हैं। विकास परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। प्रभावित परिवारों को आपदा राहत मैन्युअल के अनुरूप फौरी आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।
प्रारंभिक क्षति रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों में ज़िले को लगभग 555.55 लाख रुपये का नुक़सान हुआ है। इसमें सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को 522.05 लाख रुपये का हुआ है।

इसके अलावा 1 पूर्ण पक्का मकान क्षतिग्रस्त होने से 5 लाख रुपये तथा 1 कच्चा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से 1.50 लाख रुपये का नुकसान आंका गया है। वहीं 7 पक्के मकानों को आंशिक नुकसान 3.45 लाख और 21 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान 8.45 लाख रुपये का हुआ है।
रिपोर्ट में 18 गौशालाओं को 3.90 लाख, 1 राजस्व भवन संरचना को 7 लाख, नगर पंचायत गगरेट को 2 लाख और 6 रिटेनिंग वॉल्स को 2.20 लाख रुपये की क्षति दर्ज की गई है।आगे की विस्तृत क्षति रिपोर्ट प्राप्त होना शेष है।

उपायुक्त ने नागरिकों से अपील की है कि वे नदी-नालों के पास न जाएं, अफवाहों से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के टोल-फ्री नंबर 1077 पर तुरंत संपर्क किया जा सकता है।