*प्राकृतिक आपदा में अपनों को खो चुके बच्चों को प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में किया जा रहा शामिल- उपायुक्त*

• *नीतिका को मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना में मिली सरकार की ममतामयी छांव*
• *करसोग के पांच बच्चों का भविष्य सुरक्षित करेगी इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना*
*मंडी, 25 जुलाई।* मंडी जिला में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा में अपनों को खो चुके नौनिहालों को प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएं संबल प्रदान करेंगी। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत उन्हें “सरकार ही माता, सरकार ही पिता” की भावना से प्रदेश सरकार ममतामयी छांव प्रदान करेगी। वहीं इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत पढ़-लिख कर उनका भविष्य भी संवरेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों पर आपदा से प्रभावित अनाथ बच्चों को प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 30 जून, 2025 की भीषण आपदा में अपने माता-पिता को खो चुकीं चच्योट तहसील की ग्राम पंचायत तलवाड़ा की कुमारी नीतिका पुत्री स्वर्गीय रमेश कुमार अब मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत “चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट” होंगी। नीतिका को इस योजना में शामिल करते हुए प्रदेश सरकार की ओर से प्रतिमाह चार हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत जुलाई एवं अगस्त, 2025 के लिए आठ हजार रुपए की राशि स्वीकृत कर नीतिका के बचत बैंक खाते के माध्यम से इसका भुगतान किया गया है। कुमारी नीतिका को यह सहायता 27 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक जारी रहेगी।
अपूर्व देवगन ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित करसोग क्षेत्र की ग्राम पंचायत सनारली के दो परिवारों के पांच बच्चों को प्रदेश सरकार की कल्याणकारी इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत शामिल किया गया है। सनारली पंचायत के भुट्टी गांव के ललित कुमार इस आपदा में अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए और उनके तीन बच्चों को शिक्षा के लिए इस योजना के तहत प्रति माह एक हजार रुपए की राशि प्रदेश सरकार प्रदान करेगी। इनमें उनकी 14 वर्षीय बेटी कृतिका वर्मा, 10 वर्षीय बेटी अंशिका व आठ माह का बेटा राघव ठाकुर शामिल है। इसी पंचायत के सुरमू गांव के जीत राम की भी आपदा में दुःखद मृत्यु हो गयी। उनके दो बच्चों 15 वर्षीय परमजीत व 12 वर्षीय रणजीत को भी इस योजना में शामिल किया गया है। सभी पात्र लाभार्थियों को जुलाई एवं अगस्त माह के लिए दो हजार रुपए प्रति लाभार्थी सहायता राशि प्रदान कर दी गई है। इन्हें 18 वर्ष की आयु तक सहायता राशि जारी रहेगी। यह धनराशि उनकी माता के साथ संयुक्त बैंक खाते में जारी की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि सराज क्षेत्र में ऐसे आठ पात्र मामलों की पहचान की गई है। इनसे संबंधित आवश्यक दस्तावेज पूर्ण करने की प्रक्रिया जारी है। इन लाभार्थियों को भी इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के अंतर्गत अनुदान स्वीकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभागों के सहयोग से जरूरतमंद व आपदा प्रभावित परिवारों तक पहुंच कर उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है।
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आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों का जायजा लेने सुराह व खुनागी में पैदल पहुंचे उपायुक्त*
•*मनरेगा के तहत ग्रामीण सम्पर्क होगा बहाल, 9 करोड़ के अतिरिक्त सेल्फ स्वीकृत- अपूर्व देवगन*
*मंडी, 25 जुलाई।* उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आज मंडी जिला के आपदा प्रभावित क्षेत्र थुनाग के दूरदराज गांवों में पैदल पहुंचकर राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीण विकास, राजस्व व अन्य विभागों को मौके पर ही आवश्यक निर्देश भी दिए।
शुक्रवार प्रातः लगभग साढ़े आठ बजे उपायुक्त ग्राम पंचायत मुरहाग के लिए रवाना हुए। उन्होंने अधिकांश रास्ता पैदल ही तय किया। इस दौरान सुराह, खुनागी इत्यादि आपदा प्रभावित गांवों में पहुंचकर वहां चल रहे राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस क्षेत्र में आपदा से 22 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 23 गौशालाएं, 17 पॉली हाऊस तथा 15 पशुधन का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में फौरी राहत के तौर पर 1.70 लाख रुपए की राशि वितरित की गई है। प्रभावित लोगों को राशन सामग्री, तिरपाल, सोलर लाईट सहित अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने प्रभावित लोगों से संवाद कर आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन प्रत्येक प्रभावित तक राहत पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प है।
उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीण सम्पर्क को बहाल करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। मुरहाग पंचायत में मनरेगा के तहत 6.91 करोड़ रुपए लागत के 315 कार्यों के अतिरिक्त सेल्फ स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 38 पैदल पुल, 10 लकड़ी के छोटे पुल, सामुदायिक सुरक्षा दीवारों से संबंधित व अन्य कार्य शामिल हैं तथा अधिकांश पर कार्य शुरू कर दिया गया है। लोक निर्माण विभाग व पंचायतों के माध्यम से भी सम्पर्क सड़कों को बहाल करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आपात स्थितियों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के दृष्टिगत डीजी सेट उपलब्ध करवाया गया है ताकि लोग अपने मोबाइल इत्यादि भी चार्ज कर सकें। कमराड़ गांव के लिए सोलर मोबाइल स्टेशन उपलब्ध करवाया गया है।
उपायुक्त ने मौके पर ही ग्रामीण विकास, राजस्व सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों साथ राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों को गति प्रदान करने के दृष्टिगत चर्चा भी की। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी गोपी चंद पाठक, विकास खंड अधिकारी, अन्य राजस्व अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।