औद्योगिक क्षेत्र मेहतपुर में डिजिटल भविष्य और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग पर जागरूकता सत्र आयोजित

ऊना, 20 दिसंबर। औद्योगिक क्षेत्र मेहतपुर में आज(शनिवार) को स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग एवं डिजिटल भविष्य पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज, औद्योगिक क्षेत्र मेहतपुर में आयोजित हुआ, जिसमें क्षेत्र के एमएसएमई उद्यमियों, स्थानीय औद्योगिक संघ तथा विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

यह जागरूकता सत्र सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सेल) द्वारा सरकार एवं उद्योग विभाग (राजीव गांधी सेवा केंद्र, ऊना) के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छोटे एवं मध्यम उद्योगों को इंडस्ट्री 4.0 आधारित तकनीकों से अवगत करवाना तथा यह बताना था कि डिजिटल परिवर्तन को सरल, व्यावहारिक एवं किफायती तरीके से किस प्रकार अपनाया जा सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ज्ञान चंद ने अपने संबोधन में कहा कि उद्योगों के आधुनिकीकरण के लिए सभी संबंधित विभाग एवं एजेंसियां योजनाओं, तकनीकी मार्गदर्शन तथा हैंडहोल्डिंग के माध्यम से पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि मेहतपुर की औद्योगिक इकाइयों को कागज़ आधारित एवं मैन्युअल प्रणालियों से आगे बढ़ते हुए डिजिटल और डेटा-आधारित कार्यप्रणाली अपनानी होगी, जिससे वे राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को और सुदृढ़ कर सकें।
औद्योगिक संघ की सक्रिय भागीदारी
स्थानीय औद्योगिक संघ के अध्यक्ष सी. एस. कपूर एवं अन्य पदाधिकारियों ने इस पहल की सराहना करते हुए उद्योगों से आह्वान किया कि वे आगामी डिजिटलीकरण एवं स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर औद्योगिक क्षेत्र मेहतपुर के प्रशासनिक अधिकारी दीपक वर्मा ने भविष्य में इस प्रकार के जागरूकता सत्रों, पायलट परियोजनाओं तथा जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन हेतु पूर्ण स्थानीय सहयोग का आश्वासन दिया।
तकनीकी जानकारी एवं व्यावहारिक समाधान
सेल के विशेषज्ञों ने उद्योगों को जानकारी दी कि ऑटोमेशन, प्वज् आधारित मॉनिटरिंग तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक डिजिटल तकनीकों को मेहतपुर की इकाइयों में दैनिक उत्पादन प्रक्रियाओं के साथ किस प्रकार जोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे तकनीकी हस्तक्षेपों से मशीनों के डाउनटाइम में कमी, रिजेक्शन एवं डिफेक्ट दर में गिरावट, ऊर्जा दक्षता में वृद्धि, रियल-टाइम डेटा के आधार पर तेज एवं सटीक निर्णय संभव हो सकते हैं।
मेहतपुर की औद्योगिक इकाइयों ने इस पहल में गहरी रुचि व्यक्त करते हुए प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस, डिजिटल इन्वेंट्री प्रबंधन तथा प्रोडक्शन मॉनिटरिंग डैशबोर्ड जैसे क्षेत्रों में विशेष सहयोग की आवश्यकता जताई। कई उद्यमियों ने पायलट परियोजनाओं में भाग लेने की भी इच्छा व्यक्त की ताकि स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के लाभों को पूरे औद्योगिक क्लस्टर में प्रदर्शित किया जा सके।
सेल एवं सहयोगी विभागों द्वारा यह भी प्रस्तावित किया गया कि आगामी चरण में विस्तृत आकलन, इकाई-वार परामर्श तथा चरणबद्ध क्रियान्वयन योजनाएं तैयार की जाएंगी, जिससे मेहतपुर औद्योगिक क्षेत्र ऊना जिले में इंडस्ट्री 4.0 आधारित विकास का एक आदर्श मॉडल बनकर उभर सके।============================

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत जिला में किसानों की बनेगी किसान आईडी

