आपदा प्रबंधन को लेकर तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित
धर्मशाला, 27 सिंतबर। धर्मशाला में आज जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कांगड़ा के तत्वावधान में प्रधानमंत्री के दस सूत्रीय एजेंडा पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम समापन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन एडीएम कांगड़ा शिल्पी बेक्टा ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री के दस सूत्रीय एजेंडा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने और सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों एवं गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भाग लिया। आगामी तीन दिनों तक प्रतिभागियों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण, तैयारी एवं प्रभावी प्रतिक्रिया से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
========================================
मेरा युवा भारत द्वारा राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक दो साल की इंटर्नशिप योजना की भर्ती, आवेदन की अंतिम तिथि 5 अक्टूबर
धर्मशाला, 27 सितम्बर: उप निदेशक मेरा युवा भारत ध्रुव डोगरा ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि मेरा युवा भारत, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा युवाओं को राष्ट्र निर्माण की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों की दो साल की इंटर्नशिप योजना की भर्ती की जा रही है। यह पहल भारत को विकसित भारत 2047 बनाने की दिशा में युवाओं को सशक्त एवं जिम्मेदार नागरिक बनाने का सुनहरा अवसर है।उन्होंने बताया कि चयनित युवा स्वयंसेवक समाज में स्वास्थ्य, साक्षरता एवं स्वच्छता पर जागरूकता, लैंगिक समानता एवं सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा, आपदा प्रबंधन एवं प्रशासन की सहायता, विभिन्न सरकारी अभियानों व कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी तथा नियोजन क्षेत्र में कार्यों का नेतृत्व करेंगे। जिला कांगड़ा के सभी ब्लाॅक आदि क्षेत्रों में स्वयंसेवकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि युवा स्वयंसेवक के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यतारू कक्षा 10वीं उत्तीर्ण जबकि आयु सीमा 18 से 29 वर्ष (1 अप्रैल 2025 तक) रखी गई है। चयनित उम्मीदवार को 5 हजार रुपये मानदेय प्रतिमाह (अधिकतम 2 वर्ष की अवधि हेतु) दिया जायेगा। नियमित छात्र आवेदन हेतु पात्र नहीं होंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 5 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है। आवेदन के लिए वेबसाईट लिंक https://nyks.nic.in/nycapp/main.asp
है। उन्होंने बताया कि यह कोई वेतन भोगी, संविदात्मक नियुक्ति नहीं है और इससे भविष्य में सरकारी सेवा में नियुक्ति का कोई अधिकार नहीं प्राप्त होगा।
====================================
कांगड़ा जिले में एमएसएमई योजनाओं पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न
धर्मशाला, 27 सितंबर : जिला में 26 और 27 सितम्बर, 2025 को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) योजनाओं पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। पहला कार्यक्रम 26 सितम्बर को आई.ए. संसारपुर टैरेस में हुआ, जबकि दूसरा सत्र 27 सितम्बर को धर्मशाला में आयोजित किया गया। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय उद्यमियों तक नवीनतम सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुँचाना और जिले के औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देना था।
संसारपुर टैरेस सत्र की प्रमुख झलकियाँ
आई.ए. संसारपुर टैरेस में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन जिला उद्योग केंद्र, कांगड़ा के महाप्रबंधक ओम प्रकाश जारियाल ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। एमएसएमई रत्न पुरस्कार से सम्मानित डॉ. अशोक पाठानिया विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न औद्योगिक प्रोत्साहन योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से रैम्प कार्यक्रम और अन्य एमएसएमई पहल की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और बताया कि सरकार उद्यमियों को हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर पुणे से आए विशेषज्ञ डॉ. साल्वी ने स्पाइस और गिफ्ट योजनाओं पर व्याख्यान दिया, जिनका उद्देश्य नवोन्मेषी स्टार्टअप्स और उद्यमों को प्रोत्साहित करना है। फार्मास्यूटिकल इकाइयों के उद्यमियों ने इस सत्र में विशेष रुचि दिखाई और एमएसई-सीडीपी योजना के तहत एक फार्मा क्लस्टर स्थापित करने में अपनी इच्छा प्रकट की।
सत्र में 50 से अधिक स्थानीय उद्यमियों ने भाग लिया, जो जिले के उद्योग जगत की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
धर्मशाला सत्र की प्रमुख झलकियाँ
दूसरा सत्र धर्मशाला में हुआ, जिसमें रैम्प , एमएसई-सीडीपी और ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमई विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस कार्यशाला का संचालन जिला उद्योग केंद्र धर्मशाला के महाप्रबंधक ओम प्रकाश जारियाल और प्रबंधक दिनेश के. उपाध्याय ने किया।
सत्र में संसाधन व्यक्तियों के रूप में संदीप शर्मा ( एमएसई-सीडीपी विशेषज्ञ) और जिला उद्योग केंद्र से दीपक बक्शी ने जानकारी साझा की। कुल 58 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में हिस्सा लिया और सतत विकास तथा क्लस्टर विकास की संभावनाओं पर व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की। इसमें उद्यमियों को प्रोत्साहित किया गया कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर व्यवसाय में हरित और नवीन तकनीकों को अपनाएँ।
सहभागिता और प्रभाव
दोनों सत्रों में कुल मिलाकर 100 से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया। कार्यशालाएँ उत्साहपूर्ण सहभागिता, रचनात्मक चर्चाओं और सरकारी योजनाओं से उद्योग क्षेत्र को नए अवसर प्रदान करने की साझा प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुईं।
जिला उद्योग केंद्र, कांगड़ा ने सभी मान्यवरों, संसाधन व्यक्तियों और प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया और स्थानीय एमएसएमई के समर्थन हेतु विभाग की निरंतर क्षमता-वृद्धि पहलों को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया