ऊना, 1 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) द्वारा राज्यव्यापी जन-जागरूकता अभियान समर्थ 2025 का आयोजन 31 अक्तूबर, 2025 तक किया जा रहा है। इस जागरूकता अभियान के तहत जिला की सभी पंचायतों में 2 अक्तूबर को आपदा जोखित न्यूनीकरण विषय पर विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी। कार्यकारी उपायुक्त ऊना महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि इन विशेष ग्राम सभाओं में आपदा जोखिम कम करने से जुड़े विषयों पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी जिनमें भूस्खलन से बचाव के उपाय, सुरक्षित एवं पारंपरिक भवन निर्माण पद्धतियों को बढ़ावा, पहाड़ियों को असुरक्षित रूप से काटने से बचाव, मलबे का सुरक्षित निपटान, उचित वर्षा जल निकासी प्रणाली का विकास, प्राकृतिक नालों/नदियों में निर्माण पर रोक, अतिक्रमण हटाकर जल निकासी चैनलों को सुरक्षित बनाना जैसे मुद्दे शामिल रहेंगे।
*आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर पंचायतों की विशेष जिम्मेदारी*
इस अभियान के तहत राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया गया है कि वे अपनी आगामी बैठकों में आपदा प्रबंधन को विशेष एजेंडा विषय के रूप में शामिल करें। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर तैयारी, जागरूकता और सामुदायिक कार्रवाई को मजबूत करना है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 41 के अनुसार, पंचायतों की जिम्मेदारी है कि वे आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें, आपदा से संबंधित संसाधनों का रखरखाव करें और निर्माण कार्यों में रोकथाम एवं जोखिम न्यूनीकरण के मानकों का पालन सुनिश्चित करें।
*समुदाय स्तर पर आपदा से निपटने के उपाय*
उन्होंने बताया कि समर्थ 2025 अभियान लोगों को सरल और जीवन-रक्षक उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करता है। इनमें स्थानीय खतरों की पहचान और जोखिम कम करना, भूकंप प्रतिरोधी भवनों का निर्माण, पुराने घरों की सुरक्षा जाँच और आवश्यक सुधार, आपातकालीन किट तैयार रखना (सूखा भोजन, दवाइयाँ, पानी, टॉर्च, रेडियो आदि), प्राथमिक चिकित्सा व खोज-बचाव प्रशिक्षण प्राप्त करना (डीडीएमए टोल फ्री 1077), शुरुआती चेतावनियों पर सतर्क रहना और तुरंत कार्रवाई करना, आग बुझाने वाले यंत्र का उपयोग सीखना, अफवाहों से बचना और केवल आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करना और परिवार के लिए पहले से आपातकालीन योजना तैयार रखना शामिल हैं।
*स्वयंसेवी टास्क फोर्स और पंचायत इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेंटर*
महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि एचपीएसडीएमए ने प्रत्येक पंचायत में 10-15 प्रशिक्षित युवा स्वयंसेवकों की टास्क फोर्स गठित करने की योजना शुरू की है। ये स्वयंसेवक पंचायत प्रधान के नेतृत्व में आपदा की स्थिति में तैयारी और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, पंचायत स्तर पर इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेंटर स्थापित करने की योजना भी जारी की गई है, जिससे स्थानीय स्तर पर राहत और बचाव की क्षमता और अधिक मजबूत होगी।