ऊना, 20 दिसम्बर। कृषि क्षेत्र को आधुनिक, पारदर्शी और किसान-हितैषी बनाने की दिशा में जिला ऊना में डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन (एग्रीस्टैक) को लागू किया जा रहा है। इस मिशन के अंतर्गत किसानों की सुविधा और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उन तक पहुँचाने के लिए किसान रजिस्ट्री तैयार करने तथा डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा।
उप निदेशक कृषि ऊना, कुलभूषण धीमान ने बताया कि किसान रजिस्ट्री के अंतर्गत प्रत्येक पंजीकृत किसान की एक विशिष्ट (यूनिक) किसान आईडी बनाई जाएगी। इसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों का पंजीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसान रजिस्ट्री का कार्य राज्य में कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से किया जा रहा है। किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर/ लोक मित्र केंद्र पर जाकर निःशुल्क पंजीकरण करवा सकते हैं।
श्री धीमान ने बताया कि डिजिटल फसल सर्वेक्षण के तहत जिले के प्रत्येक खसरा/प्लाट में बोई गई फसल का विवरण मोबाइल इंटरफेस के माध्यम से दर्ज किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि फसल का डेटा सीधे खेत से और वास्तविक समय में लिया जा सके। वर्तमान में रबी मौसम के दौरान यह डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश agriwelfare.gov.in/sites/default/files/FINAL_GUIDELINES_DAM_23_9_24.pdf लिंक पर उपलब्ध है।

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छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन अब 24 तक
उच्चतर शिक्षा उपनिदेशक ने सभी स्कूल प्रमुखों को दिए निर्देश

हमीरपुर 20 दिसंबर। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में सभी छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि अब बढ़ाकर 24 दिसंबर कर दी गई है।
उच्चतर शिक्षा उपनिदेशक डॉ. मोही राम चौहान ने जिला के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं और उच्च पाठशालाओं के प्रधानाचार्यों तथा मुख्यध्यापकों को सभी पात्र विद्यार्थियों के ऑनलाइन आवेदन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर सभी आवेदनों की वेरिफिकेशन और त्रुटिपूर्ण आवेदनों की पुनः ऑनलाइन वेरिफिकेशन की प्रक्रिया 26 दिसंबर तक पूरी की जानी है। लेकिन, सभी स्कूल प्रमुख इस प्रक्रिया को 25 दिसंबर तक पूर्ण कर लें, ताकि अंतिम समय में किसी तरह की समस्या उत्पन्न न हो सके।
उपनिदेशक ने बताया कि अगर स्कूल स्तर पर छात्रवृत्ति का कोई भी मामला लंबित रहता है। सत्यापित या पुनः सत्यापित नहीं होता है अथवा उसमें कोई त्रुटि पाई जाती है तो स्कूल प्रमुख और छात्रवृत्ति प्रभारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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उटपुर में 22 को सुनीं जाएंगी 8 पंचायतों की जनसमस्याएं

हमीरपुर 20 दिसंबर। ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान के तहत 22 दिसंबर को तहसील बमसन की ग्राम पंचायत उटपुर के पंचायत कार्यालय में 8 ग्राम पंचायतों की जनसमस्याओं का निवारण किया जाएगा।
हमीरपुर के एसडीएम संजीत सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायत उटपुर, ग्राम पंचायत कक्कड़, उहल, भटेड़, लग-कढ़ियार, पुरली, चारियां दी धार और ग्राम पंचायत पौहंज की जनसमस्याओं की सुनवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस शिविर में सभी विभागों के उपमंडल स्तर के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। एसडीएम ने क्षेत्रवासियों से इस शिविर का लाभ उठाने की अपील की है।

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गारली में सुनीं 8 पंचायतों की जनसमस्याएं

