थानाकलां-खुरवाईं रोड़ वाया त्यार एक माह के लिए बंद, यातायात वैकल्पिक मार्ग पर डायवर्ट
ऊना, 16 अक्तूबर। थानाकलां-खुरवाईं रोड़ वाया त्यार (किलोमीटर 3/300 से 6/600) 17 अक्तूबर से 17 नवम्बर (एक माह) तक बंद रहेगा। इस अवधि के दौरान यातायात को ककराणा, घुंगन, हरोट और थानाकलां से क्यारियां रोड़ पर मोड़ा गया है।
उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने इस संबंध में मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 115 और 116 के तहत आदेश जारी किए हैं ताकि सड़क अपग्रडेशन सहित अन्य निर्माण कार्यों को सुचारू और त्वरित किया जा सके।
उपायुक्त ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि लोगों को पहले से सूचित करने के लिए सड़क पर संकेतक बोर्ड लगाए जाएं और सूचना प्रसार के सभी माध्यमों का उपयोग किया जाए। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि इस अवधि में यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करें।
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पीएनबी आरसेटी ऊना में कंस्ट्रक्शन एंड मेसनरी वर्क पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आरंभ
ऊना, 16 अक्तूबर. पंजाब नेशनल बैंक आरसेटी ऊना में ‘कंस्ट्रक्शन एंड मेसनरी वर्क’ विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला गुरुवार को आरंभ हुई। कार्यशाला का शुभारंभ नगर निगम ऊना के संयुक्त आयुक्त मनोज कुमार ने किया।
यह कार्यशाला हिमाचल प्रदेश के विभिन्न आरसेटी संस्थानों से आए अभ्यर्थियों के लिए आयोजित की गई है।
मनोज कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कंस्ट्रक्शन एंड मेसनरी वर्क प्रशिक्षण का यह पहला बैच ऊना से प्रारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य निर्माण कार्य क्षेत्र में दक्षता और गुणवत्ता को बढ़ावा देते हुए ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षित प्रशिक्षकों की एक सशक्त श्रृंखला तैयार करना है। यह प्रशिक्षण “डोमेन स्किल ट्रेनर एंड सर्टिफिकेशन” कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय प्रशिक्षण उपरांत प्रतिभागियों को प्रमाणित प्रशिक्षक के रूप में मान्यता प्राप्त होगी, जिसके पश्चात वे प्रदेश ही नहीं, देशभर में मेसनरी क्षेत्र में प्रशिक्षण देने के पात्र होंगे।
राज्य नियंत्रक आरसेटीज, हिमाचल प्रदेश डॉ. अंबिका साहू ने बताया कि राज्य के सभी जिलों से चयनित प्रतिभागियों को इस प्रशिक्षण में शामिल किया गया है। प्रशिक्षण के उपरांत अभ्यर्थियों का कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट और स्किल टेस्ट विषय विशेषज्ञों द्वारा लिया जाएगा। डॉ. साहू ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में प्रदेश को कुल 1150 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 10 आरसेटी संचालित हैं, जिनमें प्रत्येक को 150 प्रशिक्षु तैयार करने का लक्ष्य दिया गया है। सफल प्रतिभागियों को रूरल मेसन ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत प्रमाणित प्रशिक्षक के रूप में पैनल में शामिल किया जाएगा।
मुख्य अग्रणी बैंक प्रबंधक संजीव सक्सेना ने बताया कि पीएनबी आरसेटी ऊना की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी। अब तक यहां 64 प्रकार की प्रशिक्षण योजनाओं के माध्यम से 372 बैचों में 9845 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इनमें से 2694 अभ्यर्थियों ने बैंकिंग सहायता से तथा 3569 ने बिना क्रेडिट लिंक के स्वयं का व्यवसाय शुरू किया है। संस्थान लगभग 70 प्रतिशत सेटलमेंट रेशो बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि आरसेटी की विशेषता यह है कि प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों का दो वर्षों तक फॉलो-अप किया जाता है, ताकि उन्हें अपने व्यवसाय की स्थापना में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
इस अवसर पर आरसेटी ऊना के निदेशक सुधीर कुमार, डीडीएम नाबार्ड ऊना सबीना राजवंशी, डीपीएम ऊना ज्योति शर्मा, एफएलसी आरबीआई ऊना आर.के. डोगरा, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर पीएनबी आरसेटी आकाश भारद्वाज, नगर निगम ऊना से मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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*ऊना जिले में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के क्षेत्र कार्य शुरू, उपायुक्त ने नागरिकों से सहयोग का किया आह्वान*
