पंडोह डैम से फ्लशिंग कार्य शुरू, लोगों से सावधानी बरतने की अपील

मंडी, 26 अगस्त। पंडोह डैम में आज से फ्लशिंग कार्य शुरू हो गया है, जो 27 अगस्त तक जारी रहेगा। इस दौरान डैम से भारी मात्रा में जमा गाद और अतिरिक्त पानी व्यास नदी में छोड़ा जा रहा है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने लोगों से अपील की है कि वे इन दो दिनों के दौरान नदी किनारे जाने से बचें और पूरी तरह सतर्क रहें।

बीबीएमबी पंडोह के अनुसार, व्यास नदी में भारी जलप्रवाह और जलाशय में गाद एवं कचरे की अधिकता को देखते हुए यह कार्य अनिवार्य हो गया है। फ्लशिंग प्रक्रिया के दौरान पंडोह बग्गी सुरंग को बंद कर दिया गया है, जिससे जलाशय में आने वाला पूरा पानी सीधे व्यास नदी में प्रवाहित हो रहा है। साथ ही जलाशय में जमा गाद भी नदी में छोड़ी जा रही है।

उपायुक्त ने कहा कि फ्लशिंग के समय पानी का स्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे नदी किनारे रहने वाले लोगों और पशुओं के लिए खतरा उत्पन्न होने की आशंका रहती है। उन्होंने जनता से अपील की है कि सतर्कता बरतें और नदी किनारे जाने से परहेज करें। उन्होंने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय पुलिस को भी अलर्ट रहने और लोगों को समय-समय पर जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।

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अब 27 अगस्त से होगा फ्लशिंग कार्य - उपायुक्त

*मंडी, 26 अगस्त।* उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आज यहां बताया कि पंडोह डैम में आज 26 अगस्त से शुरू होने वाले फ्लशिंग कार्य को एक दिन के लिए आगे कर दिया गया है। अब यह कार्य 27 अगस्त से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नदी के जल स्तर को नियंत्रित रखने के दृष्टिगत जिला प्रशासन की ओर से बांध प्रबंधन से इस बारे में आग्रह किया गया था।

उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान ब्यास नदी के किनारे जाने से बचें और पूरी तरह सतर्क रहें।

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नगर निगम मंडी और आईटीआई मंडी के बीच ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर

मंडी, 26 अगस्त। नगर निगम मंडी और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) मंडी के बीच आज एक ऐतिहासिक एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए। इस पहल को नगर की बुनियादी सुविधाओं के रखरखाव और छात्रों को वास्तविक अनुभव प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

समझौते के तहत नगर निगम और आईटीआई मिलकर दो अहम क्षेत्रों पर कार्य करेंगे। इसमें पहला कार्य लोहे के जालों का निर्माण, स्थापना और टूटे हुए जालों की मरम्मत से जुड़ा है। आईटीआई के विद्यार्थी नगर निगम के सहयोग से यह कार्य करेंगे, जिससे कचरा फैलाव पर अंकुश लगेगा, सुरक्षा बढ़ेगी और शहर की सुंदरता में सुधार होगा। दूसरा कार्य नगर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था से संबंधित है। नगर निगम इंजीनियरों के मार्गदर्शन में आईटीआई के प्रशिक्षु खराब स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत व पुनर्स्थापना करेंगे, जिससे प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त होगी और नागरिकों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित होगी।

नगर निगम अधिकारियों ने इसे विन–विन साझेदारी बताते हुए कहा कि इस कदम से लंबे समय से लंबित समस्याओं का समाधान होगा और शहरवासियों को सीधा लाभ मिलेगा। वहीं आईटीआई मंडी के प्राचार्य ने कहा कि यह एमओयू विद्यार्थियों को कक्षा से बाहर सीखने और वास्तविक अनुभव प्राप्त करने का अवसर देगा, जिससे उनका आत्मविश्वास और रोजगार क्षमता और भी मजबूत होगी।

यह समझौता न केवल मंडी नगर को सुविधाओं की दृष्टि से लाभान्वित करेगा बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बनेगा कि कैसे शिक्षा संस्थान और शहरी निकाय मिलकर युवाशक्ति को नगर विकास में जोड़ सकते हैं।

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क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में मैमोग्राफी जांच अब 500 रुपये में उपलब्ध

मंडी, 26 अगस्त। क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में मरीजों के लिए मैमोग्राफी जांच की सुविधा शुरू कर दी गई है। यह जांच अब मात्र 500 रुपये में उपलब्ध होगी। शुल्क निर्धारण का यह निर्णय रोगी कल्याण समिति की स्वीकृति से लिया गया है। इसके अतिरिक्त बीईआरए टेस्ट 320 रुपये, पीटीए टेस्ट 50 रुपये तथा स्पीच थैरेपी 50 रुपये में करवाई जा सकती है।

वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्रीय अस्पताल मंडी डॉ. दिनेश ठाकुर ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल में मैमोग्राफी जांच की सुविधा शुरू होने से मरीजों को स्तन कैंसर जैसी बीमारियों की समय पर पहचान और उपचार में मदद मिलेगी। अब यह जांच स्थानीय स्तर पर ही सुलभ दरों पर उपलब्ध होगी, जिससे मरीजों को बाहर के अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

उन्होंने बताया कि मैमोग्राफी जांच महिलाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि इसके माध्यम से शुरुआती अवस्था में स्तन कैंसर रोग की पहचान कर जीवन बचाया जा सकता है। क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में यह सुविधा कम शुल्क पर मिलने से जिले की महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी।

उन्होंने बताया कि बैरा (BERA) टेस्ट, पीटीए टेस्ट तथा स्पीच थेरेपी सेवाओं से सुनने और बोलने संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को भी विशेष लाभ मिलेगा। बैरा (BERA) टेस्ट के माध्यम से छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं की सुनने की क्षमता का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जा सकता है, जिससे जन्म से ही श्रवण दोष की पहचान संभव हो पाती है।

पीटीए टेस्ट सामान्य सुनने की क्षमता का आकलन करने में सहायक है और यह विभिन्न स्तर की सुनने की दिक्कतों को चिन्हित करता है। वहीं, स्पीच थैरेपी उन मरीजों के लिए उपयोगी है जिन्हें बोलने में कठिनाई, हकलाहट या सुनने की कमजोरी के कारण भाषा संबंधी समस्या होती है।