ऊना, 25 अक्टूबर। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऊना जतिन लाल के निर्देशानुसार शनिवार को डीआरडीए ऊना के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस एवं समर्थ 2025 आपदा प्रबंधन जन-जागरूकता अभियान के अंतर्गत आयोजित की गई। कार्यशाला में सिविल अभियांत्रिकी विभाग, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर से विषय विशेषज्ञ डॉ हेमंत कुमार विनायक विशेष रूप से मौजूद रहे।
इस दौरान प्रशिक्षण समन्वयक एवं क्षमता निर्माण प्रभारी ऊना राजन शर्मा ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य भूकंप के खतरे वाले जोन-4 और जोन-5 में स्थित क्षेत्र के मद्देनजर सुरक्षित भवन निर्माण तकनीकों को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के तकनीकी अधिकारियों, अभियंताओं और कर्मचारियों को भूकंपरोधी भवन निर्माण संबंधी आधुनिक तकनीकों, भवन कोड, और संरचनात्मक सुरक्षा मानकों की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि सुरक्षित निर्माण न केवल मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि यह समाज के लिए दीर्घकालिक एवं टिकाऊ विकास की नींव रखता है। उन्होंने भवन निर्माण में राष्ट्रीय भवन संहिता और अन्य प्रारंभिक सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि इस प्रकार की कार्यशालाएं भविष्य में भी आयोजित की जाती रहेंगी ताकि जिले में सुरक्षित एवं सुदृढ़ निर्माण संस्कृति को बढ़ावा मिले।
सिविल अभियांत्रिकी विभाग, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर से विषय विशेषज्ञ डॉ. हेमंत कुमार विनायक ने प्रतिभागियों को भूकंपरोधी निर्माण में प्रयुक्त होने वाली नवीन तकनीकों, गुणवत्ता मानकों, और निर्माण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. विनायक ने दृश्य सामग्री और प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रतिभागियों को अत्यंत सरल तरीके से सुरक्षित निर्माण अभ्यास की उपयोगी जानकारी प्रदान की।
इस मौके पर जिला नोडल अधिकारी (इंस्पायर) पुष्पा रानी, नगर निगम, शिक्षा विभाग, जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, आपदा मित्रों सहित विभिन्न विभागों के सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, तकनीकी सहायक, तथा योजनाकार उपस्थित रहे।
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