बिलासपुर, 11 अक्तूबर: नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि खेल व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेलों के माध्यम से न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि मानसिक मजबूती, आत्मविश्वास, टीम भावना तथा अनुशासन की भावना का भी विकास होता है। उन्होंने कहा कि खेल मैदान विद्यार्थियों के जीवन के अनिवार्य अंग हैं, जो उन्हें जीवन में कठिन परिस्थितियों से जूझने और सफलता पाने का मार्ग सिखाते हैं।
राजेश धर्माणी आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला औहर में आयोजित तीन दिवसीय अंडर-14 जिला स्तरीय छात्रा खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस प्रतियोगिता में जिला के पांच जोन तथा 10 डायरेक्ट पार्टिसिपेशन स्कूलों के लगभग 400 छात्रा खिलाड़ी भाग ले रही हैं, जो कबड्डी, वॉलीबॉल, खो-खो, बैडमिंटन, हॉकी, जूड़ो, कुश्ती जैसी अन्य खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों को नई प्रेरणा देती हैं। खेलों के माध्यम से विद्यार्थी एक-दूसरे के अनुभवों से सीखते हैं और उनमें सहयोग, नेतृत्व और सामंजस्य की भावना को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि खेल जीवन में सकारात्मक सोच और ऊर्जा का संचार करते हैं, जिससे विद्यार्थी समाज और राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनते हैं।
उन्होंने कहा कि आज हमारी बेटियां समाज के किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। इस तरह के आयोजनों में भाग लेने से बेटियों में भी आत्मविश्वास तथा निडरता की भावना का विकास होता है। बेटियों से पूरे समर्पण एवं लग्न के साथ अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का आहवान किया ताकि उनमें स्वाभिमान के साथ-साथ आत्म सम्मान की भावना को भी बल मिल सके।
राजेश धर्माणी ने शिक्षकों का आह्वान किया कि वह यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक बच्चा स्कूली शिक्षा के दौरान खेल गतिविधियों में अवश्य भाग ले। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के विकास में शिक्षक एक मजबूत कड़ी के रूप में कार्य करता है, इसलिए शिक्षकों को बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों के प्रति भी प्रोत्साहित करना चाहिए।
उन्होंने विद्यालयों में प्रतिदिन प्रातः कालीन सभा के दौरान विद्यार्थियों द्वारा मार्च पास्ट का अभ्यास कराने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रातःकालीन सभा के प्रारंभ और समाप्ति के समय विद्यार्थियों को मार्च पास्ट करते हुए कक्षा तक जाने की आदत डालनी चाहिए ताकि वह अनुशासन का अभ्यास कर सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक माह मार्च पास्ट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी घोषित किया जाए, ताकि अन्य बच्चों में भी बेहतर करने की प्रेरणा उत्पन्न हो।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि औहर विद्यालय की आधारभूत संरचना को और सुदृढ़ बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यालय के पुराने भवन की मरम्मत, खेल मैदान के विकास तथा शौचालयों के निर्माण इत्यादि कार्यों के लिए शीघ्र ही पर्याप्त धनराशि स्वीकृत की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे विद्यालय का वातावरण और भी सुदृढ़ होगा तथा विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण सुविधाएं प्राप्त होंगी।
इससे पहले उन्होंने खेल प्रतियोगिता का ध्वज फहराकर इसका विधिवत शुभारंभ किया और विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली।
इससे पहले स्थानीय स्कूल की प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए खेल आयोजन से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा नरेश चंदेल, विभिन्न स्कूलों के अध्यापकों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित कई गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।