चंडीगढ़:08.06.25- काव्य संग्रह "प्रेम विज की प्रतिनिधि कविताएं" का विमोचन सैक्टर 43 ए में हुआ। इसका संपादन सुप्रसिद्ध साहित्यकार आचार्य राजेश कुमार ने किया है। कार्यक्रम का आयोजन संवाद साहित्य मंच और आचार्य कुल संस्था, चंडीगढ़ की ओर से किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार जसवंत सिंह जफ़र, निदेशक भाषा विभाग पंजाब और अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार व चिंतक और चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. मनमोहन सिंह ने की।

इस अवसर पर आचार्य कुल के अध्यक्ष के. के. शारदा, विद्या धाम यू. एस. ए की अध्यक्षा डॉ. सरिता मेहता और पार्षद प्रेमलता बतौर विशेष अतिथि उपस्थिति रहे। कार्यक्रम का संचालन शायरा डॉ. संगीता शर्मा कुंद्रा 'गीत' ने किया और पुस्तक पर प्रपत्र कविवर डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पल्लवी रामपाल द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ तत्पश्चात पुस्तक का विमोचन हुआ।

पुस्तक पर प्रपत्र पढ़ते हुए डॉ. विनोद शर्मा ने सभी कविताओं का मूल्यांकन करते हुए कहा कि प्रेम विज की कविताएं सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत अनुभवों का जीवंत दस्तावेज है। उनकी कविताएँ शब्दों की बजाय संवेदनाओं से संवाद करती हैं। कविताओं में नारी व्यथा, सामाजिक, सांस्कृतिक, प्रकृति, देश प्रेम और वैचारिक सरोकार मिलते हैं। भाषा और भाव में गंभीरता है। के. के. शारदा ने कहा कि प्रेम विज की कविताएं नई पीढ़ी को प्रेरणा देंगी। कवियत्री डॉ. सरिता मेहता ने कहा कि प्रेम विज की कविताओं में समाज की विषमताएँ मिलती हैं। शायर अशोक नादिर ने फरमाया कि प्रेम विज ने जो कुछ भी अपने आसपास देखा उसे इन कविताओं में व्यक्त किया है।

मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार जसवंत सिंह 'जफ़र' ने कहा की कविताओं में विविध विषय हैं। प्रकृति चित्रण काफी अच्छा लगा। अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध कवि व चिंतक डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि प्रेम विज की कविताओं में प्रेम प्रमुख तत्व है। कविताओं में अनुभव की प्रमाणिकता मिलती है।