महिला कर्मचारियों के लिए राहत: डीसी ने मिनी सचिवालय धर्मशाला में किया क्रेच एवं स्तनपान केंद्र का शुभारंभ

बोले.... महिला कर्मचारियों के शिशुओं को मिलेगी देखभाल की बेहतर सुविधा

विश्व स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ, डीसी ने दिखाई हरी झंडी


धर्मशाला, 1 अगस्त। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने आज मिनी सचिवालय परिसर धर्मशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्थापित क्रेच एवं स्तनपान केंद्र का शुभारंभ किया। इस केंद्र का उद्देश्य कार्यालय परिसर में कार्यरत
और कार्यालय में कार्य करवाने आने वाली महिलाओं को अपने 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल, पोषण एवं स्तनपान की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाना है। यह केंद्र प्रातः 9:30 बजे से सायं 5 बजे तक खुला रहेगा।
इस अवसर पर उपायुक्त ने विश्व स्तनपान सप्ताह (1 अगस्त से 7 अगस्त) के अंतर्गत आयोजित जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया और कहा कि स्तनपान शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
डीसी हेमराज बैरवा ने कहा कि यह केंद्र विशेष रूप से उपायुक्त कार्यालय व मिनी सचिवालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि सरकार की योजनाओं का लाभ हर पात्र महिला और बच्चे तक पहुंचे। वर्तमान में जिला में मिशन तृप्ति और मिशन भरपूर जैसे कार्यक्रम प्रभावी रूप से संचालित किए जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम में सहायक आयुक्त जगदीप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा, सीडीपीओ रमेश सहित अनेक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहीं।

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टीबी मुक्त अभियान पर बहु-क्षेत्रीय समीक्षा बैठक कांगड़ा में आयोजित

धर्मशाला 01 अगस्त, 2025-जिला कांगड़ा में आज टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत एक बहु-क्षेत्रीय समीक्षा बैठक का आयोजन उपायुक्त हेमराज बैरवा की अध्यक्षता में किया गया। बैठक का उद्देश्य जिले में टीबी उन्मूलन प्रयासों की प्रगति की समीक्षा करना तथा उनके प्रभावी क्रियान्वयन को और अधिक सशक्त बनाना था।

बैठक की शुरुआत में डॉ. राजेश सूद, चिकित्सा अधिकारी स्वास्थ्य कांगड़ा ने सभी प्रतिभागियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने जिला एवं राज्य स्तर पर टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत किए जा रहे प्रयासों, महामारी की स्थिति और अब तक की उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाई-रिस्क आबादी की पहचान, एक्स-रे और सीबी-नैट टेस्टिंग के माध्यम से टीबी स्क्रीनिंग बढ़ाने तथा शीघ्र निदान व उपचार सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

डॉ. सूद ने डिफरेंशिएटेड टीबी केयर मॉडल के क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह मॉडल मरीज की गंभीरता और जोखिम के आधार पर विशेष देखभाल प्रदान करता है, जिससे टीबी से होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। वर्तमान में जिले के 89% टीबी मरीज इस मॉडल के अंतर्गत कवर किए जा चुके हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि टीबी पहुँच कार्यक्रम के अंतर्गत नगर निगम धर्मशाला क्षेत्र की सभी वार्डों में “निक्षय शिविरों” का आयोजन किया जाएगा, जिनकी तिथियाँ निर्धारित कर दी गई हैं। इन शिविरों के माध्यम से आमजन को मुफ्त जांच व शीघ्र उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने संवेदनशील आबादी की सार्वभौमिक स्क्रीनिंग, निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी मरीजों को पोषण और मानसिक सहयोग प्रदान करने तथा टीबी रोकथाम उपचार (TPT) के व्यापक क्रियान्वयन पर बल दिया।
उन्होंने जानकारी दी कि जिले की 3.4 लाख आबादी में से 1.1 लाख लोगों की पहले ही अत्याधुनिक एआई-सक्षम पोर्टेबल एक्स-रे मशीनों से स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
"निक्षय पोषण योजना" के अंतर्गत अब तक 715 सहमति प्राप्त टीबी मरीजों में से 644 को पोषण किट वितरित की जा चुकी हैं, जो 90% कवरेज को दर्शाता है। जिला प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2025 में लगभग 1300 नए टीबी मरीज सामने आ सकते हैं, जिसके लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता होगी।

इस दिशा में उपायुक्त ने निर्देश दिए कि उद्योग विभाग स्वास्थ्य विभाग को 6 एक्स-रे साइट्स स्थापित करने में सहयोग करेगा। मंदिर ट्रस्ट से 5 नॉट मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी तथा 02 हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनें जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी।

उपायुक्त ने टीबी से होने वाली मौतों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में जिले में 211 टीबी मरीजों की मृत्यु हुई, जिससे मृत्यु दर 7.6% रही जो अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक मृत्यु की गहन समीक्षा की जाए, ताकि उपचार, निदान या सहयोग प्रणाली में किसी भी प्रकार की कमी का सही समय पर पता लगाकर आवश्यक सुधार किए जा सकें।
बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।

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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस हेतु समन्वय बैठक का आयोजन
21 अगस्त को चलेगा जिला स्तरीय अभियान


धर्मशाला, 1 अगस्त 2025-राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (NDD) एवं विटामिन ए अनुपूरक कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर आज उपायुक्त हेमराज बैरवा की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 21 अगस्त 2025 को जिला भर में आयोजित किया जाएगा, जबकि छूटे हुए बच्चों को 28 अगस्त को मॉप-अप राउंड के अंतर्गत दवा दी जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि यह कार्यक्रम बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय बनाते हुए समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक यह सेवा पहुंच सके।
इस अभियान के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ.सुमित शर्मा ने बताया कि 1से 2 वर्ष के बच्चों के लिए 2 मि.ली. विटामिन ए सिरप + ½ एल्बेंडाजोल टैबलेट(तोड़कर), 2 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए 2 मि.ली. विटामिन ए सिरप एवं 1 एल्बेंडाजोल टैबलेट (तोड़कर) तथा 5 से 19 वर्ष के बच्चों के लिए एक एल्बेंडाजोल टैबलेट (चबाकर या पानी से निगलने हेतु) दी जाएगी ।
डॉ.सुमित ने बताया कि विटामिन ए की कमी से रतौंधी, आंखों में सूखापन व संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त
कृमि संक्रमण से बच्चों में एनीमिया, थकान और सीखने में कठिनाई जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को 21 अगस्त को नजदीकी स्कूल या आंगनवाड़ी केंद्र भेजें, ताकि वे यह आवश्यक दवा प्राप्त कर सकें। 28 अगस्त को छूटे हुए बच्चों को यह दवा पुनः दी जाएगी।

उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कृमि मुक्ति और विटामिन ए अनुपूरक कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जिला कांगड़ा का कोई भी बच्चा पोषण या संक्रमण की कमी के कारण पिछड़े नहीं। यह अभियान बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव है।

बैठक के अंत में उपायुक्त ने सभी विभागों को अभियान की तैयारी हेतु विशेष जागरूकता, निगरानी एवं रिपोर्टिंग व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए।
बैठक में स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।