इनेलो ने छात्र विंग आईएसओ की राज्य कार्यकारिणी, जिला प्रधान और तीन यूनिवर्सिटी के प्रधान किए घोषित
बब्ल विर्क को आईएसओ का प्रदेश का वरिष्ठ उपप्रधान, मावी गुज्जर को बनाया गया प्रधान महासचिव
मंदीप भिंचर को देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा, अक्षित पूनिया को गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार और दीपक डागर को एमडी यूनिवर्सिटी रोहतक का बनाया गया प्रधान
इनेलो ने युवा प्रकोष्ठ में नियुक्तियों की दूसरी सूची भी की जारी - रविन्द्र मण्डौरा, एडवोकेट प्रदीप छोकर को उपप्रधान, आजाद मलिक को महासचिव, अमन शर्मा एवं नवीन राठी बुसाना को सचिव, इमरान सैफी और शमीम खान को बनाया गया सह सचिव
चंडीगढ़, 5 अगस्त। संगठन का विस्तार करते हुए इनेलो के छात्र विंग आईएसओ के प्रदेश अध्यक्ष साहिलदीप कसवां ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अभय सिंह चौटाला, प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा और आईएसओ के राष्ट्रीय प्रभारी अर्जुन चौटाला से विचार विमर्श करके छात्र विंग आईएसओ की प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी, जिला प्रधान एवं यूनिवर्सिटी के प्रधान नियुक्त किए। इसके साथ ही युवा प्रकोष्ठ की दूसरी सूची भी जारी की गई।
आईएसओ प्रदेश कार्यकारिणी - बब्ल विर्क को प्रदेश का वरिष्ठ उपप्रधान, मावी गुज्जर को प्रधान महासचिव, सुनील कादयान, भूपेंद्र ढुल, मोहित बेलरखा, अमित ताखर और इदू खान को उपप्रधान, दिनेश कसवां, साहिल रोज, नवीन खानपूर, बॉबी तेवतिया, मोनू कटारिया और योगेश गरूआ को महासचिव, राहुल पंचाल, कृष्ण सहरावत, जतिन मेहता, चेतन शर्मा, अमन नैन, नवीन घनघस, प्रदीप राजपूत, आकाश ढाका, सागर राजपूत और साहिल नेहरा को सचिव बनाया गया।
इनेलो छात्र विंग आईएसओ के जिला प्रधानों की सूची - अजय चौधरी को सिरसा, गौरव बेनीवाल को फतेहाबाद, सुखी मंगाली को हिसार, ऋितिक सांगवान को भिवानी, अभिषेक फोगाट को दादरी, एलिश यादव को रेवाड़ी, सागर चौधरी को यमुनानगर, सचिन चांदला को पंचकूला, समरित बरोली को अंबाला, सौरभ गुरूसर को जींद, रक्षित मंधान को करनाल, सुमित गुलिया बुरशाम को पानीपत, जोनी बंसल को सोनीपत, कार्तिक गुज्जर को गुरूग्राम, प्रणव दीक्षित को फरीदाबाद, पवन तेवतिया को पलवल, दिपांशू को कैथल और सवालेह अजीज को नूंह का जिला अध्यक्ष बनाया गया। ज्योति बेनीवाल को सिरसा जिला की आईएसओ की महिला प्रधान नियुक्त किया। वहीं अंकित को जींद और मुशरफ सरपंच को नूंह जिला का इंचार्ज एवं कुलविंद्र सिंह को यमुनानगर जिला का चेयरमैन बनाया। मंदीप भिंचर को देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा का प्रधान और आजाद बेनीवाल को चेयरमैन बनाया गया। अक्षित पूनिया को गुरू जंभेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार का प्रधान एवं हर्ष बागड़ी को उपप्रधान और दीपक डागर को एमडी यूनिवर्सिटी रोहतक का प्रधान बनाया गया।
इनेलो ने युवा प्रकोष्ठ में नियुक्तियों की दूसरी सूची जारी की - रविन्द्र मण्डौरा, जसमेर, विकास दहिया, ऋषभ सरोहा, एडवोकेट प्रदीप छोकर, एडवोकेट नरेंद्र सिंधड़ और अशोक कड़वासरा को उपप्रधान, विजय बदराणा, आजाद मलिक, अरूण खोखर और गोल्डी सरपंच को महासचिव, हरपाल ढुकड़ा, लखविंद्र कसोर, विक्की ढांडा, नवीन राठी बुसाना, विकास घनघस, अशोक कुमार डोलिया, रिंकू बजीदा और अमन शर्मा को सचिव, राजीव शिड़ा, इमरान सैफी और शमीम खान को सह सचिव, राहुल शर्मा को सदस्य बनाया गया।
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भगवंत मान द्वारा एसवाईएल को वाईएसएल कहना बेतुका बयान है: चौ. अभय सिंह चौटाला
हरियाणा प्रदेश को डमी मुख्यमंत्री होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है: अभय सिंह चौटाला
पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा यह कहना कि चिनाब के पानी से इसका हल निकलेगा यह ठीक वैसा है कि ‘‘ना नो मण तेल होगा और ना राधा नाचेगी’’
मुख्यमंत्री को भगवंत मान से सख्ती से कहना चाहिए कि वो सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को माने और एसवाईएल के हिस्से का पानी हरियाणा को दे
चंडीगढ़, 5 अगस्त। एसवाईएल को लेकर हरियाणा, पंजाब और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की दिल्ली में हुई बैठक पर इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा यह कहना कि चिनाब के पानी से इसका हल निकलेगा यह ठीक वैसा है कि ‘‘ना नो मण तेल होगा और ना राधा नाचेगी’’। भगवंत मान द्वारा एसवाईएल को वाईएसएल कहने वाले बेतुके बयान से साफ जाहिर होता है कि एसवाईएल का पानी हरियाणा को देने भगवंत मान की मंशा नहीं है। भगवंत मान का यह कहना कि यमुना के पानी पर भी पंजाब का हक है, पूरी तरह से बेबुनियाद है। कल को भगवंत मान यह कह देगा कि चंडीगढ़ स्थित सचिवालय और विधानसभा पंजाब का है। भगवंत मान पानी के मुद्दे पर कोरी राजनीतिक कर रहे हैं। भगवंत मान एक तरफ तो हरियाणा को पानी नहीं देने की बात करते हैं। जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तान जाने वाले पानी को वो रोकते नहीं हैं।
हरियाणा का मुख्यमंत्री पूरी तरह से डमी है उसका भी खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। हर बार बैठक के बहाने चाय पार्टी करने के अलावा कोई बात भी सार्थक बात नहीं होती है। एसवाईएल के मामले में सीधी उंगली से घी नहीं निकलेगा उसके लिए उंगली टेढ़ी करनी पड़ेगी। नायब सैनी हर बार एक ही बात कहते हैं कि केंद्र और पंजाब सरकार के साथ सार्थक बातचीत हुई जबकि मुख्यमंत्री को भगवंत मान से सख्ती से कहना चाहिए कि वो सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को माने और एसवाईएल के हिस्से का पानी हरियाणा को दे।