भगवान इंद्रदेव के घमंड को खत्म करने के लिए भगवान श्री कृष्ण जी ने गोवर्धन पर्वत उठाने का काम किया- बजरंग गर्ग
गोवर्धन द्वारा भगवान इंद्र पर भगवान श्री कृष्ण जी की विजय का प्रतीक माना जाता है- बजरंग गर्ग
अन्नकूट उत्सव कृतज्ञता, करुणा और साझा करने से सुख मिलता है- बजरंग गर्ग
अन्नकूट का मुख्य उद्देश्य देवी अन्नपूर्णा को श्रद्धांजलि अर्पित करना व भगवान श्री कृष्ण जी का सम्मान करना है- बजरंग गर्ग
हिसार, 23 10.25-- बाबा प्रयाग गिरि शिवालय मंदिर ट्रस्ट व अग्रोहा धाम में गोवर्धन पूजा, अन्नकूट का प्रसाद व रात्री को भजन संध्या शिवालय मन्दिर ट्रस्ट व शिक्षण संस्थान के प्रधान बजरंग गर्ग के नेतृत्व में हुआ। जिसमें हजारों धर्म प्रेमियों ने भाग लिया।
बजरंग गर्ग ने पूजा करने के उपरांत कहा कि अन्नकूट उत्सव कृतज्ञता, करुणा और साझा करने से सुख मिलता है। अन्नकूट का मुख्य उद्देश्य देवी अन्नपूर्णा को श्रद्धांजलि अर्पित करना व भगवान श्री कृष्ण जी का सम्मान करना है। भगवान इंद्रदेव के घमंड को खत्म करने के लिए भगवान श्री कृष्ण जी ने गोवर्धन पर्वत उठाने का काम किया। इसके बाद बृजवासियों ने मिलकर भोजन को बांटा और इस परंपरा की शुरुआत हुई। बजरंग गर्ग ने कहा कि गोवर्धन द्वारा भगवान इंद्र पर भगवान श्री कृष्ण जी की विजय का प्रतीक माना जाता है। बृजवासियों ने जब इंद्र देवता की पूजा छोड़कर भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा शुरू की थी तब इंद्र देवता क्रोधित से भारी बारिश करके ब्रिज को डूबने की कोशिश की। भगवान श्री कृष्ण जी बृजवासियों की रक्षा के लिए अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत पर उठा लिया था। जिसके नीचे सभी लोग सुरक्षित रहे। गोवर्धन पर गायों के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने के लिए उनकी पूजा की जाती है। देश भर में गोवर्धन पूजा का अन्नकूट के नाम से मनाया जाता है। शिवालय मंदिर ट्रस्ट व अग्रोहा धाम अन्नकूट का प्रसाद लेने के लिए लंबी लाइन लगी हुई थी।
भारी संख्या में धर्म प्रेमियों ने अन्नकूट का प्रसाद का आनंद लिया। इस अवसर पर नारायण दास बंसल, कैलाश चौधरी, रमेश लोहिया, सुरेंद्र सिंगला,ओम प्रकाश असीजा, सितेंद्र गोयल, जगत नारायण, डॉक्टर के के वर्मा, कृष्ण लाल बगड़ी, सत्यपाल असीजा, रमेश पटवारी, राजेंद्र बंसल, निरंजन गोयल, दीपक कुमार, सुनील शर्मा, मुनीष चावला, जगदीश प्रधान, राजकुमार असीजा आदि प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखें।