सोलन-दिनांक 24.05.2025
समय पर लक्ष्य पूर्ण करने के लिए सांख्यिकीय प्रणालियों को सुदृढ़ करना आवश्यक - डॉ. अभिषेक जैन
स्पोर्ट फॉर स्टेटिस्टिकल स्ट्रेंथनिंग विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
सचिव लोक निर्माण, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, हिमाचल प्रदेश डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों को गति प्रदान करने एवं निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूर्ण करने के लिए सांख्यिकीय प्रणालियों को और अधिक मज़बूत करना आवश्यक है।
डॉ. अभिषेक जैन आज सोलन ज़िला के क्यारीघाट में हिमाचल प्रदेश आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग तथा भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में सांख्यिकी सुदृढ़ीकरण के लिए सहायता योजना (स्पोर्ट फॉर स्टेटिस्टिकल स्ट्रेंथनिंग) एस.एस.एस. पर एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य सांख्यिकीय प्रणालियों की क्षमता बढ़ाना है ताकि विश्वसनीय और सटीक सांख्यिकीय डाटा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश को सांख्यिकीय गतिविधियों जैसे डाटा संग्रह, प्रोसेसिंग और विश्लेषण के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि सांख्यिकी सुदृढ़ीकरण के लिए सहायता योजना से डाटा संग्रह करने में सुगमता होगी और प्रोसेसिंग के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करने में मदद मिलेगी। इससे योजनाओं और विकास कार्यों की अनुश्रवण के लिए उपयुक्त डाटा प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के अनुश्रवण से समयबद्धता सुनिश्चित होती है और निर्धारित समय पर पूर्ण योजनाएं धन की बचत कर आर्थिक सुदृढ़ीकरण का माध्यम बनती हैं।
उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला डाटा को और बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। डाटा संचालित करने में भी यह कार्यशाला लाभकारी रहेगी। उन्होंने कहा कि स्टिक डाटा शासन प्रणाली और प्रमाण आधारित विकास, योजना को सफल बनाने का आधार है।
उन्होंने कहा कि सांख्यिकी की आज के युग में मांग है क्योंकि सांख्यिकी डाटा एकत्रीकरण के माध्यम से योजनाओं एवं कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी एवं लक्षित बनाने में सहायक सिद्ध होती है। उन्होंने कहा कि डाटा सही, एक्यूरेट, रिवाइवल व स्टिक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी विभाग के पास सभी विभागों का डाटा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डाटा को किसी भी रूप में एकत्रित कर लोगों तक पहुंचाना आवश्यक है ताकि लोग सूचनाओं, योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सम्बन्ध में अपडेट रहें।
आर्थिक सलाहकार डॉ. विनोद राणा ने कहा कि सांख्यिकी प्रणाली सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक है और यह प्रमाणिक डाटा प्रदान करती है। सांख्यिकी पारदर्शी और उत्तरदायी शासन को सुदृढ़ भी बनाती है। उन्होंने कहा कि डाटा की प्रमाणिकता और यथार्थता की अनिवार्यता भी आवश्यक है। उन्होंने सभी डाटा-सृजन विभागों से आग्रह किया कि वह ऐसा डाटा तैयार करें जो सत्यापन योग्य हो तथा सकल घरेलू उत्पाद के अनुमानों और उपयोगिता की आवश्यकताओं के अनुरूप हो।
डॉ. राणा ने कहा कि डाटा की अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से ही हम मज़बूत आर्थिक शासन और सतत विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।
इस अवसर पर प्रो. एन.एस. बिष्ट ने प्राथमिक डाटा संग्रहण करने के दौरान आने वाली चुनौतियों, विश्वसनीयता और उसकी गुणवत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कृषि, पशुपालन, बागवानी, वन विभाग, श्रम ब्यूरो सहित अन्य विभागों द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विषय पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की गई।
