भारद्वाज शिक्षण संस्थान करसोग ने आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए दिया एक लाख रुपये का योगदान
मंडी, 9 सितम्बर। मंडी जिले में हाल ही में आई आपदा से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए करसोग स्थित भारद्वाज शिक्षण संस्थान आगे आया है। संस्थान ने आज उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन को एक लाख रुपये की धनराशि का चेक भेंट किया। यह चेक संस्थान के अध्यक्ष धर्मपाल चौहान और कार्यकारी प्रधानाचार्य सीमा ठाकुर ने सौंपा। उपायुक्त ने इस योगदान के लिए संस्थान का आभार जताते हुए कहा कि यह राशि प्रभावित लोगों को राहत व पुनर्वास कार्यों में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने संस्थान की संवेदनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना की सराहना की।

संस्थान के निदेशक ने बताया कि आपदा के कारण शिक्षण व गैर-शिक्षण स्टाफ तथा विद्यार्थी गहरे दुःख में थे। सभी ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि इस वर्ष वार्षिक समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा और उस पर होने वाला व्यय आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए प्रशासन को भेंट किया जाएगा। इस अवसर पर उपायुक्त ने जिलेवासियों से भी अपील की कि वे आगे बढ़कर जरूरतमंद परिवारों की मदद करें और प्रशासन को राहत कार्यों में सहयोग दें।
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मंडी जिला प्रशासन ने सराज के बालीचौकी क्षेत्र में राहत व बहाली कार्यों को दी गति

मंडी, 9 सितम्बर। जिला प्रशासन मंडी लगातार राहत एवं पुनर्वास कार्यों में जुटा हुआ है ताकि सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित बालीचौकी क्षेत्र के लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हो और जरुरी सेवाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित हो। अगस्त के अंतिम सप्ताह से सितम्बर के प्रथम सप्ताह तक हुई भारी वर्षा, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से इस क्षेत्र में सड़कें, पेयजल योजनाएं, विद्युत लाइनों और संचार सेवाओं को व्यापक क्षति पहुंची थी।

खच्चरों, पोर्टरों और वैकल्पिक मार्गों से की खाद्यान आपूर्ति की व्यवस्था

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि प्रशासन ने समय रहते कई कदम उठाए हैं, जिनसे प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य निरंतर जारी हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जून, जुलाई और अगस्त का अग्रिम राशन पहले ही दूरदराज पंचायतों को उपलब्ध करवा दिया गया था। इसके अलावा अगस्त के अंतिम सप्ताह में सुदरानी, खुहन, खनि, देवधार, मणी, पंजाई, बालीचौकी, थाची, बसूट, काउ, थाचाधार और जुफ़रकोट सहित अन्य पंचायतों तक आवश्यक खाद्यान्न पहुंचाया गया। 3 सितम्बर से मुख्य सड़कें बाधित होने पर राशन आपूर्ति खच्चरों, पोर्टरों की मदद से और वैकल्पिक मार्गों से शुरू की गई, जिसके माध्यम से खौली, थाचाधार, जुफ़रकोट, घाट, थाची, खलवाहन, मणी-बसुंगी, मुराह और काउ तक राशन पहुँचाया गया।

पैदल डीजल और उपकरण पहुंचाकर संचार कंपनियों ने सेवाएं बहाल की

उन्होंने बताया कि आपदा में संचार सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुईं। 2 सितम्बर के बाद बंजार, बालीचौकी, पंजाई, थाची, जवालापुर और आसपास के क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क बंद हो गया था। भारी वर्षा, भूस्खलन और टावर व फाइबर लाइनों को नुकसान पहुंचा। प्रशासन और कंपनियों के प्रयासों से 5 सितम्बर तक औट व थलौट क्षेत्र में आंशिक बहाली हुई, 7 सितम्बर तक ज्वालापुर, थाची, पंजाई आदि में सेवा बहाल कर दी गई और 8 सितम्बर तक गाड़ागुशैणी में भी नेटवर्क चालू कर दिया गया। दूरस्थ टावर स्थलों तक पैदल डीजल और उपकरण पहुंचाकर संचार सेवाएं बहाल की गईं।

सभी ग्रेविटी स्कीमें आंशिक रूप से बहाल

उन्होंने बताया कि जल शक्ति उपमंडल बालीचौकी में 1 से 5 सितम्बर तक भारी नुकसान दर्ज किया गया। कुल 95 पेयजल योजनाओं में से 45 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुईं, जिनमें 16 लिफ्ट व 29 ग्रेविटी स्कीमें शामिल हैं। 8 सितम्बर तक सभी ग्रेविटी स्कीमों को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है, जिससे 28 पंचायतों में जलापूर्ति शुरू हो गई है। लिफ्ट स्कीमें बिजली आपूर्ति बाधित रहने के कारण प्रभावित हैं, जिन्हें बहाल करने का कार्य जारी है।

