चंबा, 7 अक्तूबर-जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चंबा द्वारा आयोजित “समर्थ-2025” कार्यक्रम के अंतर्गत आज “सुरक्षित निर्माण की तकनीकों पर मॉडल प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त एवं अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मुकेश रेपसवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने विभिन्न स्कूलों, राजकीय बहुतकनिकी संस्थान (पॉलिटेक्निक) तथा आईटीआई के विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए मॉडलों का बारीकी से अवलोकन किया और विद्यार्थियों की रचनात्मकता, परिश्रम एवं नवाचार भावना की सराहना की।
उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में सुरक्षित निर्माण पद्धतियों की समझ विकसित करना तथा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है। उपायुक्त ने विद्यार्थियों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए मॉडल भविष्य के सुरक्षित निर्माण की झलक प्रस्तुत करते हैं। यह देखकर संतोष होता है कि हमारी नई पीढ़ी आपदा जोखिम न्यूनीकरण और सुरक्षित निर्माण की दिशा में गंभीरता से सोच रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ाते हैं बल्कि समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीकी समझ को भी सशक्त बनाते हैं।
कार्यक्रम में स्कूलों, आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। प्रतिभागियों ने अपने मॉडलों के माध्यम से यह प्रदर्शित किया कि भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में किस प्रकार सुरक्षित निर्माण तकनीकें जन-धन की हानि को न्यूनतम कर सकती हैं।
यह प्रतियोगिता जिला स्तर पर आयोजित की गई थी, जिसके विजेता प्रतिभागियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलेगा। वहाँ वे अपने मॉडल प्रस्तुत करेंगे और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
प्रतियोगिता को तीन वर्गों में विभाजित किया गया था
जिसमें कॉलेज स्तर पर विजेता:राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई),चंबा
वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर विजेता: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भरमौर और उच्च स्तर का विजेता: राजकीय उच्च विद्यालय टापर रहा। प्रतियोगिता के विजेता 8 अक्टूबर को शिमला में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।
कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी रविंद्र चिनौरिया, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, अध्यापकगण, आईटीआई व पॉलिटेक्निक संस्थानों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।