Land Identification Process Underway for Proposed Kendriya Vidyalaya for AIIMS Bilaspur, DC Rahul Kumar Inspects Potential Site in Sungul Area

Bilaspur, May 15:To cater to the educational needs of children of employees working at AIIMS Bilaspur, the establishment of a Kendriya Vidyalaya has been proposed. Although several sites have been identified earlier, the final decision is pending due to the non-availability of forest clearance. In this context, the newly appointed Deputy Commissioner of Bilaspur, Rahul Kumar, visited the Sungul forest area near Bilaspur city on Wednesday to inspect a potential site for the school.

During the inspection, the Deputy Commissioner informed that approximately 200 bighas of land is available in the Sungul area. However, the final selection of the site will be made only after a thorough review of all technical and legal formalities as per the guidelines of the Government of India. He directed officials from the Education Department to also identify additional alternative sites to ensure viable options in case of any obstacles.

The Deputy Commissioner emphasized that the early establishment of a Kendriya Vidyalaya is essential for the benefit of AIIMS employees’ children. He further stated that the construction of the school is a top priority for the administration, and the land identification process will be expedited to ensure timely forest clearance and avoid any delays in construction.

He also shared that forest clearance (Stage 1) has already been obtained for the site selected in Ghumarwin for another Kendriya Vidyalaya, and the remaining formalities will soon be completed to initiate the construction process there as well.

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केंद्र सरकार की संयुक्त टीम ने किया सदर वन परिक्षेत्र के जंगलों का निरीक्षण, वनाग्नि संभावित क्षेत्रों व कुडडी में लिया जायजा, स्थानीय लोगों से किया संवाद

बिलासपुर, 15 मई 2025। भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय (IRO), नई दिल्ली से उप महानिदेशक एस.पी. नेगी तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के वरिष्ठ सलाहकार आदित्य कुमार ने आज बिलासपुर वन मंडल के अंतर्गत डीपीएफ बरयांस वन क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सदर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत कुडडी क्षेत्र में वनाग्नि संभावित तथा हाल ही में आग से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान टीम ने न केवल जंगल में आग से होने वाले नुकसान की स्थिति का आकलन किया, बल्कि स्थानीय निवासियों और वन सुरक्षा समितियों के सदस्यों से संवाद भी किया। संवाद के दौरान लोगों ने आग लगने के संभावित कारणों—जैसे सूखी घास-पत्तियों का जमाव, मानवीय असावधानी, परंपरागत कृषि प्रथाएं, और जंगल में छोड़ी गई जलती वस्तुएं—के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

वन विभाग के अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को वनाग्नि रोकथाम हेतु अपनाई गई रणनीतियों से अवगत कराया। इनमें अग्नि रेखाओं का निर्माण, फायर वॉच टावरों की स्थापना, त्वरित अलर्ट प्रणाली, नियमित गश्त, तथा ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान व वन सुरक्षा समितियों का प्रशिक्षण शामिल हैं। टीम ने स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर एस.पी. नेगी ने कहा कि टीम के हिमाचल प्रदेश दौरे का मुख्य उद्देश्य यह है कि पिछले चार–पांच वर्षों से पहाड़ी क्षेत्रों में जंगलों में आग की घटनाओं से व्यापक नुकसान हुआ है। इसी पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देशानुसार संबंधित क्षेत्रों का निरीक्षण कर स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित किया जा रहा है, ताकि उनके अनुभवों और सुझावों के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी नीति तैयार की जा सके।

उन्होंने कहा कि स्थानीय समस्याओं को समझे बिना नीतिगत निर्णय प्रभावशाली नहीं हो सकते। अतः नीति निर्माण की प्रक्रिया में स्थानीय समुदाय की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है, जिससे आने वाले वर्षों में वनाग्नि की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।

गौरतलब है कि इस प्रकार के संयुक्त निरीक्षण न केवल क्षेत्रीय चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने में सहायक होते हैं, बल्कि केंद्र व राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय और सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध होते हैं।

इस अवसर पर वन संरक्षक मृत्युंजय माधव, राज्य नोडल अधिकारी निशांत मदोत्रा, एसीएफ वरुण बरवाल, पीआईओ श्यामलाल लखनपाल, सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

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एसडीएम सदर ने गांव नोग के लोगों की सुनी समस्याएं
मकानों में दरारें व जल संकट पर जल्द कार्रवाई के निर्देश

बिलासपुर, 15 मई 2025-डीसी बिलासपुर राहुल कुमार के निर्देशों पर एसडीएम सदर डॉ. राजदीप सिंह खैरा ने आज उपमंडल कार्यालय में गांव नोग के प्रभावित ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के कई मकानों में दरारें आ गई हैं, जिससे उन्हें संरचनात्मक नुकसान हो रहा है। इसके अलावा गांव की पारंपरिक बाबड़ी (जल स्रोत) सूख चुकी है, जिससे पेयजल संकट गहराया है।

एसडीएम सदर ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सहायक भूवैज्ञानिक को गांव नोग में भेजने और मकानों की स्थिति का भूवैज्ञानिक मूल्यांकन करवाने के निर्देश दिए। साथ ही, जांच समिति को शीघ्र मौके पर जाकर प्रभावित मकानों का निरीक्षण कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के समय ग्रामीणों को जांच प्रक्रिया की जानकारी भी दी जाएगी।

जल संकट के समाधान हेतु एसडीएम ने संबंधित कंपनी को निर्देश दिए कि सूखी हुई बाबड़ी के स्थान या समीपवर्ती क्षेत्र में जल स्रोत की जांच कर जल्द से जल्द हैंडपंप लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि लोगों को पीने के पानी की परेशानी से राहत मिल सके।

बैठक में गांव नोग के लोगों ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वे क्षेत्र में चल रहे टनल निर्माण कार्य में पूर्ण सहयोग करेंगे। एसडीएम डॉ. राजदीप सिंह खैरा ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।