चण्डीगढ़, 13.11.25- : पीजीजीसीजी-42 की प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अनीता कौशल के मार्गदर्शन में कॉलेज के एनएसएस विंग ने आज हिस्ट्री डिपार्टमेंट के साथ मिलकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदायों का योगदान विषय पर एक लेक्चर आयोजित करके जनजातीय गौरव दिवस मनाया। स्पीकर डॉ. पूर्णेंदु रंजन, एसोसिएट प्रोफेसर, हिस्ट्री थे। उन्होंने बताया कि कैसे आदिवासी समुदाय ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ प्रतिरोध के पायनियर थे और अक्सर मुख्यधारा के आंदोलनों से बहुत पहले विद्रोह शुरू करते थे। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपने भूमि अधिकारों के उल्लंघन, पारंपरिक वन जीवन में बाधा और बाहरी लोगों द्वारा शोषण के कारण कई स्थानीय विद्रोह किए। उन्होंने संथाल विद्रोह, मुंडा विद्रोह, कोल विद्रोह और रम्पा विद्रोह जैसे उल्लेखनीय आंदोलनों के बारे में बात की। ये संघर्ष, जो अपार साहस और बलिदान की विशेषता रखते थे, ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देने और आदिवासी स्वायत्तता और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण थे।