कार्यशाला में चम्बा, सोलन और कुल्लू ज़िलों के समूह 01 ने प्राथमिक डाटा संग्रहण के लिए प्रभावी रणनीति और क्षेत्रीय अनुभवों पर जानकारी दी। बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना ज़िलों के समूह 02 ने डाटा संकलन एवं सारणीकरण विषय पर तकनीक एवं चुनौतियां विषय पर जानकारी दी। शिमला, सिरमौर और मण्डी ज़िलों के समूह 03 ने डाटा विषय के प्रस्तुतिकरण एवं सूचना पहुंचाने के सम्बन्ध में जानकारी साझा की।
इस अवसर पर श्रम ब्यूरो, जनगणना, राज्य आय अनुभाग में डाटा विशलेषण विषय, हिमाचल प्रदेश ज़िला सुशासन सूची इत्यादि विषयों में सारगर्भित प्रस्तुतिकरण दिया गया।
कार्यशाला में सांख्यिकी विषय पर प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन भी किया गया।
प्रदेश के विभिन्न ज़िला से आए लगभग 50 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में भाग लिया।
इस अवसर पर केंद्र सरकार के जनगणना विभाग के उपनिदेशक आशीष चौहान, श्रम ब्यूरो चंडीगढ़ की उप निदेशक चित्रा अहलावत, राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन शिमला के उप निदेशक अजय कुमार, राज्य ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुरेंद्र मोहन, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के संयुक्त निदेशक अनुपम कुमार शर्मा, वनमण्डलाधिकारी सोलन एच. के. गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों के अनुसंधान अधिकारी उपस्थित थे।
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SOLAN,दिनांक 24.05.2025
ज़िला में 16 जून तक रक्तचाप अभियान आयोजित किया जा रहा
सोलन ज़िला में 16 जून, 2025 तक उच्च रक्तचाप अभियान आयोजित किया जा रहा है। यह जानकारी आज यहां इस सम्बन्ध में आयोजित वर्चुअल बैठक के माध्यम से मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. अजय पाठक ने दी।
डॉ. पाठक ने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी स्तरों पर सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देश का पूर्ण पालन सुनिश्चित बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 31 मई, 2025 को ज़िला के सभी स्कूलों में रक्तचाप अभियान के तहत छात्रों को रक्तचाप के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी दिन बच्चों को तम्बाकू निषेध एवं तम्बाकू के कारण होने वाली बीमारियों के सम्बन्ध में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।
डॉ. अजय पाठक ने सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभियान के दौरान खण्ड स्तर पर स्कूलों के साथ समन्वय स्थापित कर गतिविधियों को सफलतापूर्वक आयोजित करना सुनिश्चित करें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि यदि उच्च रक्तचाप का समय पर उपचार न हो तो रोगी को ह्दय व किडनी की बीमारियां होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक सब्जियों का सेवन करें, नमक का न्यूनतम प्रयोग करें तथा नियमित व्यायाम करें। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रत्येक छः माह के पश्चात अपने रक्तचाप की जांच अवश्य करवाएं।
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सोलन-दिनांक 24.05.2025
प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता गुणवत्तायुक्त दवा उत्पादन
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य सहित देश में उचित गुणवत्ता की दवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन एवं राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। यह जानकारी राज्य दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने दी।
डॉ. कपूर ने कहा कि प्रदेश में निर्मित की जा रही दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने के लिए न केवल औषधि निर्माताओं को समय-समय पर जागरूक किया जाता है अपितु मानक नियंत्रण के लिए नियमित अंतराल पर औचक निरीक्षण एवं सैम्पलिंग भी की जाती है। दवा नियंत्रण प्रशासन द्वारा प्रदेश में औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम की अनुपालना सुनिश्चित बनाई जा रही है ताकि गुणवत्तायुक्त दवा उत्पादन में कोई कमी न रहे। यह भी सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि दवा निर्माताओं के साथ-साथ थोक और परचून दवा विक्रेताओं का समय-समय पर औचक निरीक्षण हो।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एशिया में दवा उत्पादन का हब है और प्रदेश सरकार दवा उत्पादन के क्षेत्र में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता बनाएं रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कण्डाघाट स्थित कम्पोज़िट टैस्टिंग लैब के साथ-साथ अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित एक अन्य प्रयोगशाला भी क्रियाशील है। उन्होंने कहा कि नियमित परीक्षण का उद्देश्य मानक से कम गुणवत्ता वाली दवाओं की पहचान करना है।