ऊना, 16 अक्तूबर. उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने जिले के सभी नागरिकों से राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण में पूर्ण सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार का आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सहयोग से राज्य में विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर यह सर्वेक्षण कार्य कर रहा है।
उन्होंने बताया कि इसी क्रम में जिला ऊना में विभाग के प्रगणक सितम्बर, 2025 से टैब एप्लीकेशन के माध्यम से घर-घर जाकर जानकारी एकत्र कर रहे हैं। यह कार्य चयनित गांवों और शहरी वार्डों में किया जा रहा है। सर्वेक्षण के माध्यम से जुटाई जा रही सूचनाओं से नागरिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का यथार्थ आंकलन किया जाएगा, जो सरकार की विकास योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
उपायुक्त ने कहा कि नागरिकों द्वारा दी गई सभी जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। उन्होंने अपील की कि लोग सर्वेक्षण कर्मियों को सही, सटीक और वास्तविक जानकारी प्रदान करें, ताकि जिला ऊना में यह कार्य सर्वोत्तम गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा सके।
उन्होंने सभी नागरिकों, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में क्षेत्रीय कर्मचारियों को आवश्यक सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण जिला और राज्य स्तर पर योजनाओं के निर्माण तथा जनजीवन के स्तर को ऊंचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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भूकंपरोधी भवन बनाने को लेकर पूर्वी कला मंच के कलाकारों ने जगाई अलख
हरोली और टाहलीवाल में नुक्कड़-नाटकों के जरिए लोग किए जागरूक
ऊना, 16 अक्तूबर - जिला आपदा प्रबंधन एवं प्राधिकरण ऊना द्वारा आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण और समर्थ कार्यक्रम 2025 के तहत गुरूवार को हरोली उपमंडल के मेन बाजार हरोली और टाहलीवाल चौक में लोगों को भूकंप सुरक्षित भवन निर्माण करने को लेकर जागरूक किया गया। इस दौरान सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से संबद्ध फोक मीडिया गु्रप पूर्वी कला मंच जलग्रां टब्बा के कलाकारों ने लोगों को सुरक्षित भवन निर्माण के विभिन्न तौर तरीकों और मूलभूत ज्ञान से अवगत करवाया। कलाकारों ने बताया कि भवन चाहे अवासीय हों या गैर आवासीय उसका निर्माण भूकंपरोधी तरीके से किया जाना चाहिए ताकि किसी भी आपदा के समय जानमाल के नुकसान को रोका जा सके। भवनों में किसी भी प्रकार का संरचनात्मक बदलाव करने से पहले अभियंता से परामर्श अवश्य लें ताकि भूकम्प से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। कलाकारों ने लोगों को भूकंपरोधी भवन बनाने के लिए उत्तम सीमेंट मोर्टार, क्षैतिज भूकंपरोधी बैंर्ड, इंट की दीवारों का सुदृढ़ीकरण, उद्धघाटनों के जांब्स में खड़ी सुदृढ़ीकरण और नींव बनाने में प्रयोग होने वाले आवश्यक तत्वों बारे भी जागरूक किया।इसके अलावा कलाकारों ने आपदा की रोकथाम के लिए पर्यावरण संतुलन के महत्त्व के विषय में कलाकारों द्वारा पेड़ लगाओ -पर्यावरण बचाओ समूह गान भी प्रस्तुत किया गया जिसमें पौधारोपण के महत्व तथा भूमि कटाव की रोकथाम बारे विशेष संदेश दिया गया।
यहां-यहां होंगे कार्यक्रम
इसी कड़ी में समर्थ 2025 कार्यक्रम के तहत 17 अक्तूबर को ईसपुर और पंजावर/पंडोगा, 18 अक्तूबर को ऊना और झलेड़ा, 19 अक्तूबर को संतोषगढ़ और मैहतपुर, तथा 20 अक्तूबर को लठियाणी और थानाकलां में पूर्वी कलामंच जलग्रां टब्बा के कलाकारों द्वारा लोगों को भूकंपरोधी भवन बनाने को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 21 अक्तूबर को बंगाणा और खुरवाईं, 22 अक्तूबर को चिंतपूर्णी और भंजाल, 23 अक्तूबर को अंब और नैहरियां, 24 अक्तूबर को गगरेट और शिवबाड़ी तथा 25 अक्तूबर को कुनेरन और ओईल में आरके कलामंच चिंतपूर्णी के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों को भूकपं सुरक्षित भवन निर्माण के साथ-साथ आपदा जोखिमों और उपायों बारे जागरूक किया जाएगा।
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