उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने चमेरा चरण–III के परियोजना प्रभावितों के पुनर्वास मामलों की समीक्षा की
भूस्खलन प्रभावित मुचका गांव के लोगों के पुनर्वास हेतु वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश
पावर प्रोजेक्ट कूड़ा निष्पादन को लेकर उठाएं प्रभावी कदम: उपायुक्त
चम्बा, 12 दिसंबर-उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में आज एनएचपीसी की चमेरा चरण–III विद्युत परियोजना के अंतर्गत परियोजना प्रभावित परिवारों के राहत एवं पुनर्वास संबंधी मामलों की समीक्षा हेतु निगरानी समिति की बैठक उपायुक्त कार्यालय में आयोजित की गई।
बैठके में उपायुक्त ने परियोजना प्रभावितों को रोजगार उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश देते हुए कहा कि पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति के अंतर्गत कामगार श्रेणी के रिक्त पदों के लिए सभी व्यक्तियों की सूची संबंधित ग्राम पंचायत प्रधानों से तत्काल प्राप्त की जाए, ताकि पात्र व्यक्तियों को रोजगार का अवसर सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने एनएचपीसी अधिकारियों को निर्देश दिया कि रिक्त पदों को भरने से पूर्व उनका विस्तृत विवरण तथा पदों के मापदंडों की जानकारी प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि जो संविदा कर्मचारी अगले 6 महीने या एक वर्ष के भीतर रिटायर होने वाली है उनकी सूची भी जल्द प्रेषित करें।
उपायुक्त ने भूस्खलन प्रभावित मुचका गांव के प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर गंभीरता व्यक्त करते हुए उपमंडल अधिकारी (नागरिक) चंबा को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों के लिए वैकल्पिक पुनर्वास स्थल चिन्हित किया जाए, ताकि उन्हें सुरक्षित आवास उपलब्ध हो सके।
इसके साथ ही उन्होंने एनएचपीसी अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि प्रावधान है, तो प्रभावित परिवारों के दिव्यांग, विकलांग, अक्षम व विधवा औरतों को प्रति माह एक हजार रुपये पेंशन उपलब्ध करवाई जाए।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि परियोजना क्षेत्रों में छोटे कूड़ा निष्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएं और साथ लगती पंचायतों से एकत्रित ठोस कचरे को इन संयंत्रों में वैज्ञानिक तरीके से निपटाया जाए, जिससे स्वच्छता व्यवस्था में सुधार होगा और पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आएगी।
उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि समुदाय स्वास्थ्य केंद्र होली या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गरोला में आवश्यकतानुसार चिकित्सक उपलब्ध करवाए जाएं ताकि स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की कमी न रहे।
बैठक में चमेरा चरण–III, कुठेड हाइड्रो प्रोजेक्ट और होली–बजोली परियोजना के प्रबंधकों ने पर्यावरण प्रबंधन से जुड़े विषयों कैचमेंट एरिया, ट्रीटमेंट प्लान, क्षतिपूरक वनीकरण, ग्रीन बेल्ट डेवलपमेंट, पर्यावरण मॉनिटरिंग, जैव–विविधता संरक्षण, मत्स्य प्रबंधन, क्वारी साइट पुनर्स्थापन, आपदा प्रबंधन, डंपिंग साइट एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
बैठक में सहायक आयुक्त अपराजिता चंदेल, उपमंडल दंडाधिकारी प्रियांशु खाती, अतिरिक्त महाप्रबंधक प्रशांत त्रिवेदी व क्षेत्रीय कार्यकारी अधिकारी राहुल शर्मा, सहित विभिन्न परियोजनाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।