पल्स पोलियो अभियान के सफल आयोजन को लेकर जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक आयोजित- 21 दिसंबर को चलेगा अभियान
पांच वर्ष तक के बच्चों को पिलाई जाएगी दो बूंद जिंदगी की - मुकेश
चम्बा, 17 दिसंबर उपायुक्त मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में आज स्वास्थ्य विभाग चम्बा द्वारा 21 दिसंबर को आयोजित होने वाले पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के उद्देश्य से जिला टास्क फोर्स फाॅर इम्यूनाइजेशन कमेटी की बैठक आयोजित की गई।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभियान के दौरान कोई भी बच्चा पोलियो खुराक से वंचित न रहे और सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें।
उन्होेंने कहा कि हालांकि देश और प्रदेश में पोलियो अब नियंत्रण में है लेकिन इस सुरक्षा कवच को बनाये रखा जाये। इसके साथ ही उन्होंने जन-जागरूकता बढ़ाने हेतु आईईसी गतिविधियों, अंतर-विभागीय समन्वय तथा लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित बनाने पर विशेष बल दिया।
उपायुक्त ने जिले में 21 दिसंबर को होने वाले पल्स पोलियो अभियान के अधिक से अधिक प्रचार के लिए शैक्षणिक संस्थाओं, पंचायत प्रतिनिधियों, आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं द्वारा आवश्यक कार्रवाई के भी निर्देश दिए।
उन्होंने जिले के सभी महत्वपूर्ण ट्रांसिट पॉइंट्स तुनुहट्टी, लाहड़ू व समोट इत्यादि स्थानों में विशेष रूप से बाहरी क्षेत्रों से आने वाले 5 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. जालम भारद्वाज ने सभी संबंधित विभागों से इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूर्ण सहयोग और सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान बच्चों को पोलियो जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षित रखने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने 21 दिसंबर को आयोजित होने वाले पल्स पोलियो अभियान से संबंधित कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि जिले में 542 बूथ स्थापित किए जाएंगे।
बैठक के दौरान बूथ स्तर की व्यवस्थाओं, मोबाइल टीमों की तैनाती, पर्यवेक्षण, लाॅजिस्टिक प्रबंधन तथा दूरस्थ एवं कठिन पहुंच वाले क्षेत्रों तक पहुंच सुनिश्चित करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अभियान की नियमित समीक्षा की जाएगी, ताकि 21 दिसंबर, 2025 को जिला चम्बा में पल्स पोलियो अभियान को पूर्णतः सफल बनाया जा सके।
इस दौरान उपनिदेशक स्कूल शिक्षा उच्च विकास महाजन, जिला आयुष अधिकारी डॉ. प्रदीप शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वास्थ्य डॉ. कर्ण हितैषी, डॉ कविता महाजन, डॉ वैभवी, जिला पंचायत अधिकारी तिलक राज, ओएसडी शिक्षा उमाकांत आनंद सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करें सभी कारीगर: उपायुक्त मुकेश रेपसवाल
चंबा, 17 दिसंबर-उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों एवं शिल्पकारों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योजना है योजना से जुड़े कारीगरों और शिल्पकारों को इसका भरपूर लाभ उठाना चाहिए उपायुक्त आज सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों के लिए उद्यमिता एवं विपणन सहायता पर आयोजित एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला में बोल रहे थे।
उपायुक्त ने योजना जुड़े सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं का वास्तविक लाभ तभी संभव है, जब पात्र व्यक्ति उनमें सक्रिय रूप से भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने एमएसएमई के विभागीय अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि सोलन में कार्यालय होने के बावजूद विभाग द्वारा प्रदेश के दूरस्थ जिलों तक पहुंच बनाकर इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य परंपरागत कला एवं हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों को उनकी पुश्तैनी कला के माध्यम से सतत आजीविका प्रदान करना है। आधुनिक समय में मशीनों के बढ़ते उपयोग के कारण पारंपरिक हस्तकला प्रभावित हुई है, ऐसे में यह योजना इन कलाओं के संरक्षण के साथ-साथ उन्हें आधुनिक बाजार से जोड़ने का कार्य कर रही है।
उपायुक्त ने कहा कि चम्बा की पहचान यहां की समृद्ध शिल्प परंपरा है चाहे वह लकड़ी, पत्थर, धातु शिल्प, चम्बा रूमाल, चप्पल या अन्य हस्तशिल्प हों। इन पारंपरिक कलाओं को संरक्षित करते हुए उन्हें आजीविका का स्थायी साधन बनाना प्रशासन की प्राथमिकता है।
उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान में जिला चंबा से लगभग 1450 कारीगर इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत हुए हैं, जबकि जिले में इससे कहीं अधिक संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने आगामी चरणों में अधिक से अधिक पात्र कारीगरों को योजना से जोड़ने को कहा।
उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को एक लाख तक का बिना गारंटी ऋण मात्र 5 प्रतिशत ब्याज की दर पर उपलब्ध करवाया जा रहा है जिससे वे आधुनिक उपकरण खरीदकर अपने कार्य को छोटे उद्यम के रूप में विकसित कर सकते हैं। उन्होंने कारीगरों से आह्वान किया कि वे व्यक्तिगत कार्य से आगे बढ़कर समूह आधारित लघु उद्योग स्थापित करें जिससे अन्य लोगों को भी रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकें।
उपायुक्त ने राज्य सरकार की अन्य स्वरोजगार योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि विभिन्न योजनाओं के समन्वय से लाभार्थी एक सशक्त और स्थायी आय मॉडल विकसित कर सकते हैं। उन्होंने योजना से जुड़े सभी कारीगरों को आश्वस्त किया कि बैंकिंग एवं दस्तावेजीकरण से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन और संबंधित विभाग पूरा सहयोग करेंगे।
उन्होंने लाभार्थीयों से कहा कि इस योजना को केवल प्रशिक्षण तक सीमित न रखें, बल्कि इसे आत्मनिर्भरता, रोजगार सृजन और पारंपरिक कलाओं के पुनर्जीवन का माध्यम बनाएं।
कार्यक्रम में अध्यक्ष नगर परिषद नीलम नैय्यर, प्रबंधक अग्रणी बैंक डीसी चौहान, महाप्रबंधक उद्योग गुलाब सिंह व सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।