14.08.25
प्यारे प्रदेशवासियो,
देश आज अपनी आज़ादी की 78वीं वर्षगांठ उल्लास और गर्व से मना रहा है। इस पावन अवसर पर मैं पंजाब और चंडीगढ़ सहित समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।
15 अगस्त 1947 का स्वर्णिम प्रभात केवल राजनीतिक मुक्ति नहीं था, यह अपनी नियति स्वयं गढ़ने की सामूहिक प्रतिज्ञा का आरंभ था। इसी भावना के साथ आज हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और उन असंख्य ज्ञात-अज्ञात वीरों को नमन करते हैं, जिनके बलिदान से भारत स्वतंत्र बना।
स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब का योगदान अनुपम है। यह वीरों की धरती शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, करतार सिंह सराभा जैसे क्रांतिकारियों की कर्मभूमि रही है। मैं इन अमर बलिदानियों और जलियांवाला के शहीदों सहित उन सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिन्होंने देश की अखंडता और सीमाओं की रक्षा में अपने प्राण अर्पित किए।
साथियो, यह आज़ादी हमारे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान से मिली है, जिसे हम किसी भी कीमत पर खो नहीं सकते। हालांकि, पड़ोसी दुश्मन देश नशा, हथियारों की तस्करी और आतंकवाद से हमारी शांति व अखंडता को चुनौती दे रहे हैं। भारत ने इन चुनौतियों का निर्णायक उत्तर दिया है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण हमले के पश्चात 7 मई 2025 को चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ हमारी सैन्य तत्परता और तकनीकी क्षमता का प्रतीक बना, जिसमें आतंकी ठिकानों को पूरी सटीकता के साथ ध्वस्त किया गया।
इसके बाद ‘ऑपरेशन महादेव’ में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर हमले में शामिल तीन आतंकियों का खात्मा किया। संदेश स्पष्ट है—भारत अब न झुकता है, न रुकता है; आवश्यकता पड़ने पर दुश्मन के अड्डों तक जाकर निर्णायक प्रहार करता है।
साथियो, मैं स्वयं को सौभाग्यशाल मानता हूं कि मुझे वीरता की गाथाओं से भरे पंजाब राज्य का राज्यपाल और यू.टी. चंडीगढ़ का प्रशासक होने का गौरव प्राप्त हुआ है। गुरुओं और पीरों की इस पावन धरती को, श्री गुरु नानक देव जी से लेकर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी तक जैसे महान संतों, विचारकों और योद्धाओं का आशीर्वाद प्राप्त है।
श्री गुरु नानक देव जी ने जब बाबर को ‘जाबर’ अर्थात् ‘अत्याचारी’ कहकर संबोधित किया और अपने उपदेशों में अन्याय व अत्याचार के विरुद्ध निर्भीक स्वर उठाया, तो यह केवल एक ऐतिहासिक प्रसंग नहीं था, बल्कि वह आह्वान उस मानसिक स्वतंत्रता का प्रतीक था, जो भारत की आत्मा में गहराई से रची-बसी है।
और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने जब ‘सवा लाख से एक लड़ाऊँ’ की भावना के साथ अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध शौर्य की प्रेरणा दी, तो वह भारतीय जनमानस में स्वतंत्रता की लौ जलाने वाला एक अमर संदेश बन गया।
साथियो, यह हमारे लिए अत्यंत ही गर्व की बात है कि पंजाब ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध तक राष्ट्ररक्षा में अग्रणी भूमिका निभाई, और हरित क्रांति के माध्यम से खाद्य सुरक्षा की चुनौती का सामना कर भारत को अन्न में आत्मनिर्भर व सशक्त बनाया।
वर्तमान में पंजाब जनकल्याण, पारदर्शिता और समावेशी विकास की नई मिसाल गढ़ रहा है। 881 संचालित और 200 नए आम आदमी क्लीनिक, मुख्यमंत्री सेहत योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज, 104 हाई-टेक एम्बुलेंस और ‘मुख्यमंत्री योगशाला’ जैसी पहलें जन-स्वास्थ्य को मजबूत कर रही हैं।
शिक्षा में 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस, छात्राओं के लिए 230 बसें, शिक्षक प्रशिक्षण और राष्ट्रीय मूल्यांकन सर्वेक्षण 2024 में अग्रणी प्रदर्शन ने गुणवत्ता की नई रेखाएँ खींची हैं; इसी का परिणाम है कि इस वर्ष सरकारी स्कूलों के 845 विद्यार्थियों ने NEET और 265 ने JEE Mains उत्तीर्ण किए।
बिजली और सिंचाई के मोर्चे पर 90% घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त आपूर्ति, 77 नहरों का पुनर्जीवन और 150 किमी लंबी मालवा नहर का निर्माण किसानों और आमजन—दोनों के जीवन में राहत ला रहे हैं।
राज्य में 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश रोजगार सृजन का बड़ा आधार बनेगा। प्रशासनिक सुधारों में भ्रष्टाचार-रोधी कदम, सड़क सुरक्षा फोर्स, ‘फरिश्ते’ योजना और एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स ने शासन में भरोसा बढ़ाया है।
कृषि में धान की सीधी बुआई को प्रोत्साहन, फसल अवशेष प्रबंधन पर सब्सिडी और पारदर्शी मंडी खरीद से किसान हित सुरक्षित किए जा रहे हैं; वहीं भूमि रजिस्ट्री की ऑनलाइन सुविधा, ‘पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रोपर्टी रेग्युलेशन एक्ट’ में संशोधन से अनाधिकृत कॉलोनियों के खरीदारों को राहत, और नई खनन नीति सुशासन की दिशा में ठोस कदम हैं।
खेलों में पंजाब की पहचान और प्रखर हो रही है। नई खेल नीति 2023, और ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ जैसी योजनाएं प्रतिभा को प्रोत्साहन दे रही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कई टीमों की कमान पंजाबी खिलाड़ियों के हाथों में है—टेस्ट क्रिकेट में शुभमन गिल, महिला क्रिकेट में हरमनप्रीत कौर, हॉकी में हरमनप्रीत सिंह और हाल में बास्केटबॉल में पालप्रीत सिंह बराड़। साथ ही, कुछ दिनों पहले तक भारतीय फुटबॉल टीम की कप्तानी भी पंजाबी खिलाड़ी गुरप्रीत सिंह संधू के ही पास थी।
साथियो, पंजाब में व्याप्त नशों के विरुद्ध लड़ाई समाज-राज्य की साझी लड़ाई है। सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए 6 सीमावर्ती जिलों में 1500 से अधिक ग्राम-स्तरीय रक्षा समितियाँ गठित हैं; पूरी सीमा पर एंटी-ड्रोन तकनीक और एआई-सक्षम कैमरे लगाए जा रहे हैं। मोहाली स्थित एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स मुख्यालय में ‘सहायता सेवा इकाई’ स्थापित की गई है, और जनजागरूकता हेतु पदयात्राएँ व समारोह लगातार आयोजित हो रहे हैं—क्योंकि नशा-मुक्त, सशक्त युवा ही विकसित भारत की रीढ़ हैं।
पंजाब की राजधानी चंडीगढ़, जिसे ‘मिनी इंडिया’ का सुंदर प्रतीक कहा जाता है, भी उत्कृष्ट उपलब्धियों से राष्ट्रनिर्माण में योगदान दे रहा है—इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स 2024 में अग्रणी स्थान, ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25’ में अपनी श्रेणी में दूसरा स्थान और 18 जून 2025 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता’ का दर्जा इसका प्रमाण हैं।
देश की बात करें तो राष्ट्रव्यापी स्तर पर हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र ने आधारभूत ढाँचे, तकनीकी नवाचार, स्टार्टअप्स और सामाजिक उत्थान को गति दी है।
अंतरिक्ष में चंद्रयान-3, आदित्य-एल1, मंगलयान और NISAR, रक्षा उत्पादन में ब्रह्मोस, आकाश एयर-डिफेंस और तेजस, तथा इंफ्रास्ट्रक्चर में चिनाब पुल, पंबन ब्रिज, अटल सेतु और बुलेट ट्रेन परियोजना—ये सब आधुनिक भारत की उन्नति का प्रमाण हैं।