घुमारवीं के भदरोग में जल्द बसेंगे उद्योग — 12 करोड़ रूपए से होगा बुनियादी ढांचे का निर्माण : धर्माणी
करयालग में 64 करोड़ रूपए की लागत से बनेगा 132 केवी सब स्टेशन, घुमारवीं क्षेत्र में 20 वर्षों तक खत्म होगी लो-वोल्टेज की समस्या

बिलासपुर, 27 अक्तूबर 2025-प्रदेश सरकार में नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी सोमवार को ग्राम पंचायत सियूं के अंतर्गत आने वाले गांव भदरोग, कुठाखर और चेरी के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में जारी विकास कार्यों का निरीक्षण किया और लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास को गति देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने घोषणा की कि भदरोग में चयनित औद्योगिक क्षेत्र का शीघ्र विकास किया जाएगा, जिसके बुनियादी ढांचे के निर्माण पर लगभग 12 करोड़ रूपए व्यय किए जाएंगे।

मंत्री धर्माणी ने कहा कि उद्योग विभाग द्वारा इस परियोजना के लिए तैयार किए गए प्राक्कलन को शीघ्र ही सरकार से स्वीकृति प्राप्त होगी। इस औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, अपशिष्ट जल प्रबंधन, और लॉजिस्टिक सेवाओं जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर विकसित की जाएंगी, ताकि औद्योगिक इकाइयों को सुचारू संचालन के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि विश्वसनीय बिजली आपूर्ति और जल उपलब्धता उद्योगों के विकास की रीढ़ होती हैं, और भदरोग औद्योगिक क्षेत्र इन दोनों सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि इस औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना से न केवल घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र बल्कि पूरे बिलासपुर जिले का औद्योगिक एवं आर्थिक परिदृश्य परिवर्तित होगा। इससे स्थानीय युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे बेरोज़गारी दर में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से संपत्ति कर, राजस्व और अन्य शुल्कों के रूप में स्थानीय निकायों की आय में भी वृद्धि होगी, जिससे सार्वजनिक सेवाओं को और सुदृढ़ बनाया जा सकेगा।

धर्माणी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में इकाइयों के समूह बनने से ज्ञान-साझाकरण, आपसी सहयोग और आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता में वृद्धि होगी। इससे निवेश का माहौल बनेगा और घुमारवीं क्षेत्र एक उभरते औद्योगिक हब के रूप में विकसित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि उद्योगों के साथ-साथ शिक्षा और तकनीकी संस्थानों का विकास भी समानांतर रूप से हो, ताकि कौशलयुक्त जनशक्ति स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सके।

उन्होंने बताया कि घुमारवीं क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही कम वोल्टेज की समस्या को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है। करयालग में 64 करोड़ रूपए की लागत से 132 केवी का सब स्टेशन स्थापित किया जा रहा है, जिसकी टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इस सब स्टेशन के निर्माण से आगामी 20 से 25 वर्षों तक लो-वोल्टेज की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इसके अतिरिक्त बम्म-हटवार के मध्य एक नया सब स्टेशन और एक अन्य बगैड़ में स्थापित किया जाएगा, जिससे बिजली आपूर्ति व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी।

मंत्री धर्माणी ने यह भी बताया कि इसी पंचायत के अंतर्गत आईटीआई भवन निर्माण कार्य को भी शीघ्र आरंभ किया जाएगा, जिस पर 15 करोड़ 50 लाख रूपए व्यय किए जाएंगे। इस परियोजना की 5 करोड़ 50 लाख रूपए की पहली किस्त जारी कर दी गई है, जिसके अंतर्गत चारदिवारी निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने कहा कि आईटीआई भवन, औद्योगिक क्षेत्र और प्रस्तावित डिजिटल यूनिवर्सिटी के निर्माण से यह पूरा इलाका घुमारवीं का तेजी से विकसित होता शहरी क्षेत्र बनकर उभरेगा।

उन्होंने कहा कि भदरोग गांव में विकास कार्यों को गति देने के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसमें रेन शेल्टर निर्माण के लिए 3 लाख रूपए, बरसात के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए 3 लाख रूपए, तथा पुलिया निर्माण के लिए 10 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही गांव में एंबुलेंस सड़क निर्माण कार्य को भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को बेहतर परिवहन और स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो सकें।

