देश में पिछले कम से कम डेढ़ महीने से ऊपर महिला पहलवान कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित तौर पर किये गये यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं । विनेश फौगाट , साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया इनका नेतृत्व कर रहे हैं । सरकार कोई नोटिस नहीं ले रही । एफआईआर दर्ज होने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही सामने न आना इस बात को पुख्ता कर रहा है । सरकार इसे लम्बा खींचकर दबाने की कोशिश में दिख रही है । जिस तरह से इन पहलवानों को नये संसद भवन के उद्घाटन की आड़ में सड्कों पर घसीटा गया उससे सरकार की मंशा और भी जाहिर होकर सामने आई कि जैसे तैसे इन्हें जंतर-मंतर से हटा दिया जाये और सरकार को सफलता भी मिली । फिर ये पहलवान हरिद्वार पहुंचे अपने मेडल गंगा में विसर्जित करने लेकिन इन्हें न तो वहां के पंडितों ने ऐसा करने दिया और न ही किसान नेता नरेश टिकैत ने !
अब कुरूक्षेत्र में खापों की महापंचायत हुई है जिसमें नौ जून तक बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी करने का अल्टीमेटम दिया गया है । यदि ऐसा नहीं होता तो फिर से यह आंदोलन देश भर में शुरू करने की चेतावनी दी है । यह आंदोलन फिर से जंतर-मंतर पर लौट सकता है ।

अभी तक महिला पहलवानों ने एफआईआर में जो आरोप कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर लगाये थे सामने नहीं आये थे । अब सार्वजनिक हुए हैं तो रोंगटे खड़े हो रहे हैं । कितने शर्मनाक आरोप ! कलेजा छलनी छलनी हो जाये ! जानबूझकर महिला पहलवानों को छूने का कोई न कोई बहाना ढूंढना और छूने से बचने पर यह रौब दिखाना कि ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश न कर , आगे कोई प्रतियोगिता नहीं खेलती है क्या ? यही तो बृजभूषण शरण सिंह का सबसे बड़ा दांव था महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के लिये ! अब इन बातों के सबूत मागें जा रहे हैं । जो उत्पीड़न अकेले में होटल में हुआ हो उसके सबूत कैसे और कहा से लायें ? होटल मे मेज के नीचे से पैर से पैर टकराने की वीडियो कैसे बने ? फोटो खिंचवाने के बहाने पीठ पर या कंधे पर हाथ फिराने के सबूत कैसे जुटायें ? बृजभूषण सिह ने अपने बेटे के चुनाव प्रचार इन स्टार महिला पहलवानों से दवाब में करवाया, इसका क्या सबूत दें ? क्या सरकार अपनी बेटियों को ऐसे ही शर्मसार होते देखती रहेगी और बृजभूषण खुले घूमते रहेंगे ?
पहले ओलम्पिक गोल्ड विजेता नीरज चोपड़ा, फिर सानिया मिर्जा और अब क्रिकेट खिलाडी कपिल देव, मदनलाल और सुनील गावस्कर ने भी इस प्रकरण पर दुख जताया है । शुक्र है ये खिलाड़ी इनके समर्थन में आगे आये । हरियाणा की महिला कोच तो खेलमंत्री संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए भी अकेली पड़ गयी । कितने दुख की बात है । तब ये महिला पहलवान इसके समर्थन में अपनी आवाज मिला देतीं तो ये दिन न देखने पड़ते !
दुख नहीं कोई कि अब उपलब्धियों के नाम पर
और कुछ हो न हो , आकाश ही छाती तो है ! ( दुष्यंत कुमार )
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।
9416047075