राज्य स्तरीय सुरक्षित निर्माण मॉडल प्रतियोगिता में बिलासपुर को मिला तीसरा स्थान
आपदा जागरूकता अभियान ‘समर्थ-2025’ के तहत राज्य स्तर पर आयोजित हुई प्रतियोगिता
बिलासपुर, 10 अक्तूबर: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सुरक्षित निर्माण मॉडल प्रतियोगिता में जिला बिलासपुर ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया है। हाई स्कूल, वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल तथा काॅलेज स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में जिला बिलासपुर ने हाई स्कूल एवं कॉलेज स्तर की श्रेणियों में प्रदेश स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। हाई स्कूल वर्ग में राजकीय उच्च विद्यालय ज्योरा बिलासपुर तथा काॅलेज वर्ग में राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर को यह सम्मान प्राप्त हुआ है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने ‘समर्थ-2025’ के तहत आयोजित सुरक्षित निर्माण माॅडल प्रतियोगिता में जिला को हाई स्कूल तथा काॅलेज स्तर पर तीसरा स्थान मिलने पर प्रतिभागी संस्थानों एवं विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर तीनों वर्गों हाई व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल तथा काॅलेज स्तर में पहले तीन स्थान हासिल करने वाले संस्थानों को आगामी 14 अक्तूबर को शिमला में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में सुरक्षित निर्माण तकनीकों, आपदा प्रबंधन, संरचनात्मक सुरक्षा तथा नवाचार के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। युवा पीढ़ी में आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षित निर्माण की समझ जागरूक समाज के निर्माण का भी आधार है। यह प्रतियोगिता ‘समर्थ-2025’ आपदा जागरूकता अभियान के अंतर्गत आयोजित की गई है, जिसका संचालन 1 अक्तूबर से 31 अक्तूबर 2025 तक प्रदेश के साथ-साथ जिला बिलासपुर में भी विविध कार्यक्रमों के माध्यम से किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता ब्लॉक स्तर से प्रारंभ होकर जिला स्तर तक आयोजित की गई, जिसके उपरांत चयनित प्रतिभागियों ने राज्य स्तर पर भाग लिया। प्रतिभागियों का मूल्यांकन संरचनात्मक सुरक्षा एवं स्थायित्व, डिजाइन नवाचार, तकनीकी सटीकता, स्थानीय संदर्भों की प्रासंगिकता, पर्यावरण समन्वय, अवधारणा की स्पष्टता तथा प्रस्तुति सहित विभिन्न मापदंडों के आधार पर किया गया है।
राहुल कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस (आईडीडीआरआर) के अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वार्षिक जन-जागरूकता अभियान ‘समर्थ-2025’ का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य संवेदनशील समुदायों की क्षमता का सुदृढ़ीकरण, युवा पीढ़ी को आपदाओं के प्रति प्रभावी प्रतिक्रिया हेतु तैयार करना, तकनीक एवं नवाचार आधारित शमन उपायों को बढ़ावा देना तथा सुरक्षित निर्माण प्रथाओं को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया है कि वह ‘समर्थ-2025’ जन जागरूकता अभियान में सक्रिय रूप से सहभागी बनकर सुरक्षित प्रदेश निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दें
=======================================
गोविन्दसागर जलाशय में महाशीर मछली बीज संग्रहण से एंगलिंग पर्यटन को मिलेगा प्रोत्साहन
बिलासपुर, 9 अक्तूबर, 2025-हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित गोविन्दसागर जलाशय में एंगलिंग पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मत्स्य विभाग, हिमाचल प्रदेश द्वारा 12,000 नं० नंचर महाशीर मछली बीज का सफलतापूर्वक संग्रहण किया गया। यह बीज मंडी जिले के मध्याल स्थित राज्य के एकमात्र महाशीर मछली प्रजनन केन्द्र में तैयार किया गया था, जहां इस वर्ष 50,000 से अधिक फिंगरलिंग्स का उत्पादन हुआ है। संग्रहण कार्यक्रम मत्स्य विभाग के निदेशक एवं प्रभारी विवेक चंदेल के दिशा-निर्देशों अनुसार जकातखाना में आयोजित किया गया।
महाशीर मछली एक अत्यंत मूल्यवान प्रजाति है, जो हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय जलाशयों और नदियों की पारिस्थितिकी संतुलन में अहम भूमिका निभाती है। इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें जलाशयों में बीज संग्रहण प्रमुख है।
सहायक निदेशक मत्स्य पंकज ठाकुर ने बताया कि महाशीर मछली का संरक्षण विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल है, क्योंकि यह न केवल जैव विविधता के लिए आवश्यक है, बल्कि मछुआरों की आय में वृद्धि का भी एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले वर्ष गोविन्दसागर जलाशय में माठ्याल फिश फार्म से 13,520 नं० महाशीर मछली बीज संग्रहित किया गया था, जो इस दिशा में निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग द्वारा राज्य के सभी प्रमुख जलाशयों में नियमित रूप से मछली बीज संग्रहण किया जा रहा है, ताकि मत्स्य उत्पादन को बढ़ाया जा सके और मछुआरों की आजीविका में सुधार लाया जा सके। महाशीर मछली को एंगलिंग के लिए प्राथमिकता दी जाती है, और इस पहल से गोविन्दसागर जलाशय में एंगलिंग पर्यटन को नया आयाम प्राप्त होगा।
इस अवसर पर मत्स्य संरक्षण अधिकारी अजय कुमार, मत्स्य अधिकारी जकातखाना सुरम सिंह सहित मत्स्य सहकारी सभाओं के प्रतिनिधि और स्थानीय मछुआरे उपस्थित रहे।
सहायक निदेशक पंकज ठाकुर ने कहा कि विभाग का उद्देश्य राज्य के जलाशयों में मत्स्य उत्पादन बढ़ाकर मछुआरों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना और सतत मत्स्य प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।