घुमारवीं (बिलासपुर), 04 अक्तूबर: नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने आज घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के औहर में 10.25 लाख रूपये की लागत से जल शक्ति विभाग द्वारा निर्मित ‘वास्तविक समय पेयजल गुणवत्ता निगरानी प्रणाली‘ का आज लोकार्पण किया। इसका जलस्रोत पवित्र रूकमणी कुंड की जलधारा से लाया गया है। इस आधुनिक प्याऊ के यहां स्थापित हो जाने से आने-जाने वाले स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी रूकमणी कुंड की पवित्र जलधारा का स्वाद चखने को मिलेगा।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि यह पहल जल संरक्षण और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति की दिशा में प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि जब तक जल सुरक्षित रहेगा, तब तक हमारा भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। इसी दृष्टिकोण से प्रदेश सरकार ने यह तकनीकी प्रणाली स्थापित की है ताकि आमजन को शुद्ध, स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक पानी उपलब्ध कराया जा सके।

उन्होंने कहा कि ‘वास्तविक समय पेयजल गुणवत्ता निगरानी प्रणाली‘ 10.25 लाख रुपये की लागत से स्थापित की गई है और इसका जल स्रोत पवित्र रूकमणी कुंड की जलधारा से लाया गया है। यहां लगाए गए पराबैंगनी प्रणाली (यूवी सिस्टम) के माध्यम से जल को वैज्ञानिक तरीके से शुद्ध किया जाता है, जिससे गुणवत्ता प्राकृतिक और रोगाणुरहित बनी रहती है। उन्होंने कहा कि यह पानी बोतलबंद पानी से भी अधिक शुद्ध है तथा स्थानीय लोग इसकी गुणवत्ता की जानकारी वास्तविक समय में देख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह प्रणाली पेयजल की गुणवत्ता को वास्तविक समय (रीयल टाइम) में जांचने की सुविधा प्रदान करती है। इसके जरिए पानी का पीएच, टीडीएस, टर्बिडिटी, टीएसएस और क्लोरीन स्तर को लगातार मापा जाता है और इसकी जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दर्ज आंकड़ों के अनुसार पानी का पीएच स्तर 7.28, टीडीएस 210 पीपीएम, टर्बिडिटी 0.00 एनटीयू, टीएसएस 0.00 पीपीएम और क्लोरीन 0.00 पीपीएम दर्ज किया गया है, जो पानी की उच्च गुणवत्ता और शुद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था पारदर्शिता का प्रतीक है तथा कोई भी व्यक्ति स्क्रीन देखकर पानी की गुणवत्ता की स्वयं जांच कर सकता है।

राजेश धर्माणी ने कहा कि रूकमणी कुंड केवल एक जलस्रोत नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और धार्मिक विश्वास का प्रतीक है। यह स्थल बिलासपुर की सांस्कृतिक धरोहरों और प्राकृतिक सुंदरता का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि रूकमणी कुंड का जल औषधीय गुणों से युक्त है तथा प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु और पर्यटक इस पवित्र स्थल पर पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि इस आधुनिक प्याऊ के माध्यम से जहां स्थानीय लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा, वहीं पर्यटकों के लिए यह स्थल और भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से औहर में एक विशाल पर्यटन परिसर विकसित किया जा रहा है, जिसका एक भाग निर्माणाधीन है तथा दूसरे परिसर के लिए सरकार ने धनराशि को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में एक नया पुलिस थाना स्थापित किया जा रहा है ताकि सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हो सके। माउंटेनरी बाइकर्स के लिए विशेष सुविधाएं तैयार की जा रही हैं और हिमुडा का विश्राम गृह का निर्माण प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि भविष्य में यहां हेलीपोर्ट सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और यह क्षेत्र प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान हासिल करेगा। इससे जहां क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तो वहीं पर्यटन और आर्थिक विकास का नया केंद्र भी बनेगा।

उन्होंने जल संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि यह प्याऊ केवल प्यास बुझाने का साधन नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक चेतना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है और हर एक बूंद बचाना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने सभी नागरिकों से जल संरक्षण को अपनी जिम्मेदारी समझने तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए जल स्रोतों की रक्षा करने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार की यह पहल जनता की भागीदारी से तभी सफल होगी जब प्रत्येक व्यक्ति जल के महत्व को समझे और उसे बचाने में योगदान दे।

इस अवसर पर जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियन्ता राहुल दुबे, अधीशाषी अभियन्ता यशपाल शर्मा, राकेश वैद्य, सतीश शर्मा, श्याम सिंह पुंडीर, एपीएमसी अध्यक्ष सतपाल, कैप्टन विजय कुमार चंदेल, कैप्टन प्यारेलाल, जोगिंदर धीमान, कैप्टन नंदलाल, कृति, सरदार रूपलाल, वार्ड मेंबर बबली, राजेश, बृजलाल सहित विभागीय अधिकारी, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।