एसआईआर के लिए सरकार को अध्यापकों के अलावा और भी विकल्प ढूंढ कर बीएलओ की ड्यूटी लगानी चाहिए: चौधरी अभय सिंह चौटाला
इसका बुरा असर यह पड़ा है कि प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों में अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के लिए उपलब्ध ही नहीं हैं
साफ दिखाई देता है कि भविष्य में भी बीजेपी की न तो सुधार करने की नीयत है और न ही कोई नीति है
चंडीगढ़, 12 दिसंबर। बीजेपी सरकार द्वारा एसआईआर के लिए सरकारी स्कूल के अध्यापकों की ड्यूटी लगाने से बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप पड़ जाने पर इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और अगर समय पर पढ़ाई में बाधा आएगी तो इससे उन बच्चों की पढ़ाई कैसे हो पाएगी। सरकार द्वारा मतदाता सूची के परीक्षण से लेकर नए मत बनाने और संशोधन के कार्य व चुनाव में मतदान करवाने का काम अध्यापकों को बीएलओ बना कर सौंपा गया है। इसका बुरा असर यह पड़ा है कि प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों में अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के लिए उपलब्ध ही नहीं हैं। एसआईआर की प्रक्रिया बहुत लंबी है और ऐसे में स्कूलों से अध्यापकों की गैरमौजूदगी से बच्चों की पढ़ाई पर बेहद गलत असर पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि अध्यापकों के अलावा भी अन्य विभागों में जहां सरकारी कर्मचारियों की तादाद ज्यादा है उनके सरकारी कर्मचारियों को इसका जिम्मा दिया जाना चाहिए। खासकर जिन स्कूलों में अध्यापकों की संख्या 2 या 3 है उन अध्यापकों की जगह कोई और विकल्प ढूंढना चाहिए ताकि उन स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों की शिक्षा पर कोई बुरा असर न पड़े। आज के दिन हालात यह हैं कि ज्यादातर स्कूल बिना अध्यापकों के खाली पड़े हैं और उन बच्चों को पढ़ाने वाला कोई नहीं है। बीजेपी सरकार बिना कोई योजना के काम कर रही है। बीजेपी की इस दोषपूर्ण कार्यशैली के कारण ही पूरे प्रदेश का बुरा हाल हो गया है। साफ दिखाई देता है कि भविष्य में भी बीजेपी की न तो सुधार करने की नीयत है और न ही कोई नीति है।