आपदा पीड़ितों तक शीघ्र राहत पहुंचाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता : अपूर्व देवगन
उपायुक्त ने राजस्व अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश
मंडी, 19 सितंबर। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आज यहाँ राजस्व अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें राजस्व संबंधी मामलों और जनहित से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
उपायुक्त ने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों तक शीघ्र राहत पहुंचाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी लंबित राहत मामलों को तुरंत ऑनलाइन स्वीकृत कर पीड़ितों को फौरी मदद उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी स्वीकार्य नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि ऑडिट पैरों से संबंधित रिकवरियों को समयबद्ध तरीके से निपटाया जाएगा। साथ ही लेगेसी डीड अपडेशन के अंतर्गत 1961 से 1990 तक के दस्तावेजों को स्कैन कर एक सप्ताह के भीतर ऑनलाइन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।
उन्होंने बताया कि 2022-23 की लंबित जमाबंदियों और भूमि मालिकों को आधार व मोबाइल नंबर से जोड़ने का कार्य 30 सितंबर तक पूरा किया जाएगा। उपायुक्त ने सभी एसडीएम को लंबित राजस्व मामलों को प्राथमिकता से निपटाने और नए मामलों का भी समय पर समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाकर जनता को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराना प्रशासन का संकल्प है। विशेषकर आपदा जैसी परिस्थितियों में प्रभावित लोगों तक हर संभव सहायता तेजी और पारदर्शिता के साथ पहुंचाई जाएगी।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ मदन कुमार, जिला राजस्व अधिकारी हरीश शर्मा उपथित थे तथा सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार ऑनलाइन बैठक से जुड़े थे।
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ड्रिप इरीगेशन व सोलर फेंसिंग कार्य समय पर पूरे करने के निर्देश

मंडी, 19 सितम्बर। उद्यान विभाग के गोपालपुर और धर्मपुर ब्लॉक की समीक्षा बैठक का आयोजन उपनिदेशक उद्यान डॉ. संजय गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में ड्रिप इरीगेशन, भूमि सुधार और सोलर फेंसिंग से संबंधित कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में उपस्थित कांट्रैक्टरों को निर्देश दिए गए कि अब तक इन कार्यों का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है और शेष 60 प्रतिशत कार्य को अक्टूबर माह तक हर हाल में पूरा किया जाए। उपनिदेशक ने कहा कि निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरे होने से किसानों को समय पर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष गोपालपुर और धर्मपुर ब्लॉक में लगभग 350 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण किया जाएगा, जिसके अंतर्गत करीब 3.50 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी पौधारोपण अभियान से लगभग 1800 किसान प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे और उनकी आजीविका में स्थायी सुधार आएगा।

बैठक में विभाग की ओर से एपीडी डॉ. रमल अंगारिया, एसएमएस डॉ. अनिल, एचडीओ डॉ. बिपिन, जिला समन्वयक पवन कुमार और टीम सीएस-06 के सभी सदस्य भी उपस्थित रहे।

