नीलोखेड़ी(करनाल)। हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंटर्न्स के एक माह लंबे इंटर्नशिप कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण समारोह के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ.वीरेंद्र सिंह चौहान ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए इंटर्नशिप के महत्व पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा, "इंटर्नशिप केवल प्रशिक्षण नहीं, बल्कि जीवन के बड़े विद्यालय में प्रवेश है। यह आपको किताबों से बाहर निकालकर वास्तविक जीवन के अनुभव सिखाती है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अनुभव छात्रों को न केवल नौकरी के लिए तैयार करते हैं, बल्कि उन्हें समाज में बदलाव के वाहक भी बनाते हैं।

कार्यक्रम के दौरान नई शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह नीति युवाओं में नवाचार, उद्यमिता और बहुआयामी कौशल विकसित करने पर केंद्रित है। "नई शिक्षा नीति हमें एक ऐसे भारत की ओर ले जा रही है, जो न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि ज्ञान और तकनीक में भी अग्रणी होगा।

अंत में उन्होंने इंटर्न्स को प्रेरित करते हुए आह्वान किया, "आपका ज्ञान और ऊर्जा देश की अमूल्य पूंजी है। इसे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में लगाइए। आप में से हर कोई अपने क्षेत्र का एक ‘चेंज मेकर’ बन सकता है।"

इस अवसर पर इंटर्न्स ने भी अपने अनुभव साझा किए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की छात्रा संजना ने कहा, "इस इंटर्नशिप ने हमें गाँवों की असल चुनौतियाँ और समाधान दोनों दिखाए। यह अनुभव किताबों से कहीं ज़्यादा सिखाने वाला है।"
एक अन्य इंटर्न मुस्कान ने बताया, "मैं अब समझ सकी हूँ कि ग्रामीण विकास में तकनीक और जागरूकता का कितना बड़ा योगदान है।"

कार्यक्रम में संस्थान के सहायक प्रोफेसर सुशील मेहता, संदीप भारद्वाज तथा कमलदीप सांगवान विशेष रूप से उपस्थित रहे।