लोक निर्माण विभाग ने युद्धस्तर कार्य कर बहाल की प्रमुख सड़कें


उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने युद्धस्तर पर बहाली कार्य शुरू किया है। थलौट–पंजाई, पंजाई–शेटधार, थलौट–मुराह, खोड़ाथाच–जोगिनिगल्लू, टिक्की–शेट्टधार, थाची–बीजर, थाची–दवोर और थलौट–चलौट सहित कई सड़कों को 8 सितम्बर तक बहाल कर दिया गया। बालीचौकी–पंजाई, नौणा–सुदरानी और बसान–सोमगढ़ सड़कों सहित कुछ मार्गों पर कार्य जारी है और इन्हें आगामी दिनों में खोलने की उम्मीद है। इसी प्रकार थलौट उपमंडल में भी दर्जनों संपर्क सड़कों पर जेसीबी और मशीनरी लगाकर बहाली कार्य किया जा रहा है।

42 ट्रांसफार्मर आज होंगे बहाल

उन्होंने बताया कि विद्युत बहाली में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। थलौट उपकेंद्र को पंडोह लाइन व बजौरा–थलौट लाइन से बिजली आपूर्ति होती है, जिन्हें 5 से 7 सितम्बर के बीच बहाल कर दिया गया है। 7 सितंबर को बालीचौकी बाजार, थाची व ज्वालापुर में तथा 8 सितम्बर को सुदरानी व आसपास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति पुनः शुरू कर दी गई। पंजाई क्षेत्र में 42 वितरण ट्रांसफॉर्मरों को आज बहाल किया जा रहा है, जबकि शेष 40 ट्रांसफॉर्मर बाहु उपकेंद्र के पूर्णत: बहाल होने पर चालू होंगे।

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*सेब बहुल क्षेत्रों में तुड़ान व ढुलाई कार्य जारी, सवा पांच लाख से अधिक सेब कार्टन मंडियों को भेजे*
*मंडी, 09 सितंबर।* उपनिदेशक बागवानी डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि मंडी जिला के सिराज एवं बालीचौकी विकास खंड में सेब की फसल को बाहरी मंडियों में भेजने का कार्य जारी है। इन सेब उत्पादक क्षेत्रों से अभी तक सेब की लगभग पांच लाख 26 हजार कार्टन मंडियों को भेजी जा चुकी हैं। इनमें थुनाग क्षेत्र से लगभग 69 हजार कार्टन, छत्तरी क्षेत्र से 1.29 लाख कार्टन, बगस्याड क्षेत्र से 1.13 लाख कार्टन, जंजैहली क्षेत्र से लगभग 44 हजार कार्टन, बालीचौकी 1.09 लाख कार्टन सेब भेजा जा चुका है। इसके अतिरिक्त सदर क्षेत्र से लगभग 62 हजार सेब कार्टन मंडियों को भेजे जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि दुर्गम क्षेत्रों में तार स्पैन के माध्यम से भी सेब की ढुलाई मुख्य सड़क मार्गों तक की जा रही है। आपदा से बुरी तरह प्रभावित थुनाग तहसील की पखरैर पंचायत के देजी गांव से तार स्पैन के माध्यम से 532 सेब कार्टन की ढुलाई की गई। यहां कुल सेब उत्पादन 11.3 मिट्रिक टन के लगभग हुआ है। गांव के लगभग सभी सेब उत्पादक अपनी फसल की ढुलाई का कार्य पूरा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि बालीचौकी के थाची, गत्तू व पंजाई क्षेत्रों में सेब की ग्रेडिंग व ढुलाई का कार्य जारी है।
उधर, मंडी जिला के सेब बहुल क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित सड़क परिवहन को सुचारू करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन लोक निर्माण विभाग व संबंधित एजेंसियों से समन्वय स्थापित करते हुए इसके लिए दिन-रात कार्य कर रहा है। पंजाईं से थलौट तक सड़क मार्ग खुल चुका है, जबकि थाची के लिए वाया शैटाधार, गाड़ागुशैणी के लिए वाया जंजैहली, सोमगाड़, गुराण व घाट के लिए वाया शैटाधार तथा बागाचुनौगी पंचायत में वाया दयोल सड़क से परिवहन सेवाएं संचालित की जा रही हैं।
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अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

मंडी, 9 सितंबर। मानसून सीजन के दौरान भारी वर्षा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव जी. पार्थसारथी के नेतृत्व में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने मंगलवार को मंडी जिले के बालीचौकी और सदर उपमंडल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने मौके पर जाकर प्रभावित स्थलों का निरीक्षण किया और नुकसान का विस्तृत आकलन किया।

टीम में केंद्रीय जल निगम (जल शक्ति मंत्रालय) के निदेशक वसीम अशरफ, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुख्य अभियंता अनिल कुमार कुशवाहा, प्रदेश सरकार की ओर से संयुक्त सचिव (डिज़ास्टर मैनेजमेंट) निशांत ठाकुर, एचआरटीसी के कार्यकारी निदेशक डॉ. मुरारी लाल और टीसीबी विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण चंद शामिल थे।

दौरे के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह, एसडीएम सदर रूपिन्द्र कौर, एसडीएम बालीचौकी देवी राम तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी केंद्रीय टीम के साथ मौजूद रहे और विभिन्न स्थानों पर हुए नुकसान की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।

निरीक्षण के दौरान केंद्रीय टीम ने बालीचौकी के जीरो पाइंट पर गिरे भवनों, एनएच-305 पर क्षतिग्रस्त डीटीआर स्ट्रक्चर तथा बरसात से प्रभावित मंडी नगर की मुख्य जलापूर्ति योजना का जायजा लिया।