धर्मशाला, 16 जून। एडीएम शिल्पी बेक्टा ने कहा कि टीबी मुक्त अभियान में आम जनमानस की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने काम के कारण अपने कार्यक्षेत्र में प्रभावी भूमिका रखते हैं और क्षेत्र के लोग उनके किए गए कार्यों और विचारों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। इसलिए अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में टीबी को लेकर असुरक्षित लोगों की पहचान कर उन्हें जांच के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि टीबी के खिलाफ जंग में हम जीत के बहुत करीब हैं इसलिए इन अंतिम क्षणों में अपनी सक्रियता को बढ़ाकर अधिक जोर लगाने की आवश्यकता है। सोमवार को क्षेत्रीय अस्पताल के सभागार में जिला क्षय रोग निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीएम शिल्पी बेक्टा ने कहा कि संक्रमित पाए जाने पर यदि इलाज सही समय में शुरु हो जाता है तो वे लोग स्वस्थ हो सकते हैं, लेकिन यदि पूर्वाग्रहों और संकोच के चलते कोई संभावित व्यक्ति जांच नहीं करवाता तो वे अपने साथ अन्य लोगों की जान भी खतरे में डाल रहा है।
जिला क्षेय रोग अधिकारी डा राजेश सूद ने कहा कि धर्मशाला, 16 जून - इस अभियान में जनभागीदारी महत्वपूर्ण एजेंडा है। जिसमें स्थानीय नेताओं, पंचायत प्रतिनिधियों, विद्यालयों, गैर-सरकारी संगठनों, फ्रंटलाइन वर्करों सहित हर व्यक्ति की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जा रही है ताकि अधिक लोगों तक जांच व इलाज पहुंच सके। मुख्य रूप से अधिक जोखिम वाली जनसंख्या कृ जैसे बुजुर्ग, मधुमेही, कुपोषित व्यक्ति, धूम्रपान करने वाले या एचआईवी ग्रस्त व्यक्ति कृ पर विशेष जोर दिया जा रहा है। स्क्रीनिंग पर सामान्य पाए गए लोगों को निःशुल्क निवारक उपचार दिया जाएगा, ताकि उनके सक्रिय तपेदिक होने का जोखिम घट सके। इससे पहले कांगड़ा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सूद ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि अब सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर 15 दिनों पर तपेदिक रोगियों का घर पर दौरा करेंगे, ताकि उनके इलाज, औषधियों पर होने वाली प्रतिक्रिया के साथ हर पहलू पर नजर रखी जाएगी। इससे रोगियों की देखभाल की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी।
डॉ. सूद ने जोर दिया किया जल्दी पहचान, त्वरित इलाज, और निवारक उपचार ही टीवी रोग को फैलने से रोक सकता है । उन्होंने जनसाधारण से आग्रह करते हुए कहा कि नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चेस्ट एक्स-रे या साई-टीबी जांच कराकर इसका लाभ उठाएँ। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों से निक्षय शपथ लेने का आह्वान किया, ताकि वे राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के लिए समर्पित होकर कार्य करें। चिकित्सा अधीक्षक डा अनुराधा ने जानकारी देते हुए कहा कि टीबी मुक्त अभियान के तहत जिला कांगड़ा में जोखिम पूर्ण जनसंख्या में लगभग 2.6 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई और 82,200 चेस्ट एक्स-रे किए गए हैं।
टीबी उन्मूलन में बेहतर कार्य करने वाले सम्मानित
इस कार्यक्रम के तहत शाहपुर ब्लॉक की अंतिमा गुलेरिया और नगरोटा सूरियां ब्लॉक के सुनील कौंडल को उनके उत्कृष्ट समर्पण और जनजागृति फैलाने में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इसके साथ ही बीएमओ शाहपुर, बीएमओ नगरोटा बगवा, सेंट्रल यूनिवर्सिटी से प्रतिनिधि, सीएचओ ज्योति , सीएचओ शीतल , आएबीएसके टीम, टीबी कार्यक्रम से पिंकी बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया । एडीएम, शिल्पी बेकटा ने स्पूटम कलेक्शन पोस्टर भी लॉन्च किया। इस दौरान डब्ल्यूएचओ से डॉ निशांत, जिला कांगड़ा के एम एस , बीएमओ, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधी , एनजीओ प्रतिनिधि, क्षय रोग कार्यक्रम स्टाफ भी उपस्थित रहे ।