डॉ. मनीष कपूर ने कहा कि केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सहयोग से लोगों को कम गुणवत्ता के दवाओं के विषय में जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में उत्पादित की जा रही दवाओं की गुणवत्ता के विषय में आधारहीन जानकारी लोगों तक पहुंचने से न केवल प्रदेश की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है अपितु लोगों तक यह भ्रामक सूचना भी पहुंचती है कि हिमाचल में दवाओं के उत्पाद में गुणवत्ता की कमी है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह नहीं है। प्रदेश से बाहर उत्पादित की जा रही स्तरहीन मानक की दवाओं के मामले सामने आए हैं। गत एक वर्ष में ऐसे 20 मामले उजागर हुए हैं। उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और पंजाब में पकड़ी गई ऐसी दवाओं से यह सामने आया है कि आरोपियों ने इन राज्यों में दवा का उत्पादन कर उन पर हिमाचल प्रदेश के दवा उद्योग का झूठा लेबल लगाया जबकि हिमाचल प्रदेश में इस तरह के नाम की कोई दवा निर्माता कम्पनी पाई ही नहीं गई। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों से प्रदेश की छवि को नुकसान पहुंचाने के षडयंत्र से इनकार नहीं किया जा सकता।
वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य दवा नियंत्रण प्रशासन एवं केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से 90 निरीक्षण कर ऐसे 45 दवा निर्माताओं के विरुद्ध कार्रवाई की गई जो नियमों एवं लाइसेंस की शर्तों की अनुपालना नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संयुक्त निरीक्षण के साथ-साथ राज्य दवा नियंत्रण प्रशासन ने 23 ऐसी दवा निर्माता इकाइयों के विरुद्ध कार्रवाई की जो नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
डॉ. कपूर ने कहा कि प्रदेश सरकार नियमित रूप से दवा उत्पादन में बेहतरी के लिए कार्यरत है।
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सोलन-दिनांक 24.05.2025
100 पदों के लिए कैंपस इंटरव्यू 28 मई को
मैसर्ज़ ऑरो टेक्सटाइल्स बद्दी में अप्रेंटिस मशीन ऑपरेटर के 100 पदों पर भर्ती के लिए 28 मई, 2025 को कैंपस इंटरव्यू का आयोजन किया जाएगा। यह कैंपस इंटरव्यू उप रोज़गार कार्यालय कसौली में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी ज़िला रोज़गार अधिकारी सोलन जगदीश कुमार ने दी।
जगदीश कुमार ने कहा कि उक्त पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं, 12वीं तथा आयु 18 से 26 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इन पदों की विस्तृत जानकारी आवेदक विभागीय पोर्टल ई.ई.एम.आई.एस. में प्राप्त कर सकते हैं। सभी योग्य एवं इच्छुक आवेदक विभागीय पोर्टल ई.ई.एम.आई.एस. पर कैंडिडेट लॉगइन टैब के माध्यम से पंजीकृत करने के उपरांत अपने रजिस्ट्रेशन प्रोफाइल पर अधिसूचित रिक्तियों के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आवेदन करने से पूर्व प्रत्येक आवेदक का नाम रोज़गार कार्यालय में पंजीकृत होना अनिवार्य है।
ज़िला रोज़गार अधिकारी ने कहा कि इच्छुक उम्मीदवार अपनी योग्यता सम्बन्धी सभी अनिवार्य प्रमाण पत्र व दस्तावेज़ों सहित उप रोज़गार कार्यालय कसौली में 28 मई, 2025 को प्रातः 10.30 बजे पहुंचकर कैंपस इंटरव्यू में भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कैंपस इंटरव्यू में भाग लेने के लिए कोई भी यात्रा-भत्ता देय नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि उम्मीदवार अधिक जानकारी के लिए कार्यालय के दूरभाष नम्बर 01792-227242 तथा मोबाईल नम्बर 70180-23273 पर सम्पर्क कर सकते हैं।