चण्डीगढ़, 14.08.25- : नशा-मुक्त भारत अभियान में अनूप सरीन, समाजसेवी एवं संस्थापक, भारतीय सांस्कृतिक ज्ञान ने संस्था की ओर से आज सरकारी आदर्श सीनियर सैकण्डरी विद्यालय, सैक्टर 23 में कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें नीना रस्तोगी, मुख्य प्राध्यापिका, मुख्य अतिथि डॉ. युवराज खुल्लर, डॉ. समर्थ खन्ना एवं डॉ. अनु गर्ग उपस्थित हुए।

अनूप सरीन ने बताया कि अधिकतर लोग अपने मित्रों एवं सहपाठियों के साथ मौज-मस्ती के उद्देश्य से या परीक्षा में फेल होने के तनाव से मुक्ति के लिए या मानसिक या शारीरिक थकावट को दूर करने के लिए या हीन भावना से ग्रसित होने इत्यादि विभिन्न कारणों से नशे का प्रयोग शुरु करते हैं। उन्होंने बच्चों को अच्छी आदतें और शारीरिक गतिविधियां अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि यदि कोई नशीली दवाओं के सेवन के लिए बाध्य करता है तो उसको सख्ती से मना करना चाहिए और अध्यापक या परिजनों को तुरंत सूचित करना चाहिए। सभी बच्चों ने नशामुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया।

डॉ. युवराज खुल्लर ने अपने संदेश में बच्चों से अनुरोध किया कि अगर नशा ही करना है तो अपनी पढ़ाई का, खेल का, संगीत का, डांस का, अपने घर को सुधारने का, देश को सुधार का, अपनी तरक्की का जुनून पैदा करें। जब आप ऐसा नशा करेंगे तो आप निश्चित रूप से बीड़ी, सिगरेट, शराब, जैसे नशे से दूर रहेंगे।

इस अवसर पर डॉ. समर्थ खन्ना, डैंटल सर्जन, ने कहा कि हर बच्चा महत्वपूर्ण है. उसका भविष्य बहुत अच्छा होगा, कोई डॉक्टर, इंजीनियर, राजनेता, फैक्ट्री मालिक बनेगा और कई अन्य लोगों को प्रभावित करेगा। इसलिए उन्हें आज अपना ख्याल रखना चाहिए और खुद को नशीली दवाओं के दुरुपयोग से बचाएं। नशीली दवाओं को सख्ती से ना कहें। आपके मित्र पेशकश करेंगे, आपके माता-पिता पहले से ही ऐसा कर रहे होंगे लेकिन आप हमेशा ना ही कहेंगे। लड़कियाँ और लड़के दोनों अपनी सुरक्षा करें।