सोलन-दिनांक 19.05.2025-उपमण्डलाधिकारी कण्डाघाट गोपाल चंद शर्मा की अध्यक्षता में गत दिवस वन अधिकार अधिनियम, 2006 पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला में पंचायत प्रतिनिधियों, सरकारी अधिकारियों सहित नागरिकों ने भाग लिया।
गोपाल चंद शर्मा ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य वन अधिकार अधिनियम, 2006 के विषय में हितधारकों को जागरूक करना तथा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम वनवासी समुदायों को सशक्त बनाने और उन्हें वन भूमि एवं संसाधनों पर कानूनी अधिकार प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वन भूमि पर कानूनी अधिकार प्राप्त करने के लिए पात्र नागरिक निर्धारित फार्म पर दावा प्रस्तुत कर सकता है। दावेदार भूमि पर 13 दिसंबर, 2005 से पूर्व लगातार तीन पुश्तों से खेती कर रहा हो, निवास कर रह रहा हो तो वह मालिकाना हक के लिए आवेदन कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अधिनियम हितधारकों को पारंपरिक रूप से संकलित की जाने वाली लघु वन उपज को एकत्र करने, उपयोग करने व विक्रय करने का अधिकार प्रदान करता है।
कार्यशाला में विभाग के विशेषज्ञों ने अधिनियम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उद्देश्यों तथा दावों की प्रक्रिया, जांच और अधिकारों के अंतिम निपटारे की, ग्राम सभाओं की भूमिका एवं अधिकारों की पारदर्शी व न्यायसंगत मान्यता की जानकारी दी।
कार्यशाला में संवाद सत्र भी आयोजित किया गया। इसमें प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए गए।
उपमण्डलाधिकारी ने अधिनियम के क्रियान्वयन को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सतत् समर्थन व अनुवर्ती प्रयासों का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर जनजातीय विभाग के अन्वेषण अधिकारी अतुल शर्मा ने भी वन अधिकार अधिनियम, 2006 पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।