नशा मुक्त हमीरपुर के लिए सुनियोजित ढंग से करें कार्य : अमरजीत सिंह
डीसी ने की कल्याण विभाग की 4 जिला स्तरीय समितियों की बैठकों की अध्यक्षता
कहा, एससी-एसटी अत्याचार के मामलों की जांच और अभियोजन में न हो विलंब
कार्यालयों, संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर दिव्यांगों को मिलें सभी सुविधाएं
हमीरपुर 26 सितंबर। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने सोमवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं, अभियानों तथा अधिनियमों से संबंधित चार अलग-अलग जिला स्तरीय समितियों की बैठक की अध्यक्षता की।
नशा मुक्त भारत अभियान 2.0 की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि नशे की समस्या को एक सुनियोजित रणनीति और साइंटिफिक तरीके से निपटने की आवश्यकता है। इसके लिए जिला स्तर पर एक व्यापक कार्य योजना बनाई गई है, जिसमें विभिन्न विभागों के अलावा पंचायतीराज संस्थाओं और सामाजिक संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है तथा इसे पंचायत एवं ग्राम स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि नशा भी एक बीमारी है और इसके जाल में फंसे व्यक्ति को डॉक्टरी परामर्श और उपचार दिया जाना चाहिए। जिला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे नई दिशा नशा निवारण केंद्रों और नशे की डिमांड एवं सप्लाई की चेन को तोड़ने के लिए पुलिस द्वारा आरंभ किए गए हेल्पलाइन नंबरों और ड्रग फ्री ऐप का अधिक से अधिक प्रचार होना चाहिए।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सभी शिक्षण संस्थानों में अधिक से अधिक जागरुकता गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों तथा शिक्षण संस्थानों में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने तथा अभियान से संबंधित सभी गतिविधियों की रिपोर्ट नियमित रूप से जिला कल्याण अधिकारी को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए, ताकि इन्हें वेब पोर्टल पर अपलोड किया जा सके।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने बताया कि इस समय जिला में अधिनियम के तहत दर्ज 25 मामले विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। 33 मामलों की कैंसलेशन रिपोर्ट्स भी अभी विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। 10 मामलों में पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने पुलिस और अभियोजन विभाग के अधिकारियों से कहा कि ऐसे मामलों की जांच और अभियोजन में विलंब नहीं होना चाहिए।
जिला दिव्यांगता समिति की बैठक में उपायुक्त ने कहा कि दिव्यांगों से संबंधित सभी योजनाओं के क्रियान्वयन और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए अधिनियम की अनुपालना में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। सभी भवनों, सार्वजनिक स्थलों, परिवहन सेवाओं, अस्पतालों, कार्यालयों और शौचालयों इत्यादि में दिव्यांगों के लिए निर्धारित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि सभी संबंधित विभाग अल्पसंख्यक वर्गों के पात्र लोगों को चिह्नित करें और उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करें।
उक्त सभी समितियों की बैठकों में जिला कल्याण अधिकारी चमन लाल शर्मा ने विभिन्न योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इन बैठकों में समितियों के अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित थे।
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बच्चों के पालन-पोषण में पुरुषों की भागीदारी भी महत्वपूर्ण
हमीरपुर 26 सितंबर। आठवें पोषण माह के अवसर पर बाल विकास परियोजना हमीरपुर की धनेड़़ वृत्त के अंतर्गत आने वाले सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में जागरुकता गतिविधियों का आयोजन किया गया। इनमें परिवार के पुरुष सदस्यों को गर्भावस्था से लेकर बच्चों की 2 साल की उम्र तक मानसिक विकास के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ-साथ बच्चों की देखभाल में वे किस प्रकार योगदान कर सकते हैं, के बारे में जागरुक किया गया। उन्हें जानकारी दी गई कि परिवार का कोई भी सदस्य कुपोषित एवं प्रीमेच्योर पैदा हुए बच्चों को कंगारू केयर दे सकता है। इन गतिविधियों में वृत्त पर्यवेक्षक तिलक राज, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं अनिता कुमारी, सीमा देवी, शिक्षा देवी, सरोज कुमारी, अजू कुमारी, नीलम कुमारी, शालू, शारदा रानी और सुमन इत्यादि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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पोषण एवं बाल देखभाल में पिताओं की महत्वपूर्ण भूमिका : सीडीपीओ
खनौली पंचायत में ‘पोषण में पुरुषों की भूमिका’ विषय पर आयोजित किया कार्यक्रम
हमीरपुर 26 सितंबर परिवार को स्वस्थ एवं सशक्त बनाने में पुरुषों, विशेषकर युवा पिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, परंतु उनकी इस भूमिका को प्रायः नजरअंदाज किया जाता रहा है। आहार एवं परिवार विशेषज्ञ भी यह मानते हैं कि पोषण और देखभाल में अपनी भूमिका को समझकर पुरुष अपने परिवार को स्वस्थ और सशक्त बनाकर स्वस्थ समाज एवं राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। पोषण माह के उपलक्ष्य पर जिला हमीरपुर की दूरवर्ती ग्राम पंचायत खनौली में शुक्रवार को ‘पोषण में पुरुषों की भूमिका’ विषय पर आयोजित जागरुकता शिविर में स्थानीय समुदाय को संबोधित करते हुए टौणी देवी के सीडीपीओ कुलदीप सिंह चौहान ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पोषण एवं बाल देखभाल समाज का संयुक्त उत्तरदायित्व है। परिवार समाज की एक महत्वपूर्ण इकाई है। अतः पोषण एवं देखभाल में परिवार, विशेषकर युवा पिताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। हमारे परिवारों में खाद्य उत्पादन, भोजन की खरीद, प्रबंधन, वितरण और उपयोग में महत्वपूर्ण निर्णय पुरुष ही लेते हैं। इस विषय पर निर्णय लेते समय उन्हें परिवार के अधिकतम पोषण, स्वास्थ्य और स्थानीयता को बढ़ावा देना चाहिए और जंक फूड के प्रचलन को हतोत्साहित करना चाहिए।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की डॉक्टर अंतरिक्षा ने महिला स्वास्थ्य पर बल देते हुए लोगों से पोषण माह के दौरान अपनी स्वास्थ्य जांच आवश्यक रूप से कराने का आह्वान किया। वृत्त पर्यवेक्षक किरण कुमारी ने महिलाओं को पारिवारिक स्वास्थ्य की धुरी बताते हुए उन्हें अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की सलाह दी। कार्यक्रम में स्थानीय पंचायत के प्रधान, उपप्रधान और पंचायत सदस्य विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर कक्कड़ सर्कल की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्थानीय व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई, जिसमें लगभग 50 किस्म के पारंपरिक व्यंजनों का प्रदर्शन किया गया।
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