मंत्री धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों को रोजगार, शिक्षा और उद्योग के नए अवसरों से जोड़ा जाए, ताकि लोग आत्मनिर्भर बन सकें और क्षेत्रीय विकास को गति मिले।

इस अवसर पर ग्राम पंचायत प्रधान पवन कुमार, पूर्व प्रधान राजेश कुमार, रामस्वरूप, रामकृष्ण पटियाल, पंचायत सदस्य कांता शर्मा तथा विद्या देवी सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।

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घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में 300 करोड़ रूपए से स्थापित होगी हिमाचल की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी — धर्माणी

शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में निर्णायक बदलाव के लिए काम कर रही है प्रदेश सरकार : धर्माणी

बिलासपुर, 27 अक्तूबर 2025-प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने ग्राम पंचायत सियूं में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के पंचायत सियूं के अंतर्गत कसारू में 300 करोड़ रूपए की लागत से हिमाचल प्रदेश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रगति पर है और शीघ्र ही निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। धर्माणी ने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना से क्षेत्र के युवाओं को विश्व स्तरीय, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच प्राप्त होगी। यह पहल राज्य में शिक्षा के लोकतंत्रीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पारंपरिक विषयों के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, डेटा साइंस, सेमीकंडक्टर, मशीन लर्निंग और उभरती प्रौद्योगिकियों पर आधारित उद्योग-केंद्रित पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि डिजिटल लर्निंग मोड और वर्चुअल लैब्स की सहायता से विद्यार्थी अपनी गति से सीख सकेंगे, जिससे शिक्षा अधिक लचीली, सुलभ और किफायती बनेगी। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को अब बड़े शहरों में जाए बिना ही रोजगारोन्मुख शिक्षा प्राप्त होगी। इससे क्षेत्र के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलेंगे और यह परियोजना घुमारवीं क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी।


***धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार क्रांतिकारी और गुणवत्तापूर्ण सुधार कर रही है। सरकार का लक्ष्य नए स्कूल खोलने के बजाय मौजूदा शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाने पर केंद्रित है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से राज्य के 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने जा रही है, जिनकी सूची जारी कर दी गई है।उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में 6 स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ा जाएगा, जिनमें से घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के भराड़ी, हटवाड़ और घुमारवीं के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि चौथा सीबीएसई स्कूल कपहाड़ा में खोला जाए। धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐसी सभी विधवाओं, तलाकशुदा, निराश्रित और दिव्यांग माता-पिता के 27 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों की शिक्षा पर होने वाला समस्त व्यय सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पात्र बच्चों के आरडी खातों में 18 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह एक हजार रूपए की राशि जमा करवाई जाएगी, ताकि उनकी शिक्षा में कोई आर्थिक बाधा न आए। इसके अतिरिक्त, सरकार ने वृद्धावस्था, विधवा, एकल नारी, दिव्यांग और कुष्ठ रोगी पेंशन योजनाओं के तहत 40 हजार नए पात्र लाभार्थियों को शामिल करने का निर्णय लिया है।

**मंत्री धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श अस्पताल स्थापित करने जा रही है, जहां कम से कम 6 विशेषज्ञ चिकित्सक नियुक्त किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है, ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें।


****धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती की दिशा में देश में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य की 3,584 पंचायतों के 2,22,893 किसान 38,437 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक तरीके से खेती कर रहे हैं। अब तक 3.06 लाख किसानों और बागवानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जबकि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025-26 तक एक लाख नए किसानों को इस पहल से जोड़ने का है। उन्होंने बताया कि राज्य के 88 विकास खंडों के 59,068 किसानों और बागवानों ने कृषि विभाग में पंजीकरण करवाया है। प्रदेश सरकार प्राकृतिक उत्पादों पर देश में सर्वाधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है — मक्का के लिए 40 रूपए प्रति किलो, गेहूं के लिए 60 रूपए प्रति किलो, कच्ची हल्दी के लिए 90 रूपए प्रति किलो और पांगी क्षेत्र की जौ के लिए 60 रूपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पहल हिमाचल प्रदेश को हरित, आत्मनिर्भर और सतत कृषि राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि — इन तीनों क्षेत्रों में निर्णायक बदलाव लाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य डिजिटल, हरित और आत्मनिर्भर हिमाचल के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।