रानियां से इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने अति महत्वपूर्ण किसान हित से जुड़े धान की पीआर 114 और 1509 में काली धारीदार बौना विषाणु (एस.आर.बी.एस.डी.वी) वायरस के प्रकोप से बर्बाद हुई फसल पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर पूछा सप्लीमेंट्री प्रश्न

पूरा विवरण दें कि धान में आए वायरस के प्रकोप के लिए अवेयरनेस कैंपेन कहां-कहां लगाए और इनपर कितना खर्चा आया

सरकार यह बताएं कि किस गांव में कितने प्रतिशत नुकसान हुआ है ताकि जिस किसान का पूरा नुकसान हुआ है उसे उसका पूरा मुआवजा मिल सके

चंडीगढ़, 26 अगस्त। विधानसभा के मॉनसून सत्र में मंगलवार को हरियाणा में करनाल, कुरूक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, कैथल और जींद जिलों में धान की पीआर 114 और 1509 में काली धारीदार बौना विषाणु (एस.आर.बी.एस.डी.वी) वायरस के प्रकोप से बर्बाद हुई फसल पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए रानिया से इनेलो के विधायक अर्जुन चौटाला ने कहा कि माननीय मंत्री ने बताया कि इस वायरस की रोकथाम के लिए 235 जगहों पर अवेयरनेस कैंपेन लगाने का काम किया है। माननीय मंत्री जी इसका पूरा विवरण दें कि ये अवेयरनेस कैंपेन कहां-कहां लगाए और इनपर कितना खर्चा आया? दूसरा माननीय मंत्री ने सदन में जो उत्तर दिया है जिसमें उन्होंने पूरे जिला को एक यूनिट बनाकर बताया कि जिला में जो नुकसान हुआ है वो 20-25 प्रतिशत से कम बनता है। जिला तो बहुत बड़ा होता है उदाहरण के तौर पर कुरूक्षेत्र जिला में एक तरफ लाडवा हलका आता है जिसके गांव यमुना से लगते हैं और दूसरी तरफ पेहवा हलका आता है जो पंजाब के बॉर्डर से लगता है। इसलिए यह जरूरी नहीं है कि पूरे जिला में एक बराबर नुकसान हुआ है। ऐसा भी हो सकता है कि एक हलका पूरी तरह से बर्बाद हो गया और बाकी हलका में नुकसान कम हुआ हो। सरकार के पास सारे आंकड़े हैं तो सरकार यह बताएं कि किस गांव में कितने प्रतिशत नुकसान हुआ है ताकि जिस किसान का पूरा नुकसान हुआ है

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कानून व्यवस्था पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अर्जुन चौटाला ने अपनी बात रखी

अपराध रोकने के लिए कानून का डर सबसे जरूरी है लेकिन सरकार अपराधियों को कानून का डर नहीं दे पाई: अर्जुन चौटाला

हम असल में अपराध रोकने में तब कामयाब होंगे जब प्रदेश में कोई अपराध हो और लोग कहें कि हमें इसके लिए सीबीआई की जरूरत नहीं है हमारा विश्वास हमारी प्रदेश की पुलिस पर है

चंडीगढ़, 26.08.25- कानून व्यवस्था पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अर्जुन चौटाला ने कहा कि माननीय गीता भुक्कल की बात से वे सहमत हैं कि आज प्रदेश में ऐसा माहौल बन गया है कि प्रदेश की जनता को यह विश्वास ही नहीं रहा कि उन्हें न्याय मिलेगा या नहीं। असल में माहौल पर आती है कि क्या हमें विश्वास है कि पुलिस पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत लगाने के लिए तैयार है या नहीं? सबसे गंभीर बात यह है कि मौके पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती। केहरवाल गांव के अंदर एक व्यक्ति की निर्मम हत्या कर दी गई। मौके पर उसके परिवार वालों ने पुलिस को फोन किया और एफआईआर दर्ज करने की मांग की। लेकिन उस थाने के पुलिस अधिकारी ने मौके पर आने और एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। जब किसी बेटी के साथ अप्रिय घटना हो जाती है तो पुलिस वाले जवाब देते हैं कि गई होगी किसी के साथ घुमने हम क्या करें। पुलिस वालों का पहला काम बनता है कि तुरंत एफआईआर दर्ज हो और तुरंत कार्रवाई हो। आज प्रदेश के हालात ये हैं कि हम अपने बच्चों को यह विश्वास ही नहीं दिला पा रहे कि घर से बाहर जाने पर वो सुरक्षित हैं। अगर ये विश्वास नहीं दिला पाए तो कितने ही आंकड़े गिन लो कोई फर्क नहीं पड़ता। जब तक अपराधी को पुलिस का डर नहीं होगा तो वो अपराध करता रहेगा। अपराध रोकने के लिए कानून का डर सबसे जरूरी है लेकिन सरकार अपराधियों को कानून का डर नहीं दे पाई। ऐसे में अपराधी खुलेआम अपराध करता है जो सरकार के उपर थप्पड़ मारने वाली बात है। अपराधियों द्वारा सरेआम गोलियां चलाना यह दर्शाता है कि सरकार और पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। सीबीआई को एक नहीं चाहे 50 केस दे दो वो सरकार का ही फेलियर है। हम असल में अपराध रोकने में तब कामयाब होंगे जब प्रदेश में कोई अपराध हो और लोग कहें कि हमें इसके लिए सीबीआई की जरूरत नहीं है हमारा विश्वास हमारी प्रदेश की पुलिस पर है। नहीं तो हम कानून व्यवस्था में पूरी तरह से फेल हैं।