सोलन -दिनांक 09.07.2025
मुख्यमंत्री सुखाश्रय एवं इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना बेसहारा के लिए आशा की किरण
प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री सुखाश्रय तथा इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजनाएं बेसहारा बच्चों के लिए रोशनी की किरण बनकर उभरी हैं। सोलन ज़िला में इस वर्ष इन योजनाओं के तहत एक करोड़ 60 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। यह जानकारी आज यहां उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने दी।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार बेसहारा बच्चों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित कर रही है ताकि यह बच्चे समय पर सहायता प्राप्त कर अपनी प्रतिभा के माध्यम से बेहतर अर्जित कर सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता तथा निराश्रित महिलाओं के 18 वर्ष तक के बच्चों और दिव्यांग माता-पिता के 18 वर्ष तक के बच्चों को हर महीने एक हजार रुपए तक की सहायता प्रदान की जा रही है। योजना के तहत पात्र परिजनों की वार्षिक आय एक लाख रुपए से कम होनी चाहिए। इस वर्ष योजना के तहत 18 वर्ष तक के 1155 बच्चों को 81 लाख 35 हजार 130 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, निराश्रित महिलाओं एवं दिव्यांग माता-पिता के 18 से 27 वर्ष के बच्चों को सरकारी संस्थानों में उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए होने वाले खर्च को भी प्रदेश सरकार वहन कर रही है। योजना के तहत पात्र परिजनों की वार्षिक आय एक लाख रुपए से कम होनी चाहिए। सोलन ज़िला में ऐसे 34 बच्चों को उच्च एवं व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने पर इस वर्ष 2,53,946 रुपए खर्च किए गए हैं।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत 27 वर्ष तक के बेसहारा, परित्यक्त, अभित्यक्त एवं ट्रांसजेंडर बच्चों व व्यक्तियों जिनकी वार्षिक आय 05 लाख रुपए से कम है, को प्रति माह 04 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती है। सोलन ज़िला में ऐसे 187 बच्चों को 42,63,294 रुपए की सहायता प्रदान की गई है। उच्च शिक्षा, व्यावसायिक एवं कौशल विकास 17 बच्चों को 2,85,650 रुपए की राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि 08 बेसहारा बच्चों के विवाह पर 16 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बेसहारा बच्चों को घर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 03 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। ऐसे 13 बच्चों को आवास निर्मित करने के लिए एक लाख रुपए की पहली किश्त के रूप में 13 लाख रुपए उपलब्ध करवाए गए हैं।
उपायुक्त ने लोगों से आग्रह किया कि इन योजनाओं की पूरी जानकारी प्राप्त करें और अपने आस-पास पात्र बच्चों को लाभान्वित करने के लिए उचित स्तर पर जानकारी उपलब्ध करवाएं।
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सोलन-दिनांक 09.07.2025
सैनिक कीट के नियंत्रण के लिए ज़िला व खण्ड स्तर पर समितियां गठित
ज़िला सोलन में मक्की की फसल में लगने वाले सैनिक कीट के सम्भावित नियंत्रण के लिए ज़िला व खण्ड स्तर पर नियंत्रण समिति का गठन किया गया है। यह जानकारी कृषि विभाग सोलन के उप निदेशक डॉ. देव राज कश्यप ने दी।
डॉ. देव राज कश्यप ने कहा कि यह नियंत्रण समिति किसानों को मक्की की फसल में लगने वाले सैनिक कीट की निगरानी एवं नियंत्रण में सहायता करेगी।
उन्होंने कहा कि ज़िला स्तर पर सोलन क्षेत्र के लिए ज़िला कृषि अधिकारी डॉ. अरुण कुमार के मोबाईल नम्बर 94186-13213 तथा कण्डाघाट के लिए कीट वैज्ञानिक डॉ. अनुराग शर्मा के मोबाईल नम्बर 98170-55814 व 98179-55814 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
डॉ. देव राज कश्यप ने कहा कि खण्ड स्तरीय नियंत्रण समिति में सोलन क्षेत्र के लिए विषय विशेषज्ञ डॉ. जोगिन्द्र पाल के मोबाईल नम्बर 82197-70677 तथा कृषि विज्ञान अधिकारी डॉ. किरण कौशल के मोबाईल नम्बर 70181-83384, कण्डाघाट क्षेत्र के लिए विषय विशेषज्ञ डॉ. अंजलि के मोबाईल नम्बर 89008-36205 तथा कृषि विकास अधिकारी डॉ. तिलक राज के मोबाईल नम्बर 98161-65023 पर सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुनिहार क्षेत्र के लिए विषय विशेषज्ञ डॉ. टेक सिंह के मोबाईल नम्बर 98160-20693, कृषि विकास अधिकारी डॉ. मनोज के मोबाईल नम्बर 70183-06808, कृषि प्रसार अधिकारी दया चंद के मोबाईल नम्बर 86270-43618 तथा कृषि प्रसार अधिकारी अमर सिंह के मोबाईल नम्बर 98160-78141 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि नालागढ़ क्षेत्र के लिए विषय विशेषज्ञ डॉ. संदीप गौतम के मोबाईल नम्बर 94180-44185 व 82787-30018, कृषि विकास अधिकारी डॉ. भोपाल के मोबाईल नम्बर 94180-90458 तथा कृषि प्रसार अधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार के मोबाईल नम्बर 70189-42792 पर सम्पर्क किया जा सकता है। धर्मपुर क्षेत्र के लिए विषय विशेषज्ञ डॉ. ईशान मेहता के मोबाईल नम्बर 88943-67472, कृषि प्रसार अधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार के मोबाईल नम्बर 96250-52136 तथा कृषि विकास अधिकारी डॉ. रमेश के मोबाईल नम्बर 94182-55588 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह समितियां ज़िला के विभिन्न स्थानों पर स्वयं सहायता समूह, पंचायतों, महिला मण्डलों, उन्नतशील किसानों, राजस्व कर्मचारियों तथा फसल बीमा योजना के कर्मचारियों के साथ शिविरों का आयोजन करेंगी।
उन्होंने कहा कि इस समूचे तंत्र की निगरानी के लिए कृषि उपनिदेशक डॉ. देव राज कश्यप तथा अधीक्षक हरिन्द्र मलिक को प्राधिकृत किया गया है।
उप निदेशक ने कहा कि यदि किसी किसान को मक्की की फसल में सैनिक कीट लगने की आशंका होती है तो वह क्षेत्र की गठित समितियों को सम्पर्क कर सकते हैं।