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ज्वालापुर क्षेत्र के प्रभावित बागवानों की सुविधा के लिए चंबाधार में स्थापित होगा अस्थायी प्रापण केंद्र- डॉ. संजय गुप्ता
• उपायुक्त के निर्देशों पर बागवानों के साथ बैठक का आयोजन
मंडी,18 सितंबर। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन के निर्देशानुसार विकास खंड सदर के ज्वालापुर क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जिला उद्यान विभाग मंडी की ओर से एक विशेष निरीक्षण एवं बैठकों का आयोजन किया गया। उपनिदेशक उद्यान डॉ. संजय गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान आपदा से प्रभावित बागवानों की समस्याओं तथा सेब एवं अन्य फल फसल को बाजार तक पहुंचाने के उपायों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन, उद्यान विभाग एवं एचपीएमसी के बीच आपसी सहमति से यह निर्णय लिया गया कि ज्वालापुर क्षेत्र के प्रभावित बागवानों की सुविधा के लिए चंबाधार में एक अस्थायी प्रापण (प्रोक्योरमेंट) केंद्र स्थापित किया जाएगा। एचपीएमसी की ओर से आश्वस्त किया गया कि यह केंद्र आगामी दो कार्य दिवसों के भीतर चालू कर दिया जाएगा। इस केंद्र के माध्यम से बागवानों को सेब फसल की ढुलाई एवं परिवहन पर होने वाले अतिरिक्त खर्च से राहत मिलेगी तथा उनकी उपज समय पर विपणन केंद्रों तक पहुंच सकेगी।
बैठक में उपस्थित बागवानों ने सहमति व्यक्त की कि लगभग 300–500 मीट्रिक टन सेब की उपज एचपीएमसी प्रापण केंद्र को उपलब्ध करवाई जाएगी। बैठक में बताया गया कि उद्यान विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीमों द्वारा प्रभावित बागवानों के लगभग 60 से 70 प्रतिशत तक हुए नुकसान का आकलन शीघ्र ही पूर्ण कर रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जा रही है, ताकि राहत एवं मुआवजा प्रदान करने की कार्रवाई तत्काल की जा सके।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन एवं अतिरिक्त उपायुक्त गुरुसिमर सिंह इस समस्त प्रक्रिया की व्यक्तिगत निगरानी कर रहे हैं। उद्यान विभाग, एचपीएमसी एवं प्रशासन के सामूहिक प्रयास से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी बागवान को अतिरिक्त आर्थिक नुकसान न हो और सभी को शीघ्र राहत मिल सके।
इस बैठक में उद्यान विकास अधिकारी सदर डॉ. शिक्षा, एचपीएमसी क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव कुमार, तहसीलदार औट रमेश, उद्यान प्रसार अधिकारी तथा बड़ी संख्या में क्षेत्रीय बागवान उपस्थित रहे।
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जिला परिषद मंडी की त्रैमासिक बैठक में 455 करोड़ के विकास कार्यों को दी मंजूरी

मंडी, 19 सितम्बर। जिला परिषद मंडी की त्रैमासिक समीक्षा बैठक आज परिषद सभागार, भ्यूली में जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में 22,896 कार्यों को स्वीकृति दी गई, जिन पर 297.53 करोड़ रुपये व्यय होंगे। इसके अतिरिक्त 3,585 कार्यों की 148.56 करोड़ रुपये की एक्सपेक्टो अप्रूवल तथा लाइन विभागों के 87 कार्यों की 9.55 करोड़ रुपये की लागत को भी मंजूरी दी गई। अध्यक्ष पाल वर्मा ने बताया कि आपदा और बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए मनरेगा के तहत 455.62 लाख रुपये के प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह, जिला परिषद उपाध्यक्ष मुकेश चंदेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
अध्यक्ष पाल वर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक समयबद्ध रूप से पहुंचे। उन्होंने कहा कि हाल ही में आई आपदा से मंडी जिला को भारी नुकसान हुआ है, विशेषकर जल शक्ति विभाग की पेयजल योजनाओं को क्षति पहुंची है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनता की समस्याओं को विभागों तक पहुंचाकर उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना परिषद की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि कुछ विभागों की जटिल समस्याओं पर आगामी दो-तीन हफ्तों में अलग बैठक कर विचार किया जाएगा।

बैठक में विभिन्न विभागों की विकास परियोजनाओं, योजनाओं के क्रियान्वयन और जन समस्याओं के समाधान पर विस्तार से चर्चा हुई। स्वास्थ्य, लोक निर्माण, जल शक्ति, ग्रामीण विकास, विद्युत, कृषि और परिवहन विभागों से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। परिषद सदस्यों ने अधूरे कार्यों, सड़कों की मरम्मत, पेयजल आपूर्ति की समस्याओं तथा स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों व स्टाफ की कमी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। बैठक का संचालन जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा ने किया। इस दौरान पिछली बैठकों के लंबित प्रस्तावों की भी समीक्षा की गई और संबंधित विभागों द्वारा अब तक किए गए कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की गई।

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