CHANDIGARH, 16.12.25-आज यू.टी. चंडीगढ़ के उपायुक्त-सह-आबकारी आयुक्त, श्री निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में आबकारी क्षेत्र से जुड़े सभी हितधारकों के साथ एक व्यापक बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य व्यापार से संबंधित समस्याओं पर विचार-विमर्श करना तथा वर्ष 2026–27 की आबकारी नीति के निर्माण के लिए हितधारकों से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करना था। बैठक में आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान आबकारी व्यापार से जुड़े हितधारकों एवं विक्रेताओं ने प्रक्रियात्मक एवं परिचालन संबंधी चुनौतियों, विशेष रूप से उत्पाद लेबलों की स्वीकृति तथा नए लाइसेंसों के आवेदनों के निपटान में हो रही देरी के संबंध में अपनी चिंताएं साझा कीं। उन्होंने बताया कि ऐसी देरी से व्यापारिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा प्रक्रियाओं के सरलीकरण एवं लंबित मामलों के समयबद्ध निपटान का अनुरोध किया।
हितधारकों ने कम अल्कोहल सामग्री वाले पेय पदार्थों, विशेषकर बीयर, को प्रोत्साहित करने हेतु रचनात्मक सुझाव भी प्रस्तुत किए, जिससे जिम्मेदार उपभोग को बढ़ावा मिले और वैध व्यापार में वृद्धि हो सके। यह सुझाव दिया गया कि चंडीगढ़ प्रशासन हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश राज्यों में लागू की गई व्यवस्थाओं के अनुरूप बीयर की बिक्री हेतु कम लागत वाले लाइसेंस उपलब्ध कराने पर विचार कर सकता है, ताकि इसकी उपलब्धता एवं बिक्री बढ़ाई जा सके।
एक अन्य सुझाव में हितधारकों ने सरकारी भूमि पर किराये के आधार पर अस्थायी शेडों को शराब के ठेकों के रूप में उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा, जिससे विक्रेता अधिक सुव्यवस्थित ढंग से संचालन कर सकें तथा प्रशासन के लिए अतिरिक्त राजस्व सृजित हो सके।
उपायुक्त-सह-आबकारी आयुक्त ने सभी प्रतिभागियों की बात ध्यानपूर्वक सुनी और व्यापार द्वारा दिए गए व्यावहारिक सुझावों की सराहना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि जनहित, राजस्व हितों तथा ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ को ध्यान में रखते हुए, जहां भी संभव होगा, इन सुझावों पर विचार कर उन्हें आबकारी नीति 2026–27 में समाहित किया जाएगा।
लंबित मामलों के संबंध में गंभीरता से संज्ञान लेते हुए, उपायुक्त-सह-आबकारी आयुक्त ने आबकारी विभाग को निर्देश दिए कि नए लाइसेंसों की स्वीकृति तथा लेबल अनुमोदन से संबंधित सभी लंबित मामलों का निपटान एक सप्ताह के भीतर सुनिश्चित किया जाए।
उपायुक्त-सह-आबकारी आयुक्त ने हालिया रिपोर्टों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की, जिनमें यह सामने आया है कि कुछ विक्रेता सोशल मीडिया पर रील्स बनाकर आबकारी विभाग द्वारा स्वीकृत दरों से कम कीमतों पर शराब की बिक्री का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की गतिविधियां आबकारी अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन हैं और इन्हें अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा। दोषी पाए जाने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध आबकारी अधिनियम एवं उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन की पारदर्शी, कुशल एवं व्यापारी-अनुकूल आबकारी व्यवस्था सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि आबकारी नीति को अधिक उत्तरदायी, प्रगतिशील एवं कानूनसम्मत बनाने हेतु नियमित रूप से हितधारकों के साथ परामर्श की प्रक्रिया जारी रहेगी।