स्वारघाट, 1 मई, 2025:अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर आज स्वारघाट में हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि विशेष अतिथि के रूप में नालागढ़ के विधायक एवं इंटक के प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित नरदेव सिंह कंवर ने इस अवसर पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस श्रमिकों के योगदान को सम्मानित करने तथा उनके अधिकारों और कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार निर्माण कामगारों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और बोर्ड के माध्यम से 14 कल्याणकारी योजनाओं को सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा है।

इस अवसर पर कंवर ने बिलासपुर और सोलन जिलों के 421 पंजीकृत कामगारों को विभिन्न मदों के अंतर्गत 1.40 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता जारी करने की घोषणा की। यह सहायता शिक्षा, विवाह, स्वास्थ्य उपचार, मृत्यु एवं अंतिम संस्कार इत्यादि के लिए प्रदान की जा रही है, जो आगामी तीन दिनों में पारदर्शी एवं समयबद्ध प्रक्रिया के तहत वितरित कर दी जाएगी।

कंवर ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बोर्ड द्वारा अब तक प्रदेश के 27 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया जा चुका है, जिससे ज़मीनी स्तर पर श्रमिकों की समस्याओं को समझकर उनका समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 'हिम परिवार' पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने बोर्ड द्वारा दी जा रही प्रमुख सुविधाओं की जानकारी देते हुए बताया: विधवाओं, अकेली महिलाओं एवं दिव्यांग श्रमिकों को स्थायी आवास हेतु 3 लाख रुपये की सहायता, स्वास्थ्य उपचार हेतु 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक की सहायता, पहली कक्षा से पीएच.डी. तक पढ़ रहे बच्चों को प्रतिवर्ष 8,400 रुपये से 1.20 लाख रुपये तक की शैक्षणिक सहायता, 60 वर्ष से अधिक आयु के सेवानिवृत्त श्रमिकों को प्रति माह 1,000 रुपये पेंशन, स्थायी अपंगता की स्थिति में प्रति माह 5,000 रुपये की सहायता, श्रमिक की मृत्यु की स्थिति में आश्रितों को 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की सहायता, दो बेटियों की शादी के लिए 51,000 रुपये की सहायता, महिला श्रमिकों को 25,000 रुपये तथा पुरुष श्रमिकों को 6,000 रुपये की मातृत्व सहायता, मृत शिशु जन्म की स्थिति में 20,000 रुपये तथा गर्भपात की स्थिति में 15,000 रुपये की सहायता, और अंतिम संस्कार के लिए 20,000 रुपये की सहायता।

विशेष अतिथि बाबा हरदीप सिंह ने अपने संबोधन में श्रम दिवस के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि वर्ष 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में श्रमिकों ने आठ घंटे कार्यदिवस की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था। भारत में पहली बार 1923 में चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में श्रम दिवस मनाया गया, जिसने देश में श्रमिक अधिकारों के सशक्त आंदोलन की नींव रखी।

कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस महासचिव विकास ठाकुर, इंटक नेता रूप सिंह, जगतार सिंह, प्रेम भाटिया, धर्म सिंह सहगल, श्रम कल्याण अधिकारी स्वाति शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में श्रमिक समुदाय के लोग उपस्थित रहे।