डीएलएसए अध्यक्ष राजीव बाली ने किया पांच दिन चलने वाले मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
धर्मशाला, 18 अगस्त: अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कांगड़ा स्थित धर्मशाला राजीव बाली, द्वारा आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, में आज पांच दिन चलने वाले 40 घंटे के मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया जिसमें शीतल शर्मा, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, धर्मशाला-।।, नीतिन मितल, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) धर्मशाला, हकीकत ढांडा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, धर्मशाला एवं शिखा लखनपाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कांगड़ा स्थित धर्मशाला मौजूद रहे।
कार्यक्रम में जिला कांगड़ा एवं जिला चंबा के लगभग बीस वकीलों को दिल्ली से आये हुए प्रशिक्षकों रीमा भंडारी व दीपिका जैन द्वारा 5 दिन तक मध्यथता पशिक्षण दिया जाएगा जिसके उपरांत ये वकील मध्यस्थता सम्बन्धी मामलों का बेहतर प्रबन्धन एवं निष्पादन करवाने मे सक्षम होंगें।
इस अवसर पर राजीव बाली ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यस्थता एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक तटस्थ तृतीय पक्ष अर्थात मध्यस्थ किसी विवाद में फंसे लोगों को उनके मतभेदों को सुलझाने में मदद करता है। मूल रूप से मध्यस्थता प्रक्रिया में पांच चरण शामिल होते हैं, पहला मध्यस्थता करनी है या नहीं इसका निर्णय लेना, दूसरा, मध्यस्थता की तैयारी करना, तीसरा, पक्षों द्वारा जानकारी साझा करना, चैथा, समाधान के लिए बातचीत करना और अंत में, मध्यस्थता प्रक्रिया का समापन। मध्यस्थता को प्रभावी बनाने के लिए, एक अच्छे मध्यस्थ में निष्पक्षता और तटस्थता, अच्छे संचार कौशल, धैर्य, विश्लेषणात्मक और समस्या समाधान कौशल, सहानुभूति, दृढ़ता, पक्षों का सम्मान अर्जित करने के लिए सम्मानजनक व्यवहार और सबसे महत्वपूर्ण गोपनीयता जैसे गुण होने चाहिएं।
इस मौके पर चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल धर्मशाला गौरव पठानिया व अन्य लीगल एड डिफेंस काउंसिल ने भी शिरकत की।
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स्वतंत्रता दिवस के जिला स्तरीय समारोह में हिमाचल प्रदेश की शिक्षा गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार और राष्ट्रीय उपलब्धि
DHARAMSALA, 18.08.25-सर्वेक्षण परख (PARAKH) 2024 में राज्य की उत्कृष्ट सफलता को रेखांकित किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारी श्री सुधीर भाटिया को चार जिलों — कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर और ऊना — में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
हिमाचल प्रदेश ने परख राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर पांचवाँ स्थान प्राप्त किया है। वर्ष 2021 में 21वें स्थान पर रहने के बाद यह एक बड़ी छलांग है। राज्य ने कक्षा 3 स्तर पर दूसरा, कक्षा 6 पर पाँचवाँ और कक्षा 9 पर चौथा स्थान हासिल कर शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार का प्रमाण दिया है।
जिलों का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा —
•कांगड़ा जिले ने लगातार बेहतर परिणामों से राज्य की रैंकिंग को मजबूती दी।
•हमीरपुर ने गणित और विज्ञान विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
•ऊना जिले ने भाषा कौशल के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया।
•चम्बा ने पिछड़े क्षेत्रों के बावजूद समग्र प्रगति से सबका ध्यान खींचा।
इस अवसर पर श्री सुधीर भाटिया ने कहा कि उन्हें शिक्षा क्षेत्र में योगदान देकर गर्व और संतोष की अनुभूति हो रही है। उन्होंने शिक्षा मंत्री श्री रोहित ठाकुर का निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।