डीसी ने मैकलोडगंज तथा धर्मकोट में बारिश से हुए नुक्सान का लिया जायजा
राहत तथा पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश
धर्मशाला, 28 अगस्त। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने धर्मशाला के कालापुल, धर्मकोट तथा मैकलोडगंज में बारिश से हुए नुक्सान का जायजा लिया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि राहत तथा पुनर्वास के कार्य युद्व स्तर पर चल रहे हैं तथा सभी विभागीय अधिकारियों को अपने अपने विभागों से संबंधित कार्यों को तत्परता के साथ करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आम जनमानस को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग तथा जल शक्ति विभाग के अधिकारी बाधित सड़कों तथा पेयजल योजनाओं की बहाली के लिए दिन-रात प्रयास कर रहे हैं।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में 28 अगस्त तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 63 संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं वहीं 153 के करीब छोटी-बड़ी पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं इन योजनाओं की मरम्मत का कार्य तेज गति से चल रहा है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि इंदौरा उपमंडल में भी बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील गांवों को खाली करवाया गया है तथा प्रभावित लोगों को रिलीफ कैंप में रखा गया है इसके साथ ही एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। पौंग डैम में जल स्तर की नियमित तौर पर माॅनिटरिंग भी सुनिश्चित की जा रही है इस के लिए जिला प्रशासन बीबीएमबी प्रबंधन के साथ सीधे संपर्क में है।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि राहत तथा पुनर्वास कार्यों की त्वरित रिपोर्ट भेजने के लिए उपमंडलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं रह जाए। इस अवसर पर नगर निगम के कमीशनर जफर इकबाल तथा डीएफओ धर्मशाला राहुल कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र में रेबीज जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
धर्मशाला, 28 अगस्त: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र, धर्मशाला में आज रेबीज जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र निदेशक प्रोफेसर डाॅ. कुलदीप अत्री ने कहा कि रेबीज एक घातक परन्तु पूर्णतः रोके जाने योग्य रोग है और समाज में इसके प्रति जागरूकता होनी चाहिये। उन्होंने छात्रों, संकाय सदस्यों एवं स्थानीय समुदाय से आग्रह किया कि वे टीकाकरण और सतर्कता, जागरूकता से रेबीज जैसी समस्या को जड़ से समाप्त करने में योगदान दें।
विधि अध्ययन विभाग के प्राचार्य डाॅ. डी.पी. वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि पशु एवं मानव के बीच सहअस्तित्व की भावना को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कानूनी दृष्टिकोण से भी लोगों को अपने कर्तव्यों और अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस प्रकार के जन-जागरूकता अभियानों को समाज तक पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभाएँ। इस कार्यक्रम के आयोजन में निदेशक प्रतीभा, सोशल मीडिया एडवाइजर श्वेता, साहिल एवं कम्युनिटी एंगेजमेंट मैनेजर हिमानी नेगी, धर्मशाला एनिमल रेस्क्यू का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में छात्रों एवं संकाय ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और संकल्प लिया कि वे रेबीज उन्मूलन और पशु कल्याण की दिशा में सक्रिय योगदान देंगे।