घुमारवीं (बिलासपुर), 05 अक्तूबर: नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास तभी संभव है जब वह पढ़ाई के साथ-साथ अन्य सह पाठयक्रम गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग लें। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के संतुलित विकास के लिए खेलकूद, कला व संस्कृति, वाद-विवाद तथा समाज सेवा जैसी विभिन्नि गतिविधियों में भी भाग लेना आवश्यक है।

राजेश धर्माणी आज राजकीय छात्रा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घुमारवीं में आयोजित चार दिवसीय अंडर-19 जिला स्तरीय छात्रा खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस प्रतियोगिता में जिला बिलासपुर के दस स्कूल जोन और पंद्रह डायरेक्ट पार्टिसिपेशन स्कूलों से कुल 543 छात्राएं हॉकी, टेबल टेनिस, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, जुडो, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, खो-खो और रेसलिंग जैसी खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कक्षा के बाहर आयोजित होने वाली ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेना अत्यंत आवश्यक है। इनसे न केवल विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, अनुशासन, सहयोग और नेतृत्व क्षमता जैसी गुणों का विकास होता है बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न होती है तथा जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
राजेश धर्माणी ने विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत और लग्न के साथ आगे बढ़ने को प्रेरित करते हुए कहा कि बिना मेहनत किसी भी क्षेत्र में सफलता पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में स्मार्ट वर्क के साथ की गई कड़ी मेहनत व्यक्ति को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा कि आज बेटियां समाज के किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। विज्ञान, प्रशासन, राजनीति, उद्योग, पत्रकारिता, पुलिस, सेना, कला, संस्कृति और खेल जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। प्रदेश सरकार महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में प्रोत्साहन देने को प्रतिबद्ध है और राज्य में ऐसी नीतियां लागू की जा रही हैं, जिनसे बेटियां आत्मनिर्भर बनें, आत्मविश्वास से भरपूर हों और समाज में नेतृत्व की भूमिका में खड़ी हो सकें। हिमाचल प्रदेश की महिलाएं व बेटियां पर्वतीय सीमाओं से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारी बेटियां प्रेरणा का प्रतीक बन चुकी हैं तथा समाज को नई दिशा दे रही हैं।

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार बच्चों की शिक्षा पर बजट का लगभग 20 प्रतिशत खर्च कर रही है ताकि राज्य के सभी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके तथा वह अपने परिवार, समाज और देश का नाम रोशन कर सकें।

उन्होंने राजकीय छात्रा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मोरसिंघी की छात्राओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने शानदार मार्च पास्ट प्रस्तुत किया और खेलों में निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। इस स्कूल की छात्राएं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने अन्य स्कूलों के शिक्षकों से भी अपने विद्यार्थियों को मेहनत और लग्न के लिए प्रेरित करने को कहा ताकि प्रत्येक विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का संपूर्ण उपयोग कर सके और समाज में सकारात्मक योगदान दे सके।

इस अवसर पर राजेश धर्माणी ने राज्य, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बेटियों को सम्मानित किया और उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
इससे पहले स्थानीय स्कूल की प्रधानाचार्य परमजीत ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा खेल आयोजन बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर उपनिदेशक उच्च शिक्षा रेनु कौशल, जगदीश, एपीएमसी के अध्यक्ष सतपाल, नगर परिषद के मनोनीत पार्षद मदन, यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष ललित चौहान सहित विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य और शिक्षकों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।