धर्मशाला, 25 सितम्बर: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र, धर्मशाला में आज “छात्र दीक्षा कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नए सत्र के कानून, एम.सी.ए., एम.एस.सी. एवं पूर्व विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत कीे। उन्होंने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में विद्यार्थियों को शैक्षणिक उत्कृष्टता और सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया। विशेष रूप से उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की संभावनाओं एवं चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को इसकी सीमाओं और रचनात्मक उपयोग पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।
कुलपति ने कहा कि छात्रों को देश की परंपराओं और आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बीच संतुलन साधते हुए शिक्षा अर्जित करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में हाल ही में पाँच अत्याधुनिक शोध केन्द्रों ग्रीन एनर्जी एवं नैनो टेक्नोलाॅजी, आपदा प्रबंधन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भारतीय ज्ञान प्रणाली और पहाड़ी संस्कृति और विरासत की स्थापना की गई है, जिससे विद्यार्थियों को ज्ञान और तकनीकी विकास का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये केन्द्र न केवल विश्वविद्यालय की शोध क्षमता को नई दिशा देंगे, बल्कि छात्रों को राष्ट्रीय महत्व के विषयों और पारंपरिक मूल्यों से भी जोड़ेंगे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में डीन, योजना एवं शिक्षक विषयक प्रकोष्ठ प्रो. जे.एस. धीमान, डीन, सी.डी.सी. प्रो. हरि मोहन तथा निदेशक, सी.डी.ई. प्रो. प्रदीप कुमार उपस्थित रहे। इन सभी ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
निदेशक, क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला प्रो. कुलदीप अत्री ने कार्यक्रम का शुभारंभ, स्वागत भाषण से किया। उन्होंने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध विभिन्न शैक्षणिक एवं व्यावसायिक अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर सभी संकाय सदस्य, अधिकारीगण, शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे। माननीय कुलपति ने शिक्षकों एवं गैर-शिक्षक कर्मचारियों के साथ संवादात्मक सत्र भी किया और भविष्य में धर्मशाला केंद्र को उच्च शिक्षा एवं शोध का प्रमुख केन्द्र बनाने का संकल्प व्यक्त किया।