धर्मशाला, 9 सितम्बर: निक्षय मित्र कार्यक्रम के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में संत निरंकारी मिशन की ओर से आज जिला कांगड़ा में क्षय रोग (टीबी) से पीड़ित मरीजों को पोषण किट्स और विटामिन वितरित किए गए। जोनल अस्पताल धर्मशाला के बैठक कक्ष में आयोजित इस समारोह में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डाॅ. अनुराधा शर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के.सूद एवं संत निरंकारी मिशन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अनुराधा शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि निक्षय मित्र कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के हर वर्ग को जोड़कर टीबी उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य की प्राप्ति करना है। उन्होंने निरंकारी सत्संग भवन द्वारा दिए गए इस सहयोग की सराहना की और कहा कि पोषण सहयोग मरीजों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ में अत्यंत सहायक होगा।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के.सूद ने भी निरंकारी सत्संग भवन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था का यह योगदान न केवल मरीजों की पोषण जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाता है।
संत निरंकारी मिशन के जोनल प्रभारी डाॅ. केसी धीमान ने कहा कि उनकी संस्था सदैव मानवता की सेवा को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि टीबी मरीज समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्हें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सहयोग की आवश्यकता है। हमारा प्रयास है कि इन पोषण किट्स से मरीजों को रोग से लड़ने की शक्ति मिले और वे स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर हों। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि निरंकारी मिशन भविष्य में भी स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर समाज के जरूरतमंद वर्गों को सहायता प्रदान करता रहेगा।
संत निरंकारी मिशन के क्षेत्रीय संचालक तिलक डोगरा ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि मानवता की सच्ची सेवा ही मिशन का मूल उद्देश्य है। टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए पोषण किट एवं आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराना केवल सेवा ही नहीं, बल्कि हमारे समाज के प्रति कर्तव्य भी है। हमारे लिए यह सेवा गतिविधि केवल मरीजों तक सहयोग पहुँचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन्हें यह भरोसा दिलाने का प्रयास भी है कि समाज उनके साथ खड़ा है।
इस अवसर पर एचएमटीबीए की सलाहकार शिल्पी ने भी निक्षय मित्र कार्यक्रम के बारे में अपने विचार रखे।
इस अवसर पर डाॅ. केसी धीमान की पत्नी आशा, निरंकारी मिशन दाड़ी जोन की संचालक रूपा गुरूंग, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार डाॅ. निकेत, विभिन्न क्षेत्रों के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस), जिला टीबी सेंटर के कर्मचारी और क्षय रोगी उपस्थित थे।