चंडीगढ़, 08 जून, 2025- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय के जीवन पर आधारित पुस्तक "प्रजला कथा ना आत्मकथा" के तेलुगु संस्करण का भव्य विमोचन आज रविवार को हैदराबाद के शिल्पकला वेदिका में संपन्न हुआ। इस गरिमामय समारोह में भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नारा चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री ए. रेवंत रेड्डी, तेलंगाना के राज्यपाल श्री जिष्णुदेव वर्मा, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री एस. अब्दुल नज़ीर, ओडिशा के राज्यपाल श्री हरि बाबू कंभमपति, त्रिपुरा के राज्यपाल श्री एन. इंद्रसेन रेड्डी, केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री एन.वी. रमना, भारी उद्योग एवं इस्पात राज्य मंत्री श्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा, तेलंगाना विधान परिषद के अध्यक्ष श्री गुट्टा सुखेंदर रेड्डी, तेलंगाना विधान सभा के अध्यक्ष श्री गद्दाम प्रसाद कुमार, आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री सत्य कुमार यादव, सांसद व भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण, वरिष्ठ पत्रकार श्री रामचन्द्र मूर्ति, अलाई ब्लाई फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती बंडारू विजया लक्ष्मी, लेडी गवर्नर श्रीमती बंडारू वसंता सहित अनेक प्रख्यात हस्तियां उपस्थित रहीं।
गौरतलब है कि इस पुस्तक के हिंदी संस्करण का विमोचन 9 मई, 2025 को नई दिल्ली में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया था। यह पुस्तक श्री बंडारू दत्तात्रेय के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन की प्रेरक गाथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती है। उनके प्रशासनिक कौशल, जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण और समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय योगदान को यह कृति प्रभावी ढंग से उजागर करती है। यह न केवल उनके जीवन की प्रेरणादायक कहानी है, बल्कि नेतृत्व, सेवा और सामाजिक उत्थान की भावना को प्रज्वलित करने वाला एक अनमोल दस्तावेज भी है।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक तेलुगु भाषी पाठकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और उनके जीवन के मूल्यों को व्यापक रूप से प्रसारित करेगी। समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने पुस्तक की सामग्री और इसके सामाजिक महत्व की सराहना की, जिससे यह आयोजन और भी स्मरणीय बन गया।