बिलासपुर में तीन दिवसीय वॉटर स्पोर्ट्स महोत्सव का होगा आयोजन, गोविंद सागर झील और कोल डैम में गूंजेंगी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं की धूम

बिलासपुर, 28 अगस्त-जिला बिलासपुर में पर्यटन को नई पहचान देने और जल क्रीड़ा गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस वर्ष तीन दिवसीय वॉटर स्पोर्ट्स महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह महोत्सव आगामी 10 से 12 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित होगा, जिसमें देशभर से प्रसिद्ध खिलाड़ी और पर्यटक भाग लेंगे।

इस संबंध में जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। बैठक में आयोजन को सफल बनाने के लिए महोत्सव के स्वरूप, आयोजन स्थलों, बजट और विभिन्न समितियों के गठन पर विस्तार से चर्चा की गई।

उपायुक्त ने बताया कि यह आयोजन पर्यटन, खेल, व्यापार और रोज़गार सृजन सोसाइटी के तत्वावधान में किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय स्तर की ड्रैगन नाव दौड़, कायकिंग और कैनोइंग प्रतियोगिताएँ आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेंगी। साथ ही अन्य रोचक जल क्रीड़ा गतिविधियों को भी शामिल किया जाएगा, जिससे यह महोत्सव पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बने और भविष्य में बिलासपुर को जल क्रीड़ाओं के स्थायी केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि कायकिंग और कैनोइंग प्रतियोगिताएँ कोल डैम में तथा ड्रैगन बोट रेसिंग गोविंद सागर झील में लुहनू मैदान से मंडी भराड़ी पुल के बीच आयोजित की जाएँगी। इन प्रतियोगिताओं से प्रतिभागियों और दर्शकों को रोमांचक अनुभव मिलेगा और जिला जल क्रीड़ा गतिविधियों का नया केंद्र बनकर उभरेगा।

उपायुक्त ने कहा कि गोविंद सागर झील का प्राकृतिक सौंदर्य और कोल डैम का विशाल जलक्षेत्र इस आयोजन को विशेष पहचान देंगे। पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोज़गार से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन ऐसे आयोजनों को निरंतर प्रोत्साहित कर रहा है।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि महोत्सव को आकर्षक नाम और प्रतीक चिन्ह (लोगो) दिया जाएगा। आयोजन की सफलता के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा तथा विभिन्न समितियों का गठन किया जाएगा। साथ ही सिविल सोसाइटी, व्यापार मंडल और अन्य स्वैच्छिक संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि यह महोत्सव सामूहिक उत्सव का रूप ले सके।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ओमकांत ठाकुर, विभिन्न विभागों के अधिकारी, गोविंद सागर जल क्रीड़ा संघ के अध्यक्ष हेमराज ठाकुर तथा हिमाचल जल क्रीड़ा सोसाइटी के राज्य महासचिव इशान अख्तर सहित समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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बिलासपुर में पहला नशा मुक्ति केंद्र जल्द होगा शुरू, 90 प्रतिशत कार्य पूरा

बिलासपुर, 28 अगस्त-जिला मुख्यालय के बचत भवन में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने की। उपायुक्त ने बताया कि जिले में पहले नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की दिशा में लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। भवन की मरम्मत, स्टाफ की उपलब्धता, बजट प्रावधान और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि इस केंद्र के लिए स्वारघाट में वन विभाग के अंतर्गत मिड हिमाइलन वॉटर शेड प्रोजेक्ट के तहत निर्मित भवन का चयन किया गया है। यह भवन प्रोजेक्ट समाप्त होने के बाद कई वर्षों से उपयोग में नहीं था, जिसे अब नये स्वरूप में नशा मुक्ति केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

नशा मुक्ति केंद्र 15 बेड का होगा और इसे केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सभी मानकों के अनुरूप संचालित किया जाएगा। इसमें मरीजों के लिए आठ कमरे, डॉक्टर रूम और अटेंडेंट रूम सहित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। भवन का कुल क्षेत्रफल 2304.56 वर्ग फुट है, जबकि न्यूनतम शर्त 2000 वर्ग फुट की है।

केंद्र के संचालन के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ रेड क्रॉस और अदानी फाउंडेशन के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। यह केंद्र पीपीपी मॉडल पर चलेगा और अदानी फाउंडेशन इसमें सहयोग करेगा।

उपायुक्त ने कहा कि यह नशा मुक्ति केंद्र नशे की लत से जूझ रहे लोगों को उपचार, परामर्श और पुनर्वास की सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। इसके माध्यम से प्रभावित लोग आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्यधारा में लौट सकेंगे और एक स्वस्थ व संतुलित जीवन जी पाएंगे।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बिलासपुर जिला सीमावर्ती क्षेत्र है और यहां से होकर गुजरने वाला फोरलेन सीधे कुल्लू-मनाली की ओर जाता है। इस वजह से नशीले पदार्थों की तस्करी में वृद्धि देखी गई है। इस गंभीर चुनौती से निपटने के लिए नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना को अत्यंत आवश्यक कदम माना गया है।