बड़सर 20 दिसंबर। इस वर्ष 19 से 25 दिसंबर तक मनाए जा रहे सुशासन सप्ताह के तहत शनिवार को एसडीएम कार्यालय बड़सर की ओर से ग्राम पंचायत भवन गारली में ‘प्रशासन गांव की ओर’ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
तहसीलदार धर्मपाल नेगी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में क्षेत्र की 8 ग्राम पंचायतों की लगभग 36 जनसमस्याओं की सुनवाई की गई। इनमें से अधिकांश जनसमस्याओं का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। जबकि, अन्य जनसमस्याओं के भी अतिशीघ्र निपटारे के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

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भड़ोली कलां में पांच दिवसीय मेसन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन, भूकंप-रोधी निर्माण पर विशेष फोकस

बिलासपुर, 20.12.25- अतिरिक्त उपायुक्त ओमकांत ठाकुर ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अंतर्गत ग्राम पंचायत भड़ोली कलां में आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का निरीक्षण किया। यह कार्यशाला मिस्त्री, कारपेंटर (बढ़ई) तथा वायर वाइंडर से संबंधित कारीगरों के लिए आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य मजबूत, सुरक्षित एवं आपदा-रोधी आवास निर्माण को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम 17 दिसम्बर से 22 दिसम्बर 2025 तक भड़ोली कलां पंचायत में आयोजित किया गया।
निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त ने प्रशिक्षण मॉड्यूल, व्यावहारिक अभ्यास तथा निर्माण से जुड़ी तकनीकी प्रक्रियाओं की समीक्षा की और प्रतिभागियों से संवाद कर भूकंप-रोधी निर्माण तकनीकों की उनकी समझ का आकलन किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में वैज्ञानिक, तकनीकी एवं सुरक्षा-आधारित निर्माण पद्धतियों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने रेखांकित किया कि प्रशिक्षित कारीगर प्राकृतिक आपदाओं के समय जान-माल की क्षति को न्यूनतम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में धणी, सलवाड़, जेजवीं, कलोल, भड़ोली कलां तथा पपलोआ पंचायतों से आमंत्रित प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को सुरक्षित भवन निर्माण, सामग्री के सही चयन एवं उपयोग, संरचनात्मक मजबूती तथा आपदा-रोधी मानकों की व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई।

इस अवसर पर झंडूत्ता के एसडीएम, बीडीओ झंडूत्ता तथा ब्लॉक झंडूत्ता के प्रशिक्षक जूनियर इंजीनियर भी उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रतिभागियों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया। अधिकारियों ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से इस प्रकार के क्षमता-विकास कार्यक्रम ग्रामीण स्तर पर सुरक्षित आवास निर्माण को बढ़ावा देने के साथ-साथ समुदाय की आपदा-तैयारी को भी सुदृढ़ कर रहे हैं।

जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में निरंतर प्रशिक्षण, जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से आपदा प्रबंधन तंत्र को और मजबूत किया जाएगा, ताकि जिले में सुरक्षित, लचीला और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके।

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22 और 23 दिसम्बर को बिलासपुर के घागस व पंजगांई फीडर में बाधित रहेगी विद्युत आपूर्ति
बिलासपुर, 20 दिसम्बरः सहायक अभियन्ता विद्युत उपमंडल-1 बिलासपुर ई.सन्नी जगोता ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 दिसंबर को 11 केवी घागस फीडर और 23 दिसम्बर को 11 केवी पंजगाई फीडर की आवश्यक मरम्मत कार्य व पेडों की कांटछांट करने के चलते विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।
उन्होंने बताया कि 22 दिसंबर को 11 केवी घागस फीडर के अंतर्गत छटोल जट्टा, घागस, बिनौला, बागी, सिहडा, काहवी, सुंगल, नोग कुड्डी, भराथू, जंगल झलेडा तथा आसपास के क्षेत्रों में प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। साथ ही 23 दिसम्बर को 11 केवी पंजगांई फीडर के अंतर्गत पंजगांई, हुडू, जिर्ख, बलोह, धौंण कोठी, विष्णु, धार-टटोह, डिव हवानी, दरोबड़, सोलग, जुराशी, टिकरी, धार व माता जालपा सोलर प्लॉट तथा आसपास के क्षेत्रों में प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने इस दौरान सभी उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।
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