घरेलू पर्यटन व्यय से संबंधित जानकारी के लिए सांख्यिकीय सर्वेक्षण कार्य जारी
अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग की टीमें में कर रही हैं सर्वेक्षण कार्य
उपायुक्त ने जिलावासियों से सहयोग का किया आग्रह
चम्बा, 23 अक्तूबर-उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय सर्वेक्षण के 80 वें राउंड के अंतर्गत सांख्यिकीय सर्वेक्षण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय सर्वेक्षण के इस राउंड का मुख्य उद्देश्य घरेलू पर्यटन व्यय से संबंधित जानकारी को एकत्र करना है जिसमें यात्रा के उद्देश्य, यात्रा का प्रकार और यात्रा का साधन शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि जिला सांख्यिकी कार्यालय और निदेशालय अर्थ एवं सांख्यिकी से विभिन्न टीमें चयनित गांवों में जाकर घर-घर सर्वेक्षण करेंगी तथा जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।
उपायुक्त ने सभी जिलावासियों से सर्वेक्षण टीमों के साथ सहयोग करने और सटीक जानकारी उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।
साथ में उन्होंने यह भी बताया कि उपलब्ध करवाई गई जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और केवल सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए उपयोग होगी।
इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए जिला सांख्यिकी अधिकारी कार्यालय के दूरभाष 01899-222301 या ईमेल dso-cha-hp@nic.in पर संपर्क किया जा सकता है।
====================================
जिला में रीयल-टाइम लैंडस्लाइड मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करने को लेकर बैठक आयोजित
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने की अध्यक्षता
चम्बा, 23 अक्तूबर-उपायुक्त मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में आज जिला में रियल टाइम लैंडस्लाइड मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करने को लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मंडी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजन किया गया।
इस दौरान उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पूर्व में स्थापित किए गए भू-स्खलन मॉनिटरिंग सिस्टम्स की फीडबैक के आधार पर आवश्यक उपकरण स्थापित किए जाएंगे ताकि उनकी कार्यप्रणाली, विश्वसनीयता और व्यवहारिक उपयोगिता का आकलन किया जा सके।
उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान भूस्खलन की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा रीयल-टाइम लैंडस्लाइड मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना पर विचार किया जा रहा है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला चम्बा के भूस्खलन-संवेदनशील क्षेत्रों में इस तकनीक को चरणबद्ध तरीके से लागू करने पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी तकनीकी प्रणालियाँ आपदा जोखिम न्यूनीकरण में प्रभावी भूमिका निभा सकती हैं।
उपायुक्त ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि वे जिले के भूस्खलन-प्रभावित एवं संभावित स्थलों की पहचान करें और उनकी सूची प्रशासन को शीघ्र उपलब्ध करवाएँ। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आधुनिक तकनीक के उपयोग से आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत बनाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।
उपायुक्त को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी से आए प्रतिनिधियों के द्वारा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सिस्टम की कार्यप्रणाली, तकनीकी विशेषताओं और फील्ड में इसके सफल संचालन की जानकारी साझा की।
बैठक में वरिष्ठ अनुसंधान सहयोगी डॉ. साहिल संख्यान और वरिष्ठ व्यवसाय प्रबंधक चंदन वैद्य सहित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।